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बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में ‘अनुसंधान पद्धति और सांख्यिकी तकनीकों का उपयोग – डेटा से निर्णय तक’ विषय पर आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला का हुआ समापन 

           बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर में दिनांक 12 दिसंबर को सांख्यिकी विभाग की ओर से ‘अनुसंधान पद्धति और सांख्यिकी तकनीकों का उपयोग – डेटा से निर्णय तक’ विषय पर आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला का समापन हुआ। समापन सत्र की अध्यक्षता विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने की। मुख्य अतिथि के तौर पर लखनऊ विश्वविद्यालय के सांख्यिकी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. शशि भूषण मौजूद रहे। इसके अतिरिक्त मुख्य तौर पर सांख्यिकी विभाग के विभागाध्यक्ष एवं स्कूल ऑफ फिजिकल एंड डिसीजन सांइसेज के संकायाध्यक्ष प्रो. सुरिंदर कुमार, प्रो. मधुलिका दुबे एवं कार्यक्रम संयोजक डॉ. राहुल वार्ष्णेय उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं मां सरस्वती और बाबासाहेब के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। विश्वविद्यालय कुलगीत गायन के पश्चात आयोजन समिति की ओर से कुलपति जी एवं शिक्षकों को पुष्पगुच्छ, स्मृति चिन्ह एवं शॉल भेंट करके उनके प्रति आभार किया गया। सर्वप्रथम प्रो. सुरिंदर कुमार ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों का स्वागत किया एवं सभी को कार्यक्रम के उद्देश्य एवं रुपरेखा से अवगत कराया।
          विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने आयोजन समिति को इस प्रकार के सार्थक कार्यक्रम के सफल आयोजन पर बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं और कहा कि शोध कार्य में सांख्यिकी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि इसका प्रयोग शोध के प्रत्येक चरण जैसे डेटा संग्रहण, विश्लेषण और निष्कर्षों आदि में किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि पीएचडी करना मात्र लक्ष्य नहीं होना चाहिए, बल्कि सांख्यिकी के उपयोग से ऐसी शोध करनी चाहिए जो समाज के लिए उपयोगी सिद्ध हो। बेहतर और प्रभावी शोध तक पहुँचने में सांख्यिकी की अहम भूमिका होती है और यही शोध आगे चलकर नीति-निर्माण (policy making) में भी योगदान देती है। इसके अतिरिक्त उन्होंने बहुविषयक शोध की महत्ता पर विस्तृत चर्चा की‌। साथ ही  विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे इस पाँच दिवसीय कार्यशाला में सीखे गए अनुभवों और तकनीकों को अपने भविष्य के शोध कार्य में लागू करें, ताकि उनका कार्य अधिक वैज्ञानिक, विश्वसनीय और समाजोपयोगी बन सके।
          मुख्य अतिथि प्रो. शशि भूषण ने “बहुविकलीय तकनीकें: क्लस्टर विश्लेषण” विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। प्रो. भूषण ने क्लस्टरिंग के सिद्धांतों, डेटा-आधारित विभाजन में इसके उपयोग, तथा विपणन, पर्यावरण अध्ययन, मशीन लर्निंग और सामाजिक विज्ञान जैसे आधुनिक क्षेत्रों में इसके अनुप्रयोगों की विस्तृत व्याख्या की।
          विभागाध्यक्ष एवं संकायाध्यक्ष प्रो. सुरिंदर कुमार ने अपने विचार रखते हुए कहा कि शोध के लिए डेटा जुटाना आज आसान है, परंतु केवल डेटा होना पर्याप्त नहीं है। उन्होंने बताया कि सांख्यिकी तकनीकों से विश्लेषित डेटा अधिक सटीक और वैज्ञानिक परिणाम देता है। सही सांख्यिकीय विधियों का उपयोग शोध की गुणवत्ता बढ़ाता है और महत्वपूर्ण निष्कर्ष स्पष्ट करता है। इसलिए, उत्कृष्ट शोध के लिए डेटा का संग्रहण के साथ-साथ उसका सांख्यिकीय विश्लेषण आवश्यक है।
          इसके बाद चर्चा एवं हैंड्स-ऑन सत्र आयोजित किया गया, जिसमें प्रतिभागियों को सिखाई गई तकनीकों का अभ्यास करने का अवसर मिला।
          अंत में डॉ. राहुल वार्ष्णेय ने धन्यवाद ज्ञापित किया। समस्त कार्यक्रम के दौरान विभिन्न डॉ. सुभाष कुमार यादव, डॉ. मीनाक्षी मिश्रा, डॉ. अमित कुमार मिश्रा, डॉ. प्रयास शर्मा, अन्य शिक्षक, शोधार्थी एवं प्रतिभागी मौजूद रहे।
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