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Indian Air Force Day : एशिया के सबसे बड़े एयर शो में ‘स्वदेशी’ की दिखेगी धमक, पीएम मोदी होंगे शामिल!

प्रयागराज (Prayagraj) । Indian Air Force Day : भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) भारतीय वायु सेना (Air Force Day) भारतीय वायु सेना 8 अक्टूबर 2023 को अपनी 91वीं वर्षगांठ मनाएगी। ये पूरे देश सहित उत्तर प्रदेश के लिए बेहद गौरव का पल होगा, क्योंकि इस बार प्रयागराज (Prayagraj) में एयर शो (Air Force Day Parade And Flypast) का आयोजन किया जा रहा है. इसके लिए संगमनगरी खास रूप में नजर आएगी।

पीएमओ को कार्यक्रम के लिए भेजा गया पत्र
वायुसेना दिवस पर होने वाले एशिया के इस सबसे बड़े एयर शो में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भी आने की उम्मीद जताई जा रही है. इसे लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र भेजा गया है. पीएमओ से कार्यक्रम तय होने के बाद इसकी आधिकारिक पुष्टि की जाएगी. वहीं समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु मुख्य अतिथि होंगी. राष्ट्रपति भवन से इस संबंध में स्वीकृति दी जा चुकी है.

राष्ट्रपति होंगी कार्यक्रम की मुख्य अतिथि
इस खास मौके पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही कई प्रदेशों के राज्यपाल व मुख्यमंत्री के शमिल होंगे. 8 अक्टूबर को होने वाला यह दिव्य और भव्य समारोह संगम पर होगा, जिसमें आसमान में वायुवीर पराक्रम का प्रदर्शन करेंगे.

मनोरम नजारे के बीच लड़ाकू विमान कराएंगे रोमांच का अनुभव
दरअसल देश के विभिन्न भागों में वायु सेना दिवस समारोह की मेजबानी की नई परंपरा को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष की वायु सेना दिवस परेड और फ्लाईपास्ट का आयोजन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में किया जा रहा है. औपचारिक परेड वायु सेना स्टेशन बमरौली में आयोजित की जाएगी और वायु प्रदर्शन प्रयागराज में आयुध डिपो किले के करीब संगम क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा. इस मनोरम परिवेश में उड़ान भरते हुए विमानों का प्रदर्शन कार्यक्रम को बेहद आकर्षक बना देगा.

प्रयागराज में लड़ाकू विमान दिखाएंगे आसमान में करतब
प्रयागराज में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर जब आसमान में करतब दिखाएंगे, तो लोगों को रोमांच का अनुभव होगा. इसके लिए एयरफोर्स की सूर्यकिरण और सारंग टीम का रिहर्सल संगमनगरी में कर चुकी है. खास बात है कि आसमान में लड़ाकू विमानों के रोमांचित करने वाले हैरतअंगेज करतब को देखने का आनंद पांच वर्ष बाद प्रयागराज के लोगों को मिल सकेगा. इससे पहले 2018 में महाकुंभ के ठीक पहले संगम पर एयर शो का आयोजन किया गया था, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हुए थे.

एचएएल की अगली पीढ़ी का विमान दिखाएगा जलवा
बताया जा रहा है कि इस बार एचएलएफटी-42 को उतारा जाएगा. यह अत्याधुनिक विमान मौजूदा दौर के युद्ध के माहौल के लिए बेहद उपयोगी और इलेक्ट्रॉनिक और इंफ्रारेड खोजी वायर कंट्रोल सिस्टम से लैस है. इस शो में हिंदुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की अगली पीढ़ी का सुपरसोनिक युद्धक प्रशिक्षण विमान भी जलवा दिखाएगा.

स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान दिखाएंगे वायु सेना की ताकत
इसके साथ ही एयर शो में स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए 15 हेलीकॉप्टरों के जरिए आत्मनिर्भर विन्यास का प्रदर्शन किया जाएगा. इसमें अत्याधुनिक हल्के हेलीकॉप्टर प्रचंड, हल्के लड़ाकू हेलिकाप्टर और हल्के उपियोगिता वाले हेलीकॉप्टर भी शामिल होंगे. स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस, एचटीटी-40, डार्नियर लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर भी दिखेंगे. इसके साथ ही फाइटर प्लेन राफेल, सुखोई, मिग, मिराज भी देखने को मिलेंगे.

एयर शो की तैयारियां पूरी
इस बीच कमिश्नर विजय विश्वास पंत ने बताया कि भारतीय वायुसेना दिवस पर एयर शो की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. प्रयागराज में आयोजन के लिए प्रशासन, एयरफोर्स, पुलिस, नगर निगम, विद्युत व स्वास्थ्य विभाग के बीच समन्वय स्थापित कर तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया है. शहर से लेकर संगम तक जाने वाले मार्गों, चौराहों को और बेहतर किया गया, ताकि 8 अक्टूबर 2023 को अपनी 91वीं वर्षगांठ मनाएगी. ये पूरे देश सहित उत्तर प्रदेश के लिए बेहद गौरव का पल होगा, क्योंकि इस बार प्रयागराज में एयर शो का आयोजन किया जा रहा है. इसके लिए संगमनगरी खास रूप में नजर आएगी.

भारतीय वायु सेना का गौरवशाली इतिहास
इंडिया एयर फोर्स की स्थापना आधिकारिक तौर पर ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा 8 अक्टूबर 1932 को की गई थी. उस समय भारत में अंगेजों का शासन था और इसे रॉयल इंडियन एयर फोर्स नाम से जाना जाता था. इसके बाद 26 जनवरी 1950 को भारत के गणतांत्रिक देश बनाने पर ‘रॉयल’ उपसर्ग को हटा दिया गया. भारत की आजादी से पहले 1945 के द्वितीय विश्वयुद्ध में इसने सहायक सेना के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

इसके पहले चीफ एयर मार्शल सर थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट थे, जो 15 अगस्त 1947 से 22 फरवरी 1950 तक इस पद पर रहे. उन्होंने ही एयरफोर्स को आर्मी से आजाद करवाया था.हालांकि प्रथम भारतीय के रूप में एयर मार्शल सुब्रत मुखर्जी ने 1 अप्रैल 1954 को एयर फोर्स के चीफ आफ स्टाफ के रूप मे वायु सेना अध्यक्ष का पद भार सम्भाला था.

इंडियन एयरफोर्स का प्राथमिक मिशन भारतीय हवाई क्षेत्र को सुरक्षित करना तथा सशस्त्र संघर्ष के दौरान हवाई गतिविधियों का संचालन करना होता है. भारत की वायुसेना के प्रमुख ऑपरेशनों में ऑपरेशन कैक्टस, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन पूमलाई, और ऑपरेशन विजय शामिल है.

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