रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय में हिन्दी दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया
बरेली ,15 सितम्बर। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय के बी०एड०/एम०एड०विभाग में कल हिन्दी दिवस बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और ज्ञान की देवी मां सरस्वती को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए की।मंच का संचालन करते हुए कार्यक्रम के आयोजक डॉ० प्रेम पाल सिंह ने बताया कि हिंदी भाषा देश के विभिन्न धर्म तथा संस्कृतियों के लोगों को एकता के सूत्र में पिरोती है। मातृभाषा हिंदी की उन्नति के बिना किसी भी समाज की उन्नति संभव नहीं है ,उन्होंने बताया कि आजादी के मिलने के 2 साल बाद 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में एक मत से हिंदी को राजभाषा घोषित किया। इस निर्णय के बाद हिंदी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए राष्ट्रभाषा प्रचार समिति वर्धा के अनुरोध पर 1953 से पूरे भारत में 14 सितंबर को हर साल हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। हमें हिंदी बोलने एवं हिंदी में कार्य करने से संकोच नहीं करना चाहिए बल्कि अपनी हिंदी भाषा पर गर्व का अनुभव करना चाहिए। हिंदी दिवस के अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही प्रोफेसर अंजू अग्रवाल ने कहा कि हमें हिंदी भाषा को बोलने में बिल्कुल भी हीनता नहीं रखनी चाहिए क्योंकि दूसरी भाषा का ज्ञान अर्जित करने में भी पहले हमें हिंदी की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।इस अवसर पर विशिष्ट वक्ता के रूप में प्रोफेसर सुधीर कुमार वर्मा ने हिंदी को विचारों का आदान-प्रदान करने का सशक्त माध्यम बताया और इस अवसर पर डॉ०तरुण राष्ट्रीय जी ने कविता के माध्यम से हिंदी के महत्व को अवगत कराया। इस अवसर पर बी० एड० और एम०एड०.के छात्र-छात्राओं – उत्पल धवन, स्वर्णिम गुप्ता, मोनिका कुमारी, आस्था और भूपेंद्र कुमार ने अपनी सहभागिता करके अपने भाव एवं विचार अभिव्यक्त किए। इस अवसर पर डॉ० ज्योति पांडे, डॉ० कीर्ति प्रजापति, विमल कुमार और विभाग के समस्त शीधार्थी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ प्रतिभा सागर ने किया और उसके बाद राष्ट्रगान किया गया।
बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट