उत्तर प्रदेशराज्य

यूपी में बाढ़ ने मचाई तबाही, प्रयागराज में में सात किशोर डूबे

उत्तर प्रदेश में बारिश का कहर जारी है। बीते 24 घंटों में बिजनौर में सर्वाधिक 245 मिमी वर्षा दर्ज की गई। प्रयागराज, बदायूं, खीरी और अमरोहा में बारिश के कारण हुए हादसों में आठ लोगों की मौत हो गई। बरेली मंडल में ट्रेनों का संचालन बाधित हुआ है। कई जिलों में नदियां उफान पर हैं। मौसम विभाग के अनुसार बारिश की तीव्रता में गुरुवार से कमी आने का अनुमान है।

प्रयागराज में उफनाई नदियों में सात डूबे, पांच की मौत
बाढ़ से उफनाईं गंगा और ससुरखदेरी नदी में मंगलवार को सात लड़कों के डूबने से कोहराम मच गया। पहला हादसा थरवई में हुआ जहां मनसैता गांव स्थित भीम कुंडा मंदिर के पास गंगा में डूबे पांच लड़कों में से दो को तो ग्रामीणों ने बचा लिया लेकिन तीन की मौत हो गई। वहीं दूसरी घटना एयरपोर्ट थानाक्षेत्र के गांजा गांव के समीप हुई जहां ससुरखदेरी नदी में दो लड़कों की डूबने से मौत हो गई। बदायूं, खीरी और अमरोहा में दीवार गिरने से एक-एक युवक की मौत हो गई।

बरेली-शाहजहांपुर रेल खंड पर ट्रेन संचालन रुका
बरेली मंडल और खीरी में बीते तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण शाहजहांपुर रेल खंड पर बरखेड़ा के पास ट्रैक पर पानी भर गया, जिससे ट्रेन संचालन रोकना पड़ा। ओएचई लाइन पर शीशम का पेड़ गिरने से विद्युत सप्लाई भी बाधित हो गई।

खीरी में शारदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि घाघरा भी खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है। बनबसा बैराज से 1.53 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद खीरी के 34 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। पीलीभीत में कलीनगर और पूरनपुर के 22 गांवों में नदियों की तरफ जाने पर रोक लगा दी गई है। उरई में पांच नदियों में आई बाढ़ तो थम गई पर शहर के बीच से निकले मलंगा नाले में आई बाढ़ से सौ से अधिक मकानों में पानी घुस गया है।

इसमें तिलक नगर दड़वा, शांति नगर और उमरार खेड़ा सबसे ज्यादा प्रभावित है और यहां रहने वाले हजारों लोग मकानों की ऊपरी मंजिल या छतों पर रह रहे हैं। तीन दिन लगातार बारिश और पानी छोड़े जाने से तराई क्षेत्र समेत कई इलाकों में नदियों का पानी बढ़ गया है। गोंडा-बहराइच में घाघरा, श्रावस्ती में राप्ती, अयोध्या और बाराबंकी में सरयू खतरे के निशान को पार कर गई। सीतापुर में भी घाघरा का पानी खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। बलरामपुर में पहाड़ी नालों में उफान आ गया है। तराई क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांव बाढ़ पानी घिर गए हैं। एक दर्जन से अधिक गांवों में घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। लोगों घरों रखा गृहस्थी का सामान बह गया है। राप्ती नदी का जलस्तर भी चेतावनी बिन्दु के समीप पहुंच गया है।

पूर्वांचल में गंगा और अन्य नदियां उफान पर
पूर्वांचल में गंगा, सरयू और सोन नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। बलिया, गाजीपुर और चंदौली में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बलिया में पांच दर्जन से ज्यादा, गाजीपुर में 64 और चंदौली में 44 गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। मिर्जापुर में सड़कों पर पानी भर गया है, जिससे कई इलाकों से संपर्क टूट गया है। सोनभद्र में रिहंद बांध के सात और ओबरा बांध के पांच गेट खोले गए हैं, जिससे सोन नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। गोरखपुर मंडल में राप्ती, सरयू, रोहिन और बानगंगा जैसी नदियों का जलस्तर भी बढ़ रहा है। महराजगंज में महाव नाला और बड़ी गंडक नदी चेतावनी बिंदु को पार कर गई हैं।