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इंटरनेशनल फिल्म इंस्टीट्यूट में यूपी के युवाओं को मिलेगी वरीयता, एक्टिंग और स्क्रिप्ट राइटिंग समेत कई विषयों में मिलेगा प्रशिक्षण

Yogi Adityanath, chief minister of Uttar Pradesh, speaks during a news conference in Lucknow, India, on Friday, March 19, 2021. The ruling Bharatiya Janata Party faces a slew of provincial elections this year and next, including in key Uttar Pradesh state, which sends the largest number of lawmakers to the parliament. Photographer: T. Narayan/Bloomberg via Getty Images

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के यमुना एक्सप्रेसवे के पास बनने वाली इंटरनेशनल फिल्म सिटी में एक अत्याधुनिक फिल्म इंस्टीट्यूट की स्थापना की जाएगी, जो राज्य के युवाओं, खासकर यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र और इसके आसपास के युवाओं के लिए सुनहरे अवसर लेकर आएगा। इस इंस्टीट्यूट में एक्टिंग, स्क्रिप्ट राइटिंग, एडिटिंग, वीएफएक्स, कैमरा ऑपरेशन, लाइटिंग, फैशन, मीडिया और मास कम्युनिकेशन जैसे विविध कोर्सेज में प्रशिक्षण दिया जाएगा। खास बात यह है कि प्रशिक्षण के बाद युवाओं को फिल्म सिटी में ही रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी। उल्लेखनीय है कि यमुना एक्सप्रेसवे के पास बनने वाली यह इंटरनेशनल फिल्म सिटी 230 एकड़ में पहले चरण के तहत विकसित की जा रही है, जिसमें 1,510 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

बॉलीवुड के प्रसिद्ध निर्माता बोनी कपूर और भूटानी ग्रुप के कंसोर्सियम बेव्यू भूटानी फिल्म सिटी प्रा. लि. द्वारा यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यीडा) के सेक्टर 21 में फिल्म सिटी का निर्माण करने जा रही है। निर्माण के पहले चरण में आगामी तीन साल के अंदर विभिन्न स्टूडियो और फिल्म इंस्टीट्यूट का निर्माण संपन्न होगा। कंपनी के जीएम राजीव अरोड़ा ने बताया कि यह फिल्म इंस्टीट्यूट अपनी तरह का अनोखा होगा। पहले चरण में 3 लाख स्क्वायर फीट क्षेत्र में इसका निर्माण किया जाएगा। इंस्टीट्यूट में आधुनिक तकनीकों से सुसज्जित कक्षाएं, स्टूडियो, एडिटिंग सुइट्स और वीआर लैब होंगे। छात्रों को वास्तविक फिल्म परियोजनाओं पर काम करने का अनुभव प्रदान किया जाएगा, साथ ही नवीनतम फिल्म तकनीकों तक उनकी पहुंच सुनिश्चित की जाएगी।

राजीव अरोड़ा ने कहा कि इंस्टीट्यूट में प्रशिक्षण और रोजगार दोनों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। खास तौर पर यमुना एक्सप्रेसवे और इसके आसपास के क्षेत्रों के युवाओं को पहली वरीयता मिलेगी, जबकि उत्तर प्रदेश के अन्य हिस्सों के युवा भी लाभान्वित होंगे। उन्होंने बताया कि मुंबई से स्टाफ लाने की तुलना में स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार देना अधिक किफायती होगा, जिससे फिल्म सिटी में ही स्टूडियो, प्रोडक्शन और अन्य क्षेत्रों में नौकरियां सृजित होंगी।

इंस्टीट्यूट में एक्टिंग, स्टोरी राइटिंग, स्क्रिप्ट राइटिंग, एडिटिंग, कैमरा ऑपरेशन, लाइटमैन, स्पॉट ब्वॉय, वीएफएक्स, फैशन और मास कम्युनिकेशन जैसे कोर्सेज उपलब्ध होंगे। इसके अलावा, फिल्म म्यूजिक से संबंधित प्रशिक्षण और सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। प्रोडक्शन हाउस के साथ साझेदारी के माध्यम से कार्यशालाएं, इंटर्नशिप और गेस्ट लेक्चर्स का आयोजन होगा, जिससे छात्रों को इंडस्ट्री के दिग्गजों से सीखने का मौका मिलेगा। फिल्म सिटी में फिल्मों के प्रीमियर आयोजित करने की व्यवस्था होगी, ताकि प्रोडक्शन हाउस को अपनी फिल्में लॉन्च करने के लिए अन्य शहरों में भटकना न पड़े। इसके साथ ही, फिल्मों, स्क्रिप्ट्स और अकादमिक सामग्री से युक्त एक समग्र संसाधन केंद्र भी स्थापित किया जाएगा। यह केंद्र छात्रों और फिल्म निर्माताओं के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में काम करेगा।

इंस्टीट्यूट में फिल्म महोत्सवों, प्रदर्शनियों और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा, जिसमें छात्रों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा। ये आयोजन न केवल छात्रों की रचनात्मकता को बढ़ावा देंगे, बल्कि उन्हें इंडस्ट्री में नेटवर्किंग और एक्सपोजर भी प्रदान करेंगे। फिल्म इंस्टीट्यूट के कैंपस में छात्रों के लिए छात्रावास, कैफेटेरिया, स्वास्थ्य केंद्र और मनोरंजन क्षेत्र जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। ये सुविधाएं छात्रों को एक आरामदायक और प्रेरणादायक वातावरण प्रदान करेंगी, जहां वे अपनी पढ़ाई और रचनात्मकता पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। यह फिल्म इंस्टीट्यूट न केवल युवाओं के लिए रोजगार और प्रशिक्षण का केंद्र बनेगा, बल्कि उत्तर प्रदेश को फिल्म निर्माण और मनोरंजन उद्योग का एक प्रमुख हब भी बनाएगा।