उत्तर प्रदेशराज्य

गंगा महारानी शोभा यात्रा और आला हजरत उर्स में एआई तकनीक की एंट्री, बरेली पुलिस बनी स्मार्ट क्राउड मैनेजमेंट की मास्टर

बरेली, 21 अगस्त। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के अनुरूप बरेली में क्राउड कंट्रोल का जो मॉडल अपनाया गया, उसने सुरक्षा व्यवस्था को एक नए स्तर पर पहुँचा दिया। आईपीएस अंशिका वर्मा द्वारा विकसित हाईटेक डायनेमिक ड्यूटी मैनेजमेंट सिस्टम (DDMS) ऐप का प्रयोग पहली बार आला हजरत के उर्स और गंगा महारानी शोभायात्रा में किया गया। नतीजा यह रहा कि लाखों जायरीन के बीच भी भीड़ नियंत्रण, ट्रैफिक मैनेजमेंट और सुरक्षा ड्यूटी पूरी तरह स्मार्ट और पारदर्शी बनी रही।

QR कोड ड्यूटी कार्ड और मैप नेविगेशन-
सभी पुलिसकर्मियों को इस ऐप से लॉगिन आईडी और पासवर्ड दिए गए। बाहर से आई पुलिस और पीएसी फोर्स को भी अलग लॉगिन प्रदान किए गए।

पुलिसकर्मी ऐप में मौजूद मैप नेविगेशन से सीधे अपने ड्यूटी प्वॉइंट तक पहुँच सके।

ड्यूटी कार्ड अब QR कोड बेस्ड है, जिसे स्कैन करते ही प्रभारी और सहकर्मी की पूरी जानकारी सामने आ जाती है।

यह ऐप अब डेटाबेस की तरह भी काम करेगा। किसी भी आयोजन में एक क्लिक पर पता चल सकेगा कि किस जगह कितना फोर्स तैनात था।

डैशबोर्ड से अफसरों का फुल कंट्रोल-
डीडीएमएस ने अफसरों को एक सुपर स्मार्ट मॉनिटरिंग टूल दिया है।

अधिकारी डैशबोर्ड से सभी ड्यूटी प्वॉइंट लाइव मॉनिटर कर सकते हैं।

किसी भी समय सभी कर्मियों या किसी विशेष पुलिसकर्मी को अलर्ट जारी किया जा सकता है।

मूविंग ड्यूटी की लाइव ट्रैकिंग से शोभायात्रा और जुलूस की लोकेशन लगातार मॉनिटर होती रही।

सुरक्षा और ट्रैफिक मैनेजमेंट में क्रांति-
एसपी साउथ अंशिका वर्मा ने बताया कि करीब 1300 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी इसी सिस्टम से चेक की गई।

परिणाम यह हुआ कि उर्स और शोभायात्रा जैसे बड़े आयोजनों में भीड़ नियंत्रण और ट्रैफिक व्यवस्था पहले से कहीं आसान और सुरक्षित रही।
इस हाईटेक ऐप ने साबित किया कि टेक्नोलॉजी और पुलिसिंग के मेल से भीड़भाड़ वाले आयोजनों की सुरक्षा में क्रांतिकारी बदलाव लाया जा सकता है।

पूरे यूपी में होगा विस्तार-
बरेली में सफल प्रयोग के बाद इस एआई सिस्टम को प्रदेश के अन्य जिलों में भी परखा जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि आने वाले समय में बड़े धार्मिक और सामाजिक आयोजनों में इसी तकनीक का प्रयोग कर कानून-व्यवस्था, ट्रैफिक कंट्रोल और ड्यूटी चेकिंग को और अधिक प्रभावी बनाया जाए। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट