मा0 मंत्री मत्स्य विभाग की अध्यक्षता में समस्त तहसीलों के तालाब व पोखरों के पट्टाधारकों तथा विभिन्न विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय बैठक हुई सम्पन्न

बरेली, 09 नवम्बर। माननीय मंत्री मत्स्य विभाग डॉ0 संजय कुमार निषाद की अध्यक्षता में कल जनपद की समस्त तहसीलों के तालाब व पोखरों (राजस्व, सिंचाई, वन व मत्स्य) के पट्टाधारकों तथा विभिन्न विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय बैठक विकास भवन स्थित सभागार में सम्पन्न हुई।
बैठक में मा0 मंत्री जी ने पट्टाधारकों से जानकारी ली कि उन्हें पट्टा लेने में कहीं कोई दिक्कत तो नहीं आयी है तथा स्वीकृति प्रमाण पत्र मिल गया है या नहीं। बैठक में कुछ पट्टाधारकों ने अपनी समस्याओं को मा0 मंत्री जी समक्ष रखा, जिस पर मा0 मंत्री जी ने सम्बंधित अधिकारियों को समस्याओं का निवारण करने के निर्देश दिये।
मा0 मंत्री जी ने मत्स्य विभाग से मिलने वाले लाभों के बारे में मत्स्य पालकों/पट्टाधारकों को जानकारी देते हुये बताया कि पट्टा मिलने के बाद आपका निशुल्क बीमा होता है, जिसमें व्यक्ति की क्षति होने पर पांच लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। दुर्घटना में मृत्यु पर पांच लाख रुपये से 2.5 लाख रुपये तक तथा चोटिल होने पर 25000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने पूछा की कितने पट्टाधारकों का बीमा हो गया है और कितने पट्टाधारकों को बीमा का प्रमाण पत्र मिला गया है। तदोपरांत सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन्हें बीमा का प्रपत्र नहीं मिला है उन्हें उपलब्ध कराया जाये।
मा0 मंत्री जी द्वारा पट्टाधारकों को जानकारी दी गई कि क्रेडिट कार्ड पर बिना गारंटी के 1.60 लाख रुपये तथा गारण्टी के साथ तीन लाख से 3.50 लाख रुपये की सुविधा भी उपलब्ध है। इसके साथ ही लीड बैंक अधिकारी को निर्देश दिये गये कि कैम्प लगाकर जिन पट्टाधारकों को अभी तक किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा नहीं मिली है उन्हें दिलायी जाये। आगे से पट्टा आवंटन के एक सप्ताह अंदर किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान किया जाये।
मा0 मंत्री जी द्वारा पट्टाधारकों को मछुआ कल्याण कोष योजना की भी जानकारी देते हुये बताया गया कि इसका लाभ उठाने के लिये मत्स्य विभाग की वेबसाइट पर जाकर चिकित्सा लाभ ऑप्शन में अपनी डिटेल भर सकते हैं, जिसमें पांच लाख रुपये तक का निशुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध है, जिसके लिये कम से कम सात दिन अस्पताल में भर्ती होना अनिवार्य है।
इसके अतिरिक्त जनपद के 10 अच्छे मछुहारों को चिन्हित कर अन्य राज्यों में प्रशिक्षण हेतु ले जाने की व्यवस्था, शिक्षा के लिये सहायता, महिलाओं को मछली जल्दी बढ़ाने वाली मशीन 70 हजार रुपये की मशीन 35 हजार रुपये के अनुदान पर उपलब्ध होना, तालाबों पर सोलर लाइट की व्यवस्था तथा 33 ऐसी परियोजनाएं जो यदि महिलाओं के नाम पर ली जाती है उसमें 60 प्रतिशत की छूट की व्यवस्था आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी।
उक्त के उपरांत मा0 मंत्री जी ने अधिकारियों के साथ समीक्षा करते हुये निर्देश दिये गये कि दो हेक्टेयर से ऊपर के तालाबों को समितियों को दिये जाने का प्राविधान है, वर्तमान में पांच समितियां है और समितियों का गठन किया जाये।
बैठक में निर्देश दिये गये कि जनपद में कितने ऐसे पोखर हैं जो मछली पालन योग्य हैं उसकी सूची तैयार की जाये तथा समस्त तहसीलों में विकसित व अर्द्धविकसितपोखरों की सूची बनाई जाये फिर उसे विकसित कराया जाये।
बैठक में निर्देश दिये गये कि मत्स्य विभाग की योजनाओं व आवंटित पट्टों आदि का प्रचार-प्रसार ग्राम सचिवालय पर सूची चस्पा करा व प्रचार वाहनों के माध्यम से कराया जाये। पट्टाधारकों को अच्छा बीज मिले इसके लिये समस्त नर्सरी को निगम के अन्तर्गत लाने की कार्यवाही की जा रही है।
बैठक में मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना की जानकारी दी गयी और प्रत्येक विकास खण्ड स्तर पर प्रशिक्षण दिये जाने के निर्देश दिये गये।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी जग प्रवेश, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 विश्राम सिंह, अपर जिलाधिकारी प्रशासन दिनेश, एस0पी0 सिटी मानुष पारिक, उप निदेशक मत्स्य, जल शक्ति विभाग के अधिकारी, मण्डी परिषद के अधिकारी, शिक्षा विभाग के अधिकारी, अग्रणी बैंक प्रबंधक, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, जिला सहकारिता के संबंधित अधिकारी, जिला परियोजना अधिकारी, एक्सियन विद्युत सहित सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
उक्त के उपरांत मा0 मंत्री जी ने सर्किट हाउस स्थित सभागार में समस्त तहसीलो के 46 पट्टाधारकों को स्वीकृति पत्र भी वितरित किये।
बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट
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