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भारतीय सेना को मिलेगा नए साल में अटैक हेलिकॉप्टर ‘अपाचे’, दुश्मन के लिए खतरे की घंटी

नई दिल्ली : नया साल स्वदेशी डिफेंस इंडस्ट्री के लिए नई उम्मीदें भी लेकर आएगा। डिफेंस सेक्टर में लगातार आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ने की कोशिश जारी है और आर्म्ड फोर्सेस की जरूरतों पूरी करने के लिए स्वदेशी इंडस्ट्री से कई कॉन्ट्रैक्ट भी साइन हुए हैं। जहां नए साल में भी टेक्नॉलजी ट्रांसफॉर्मेशन पर फोकस रहेगा वहीं LAC पर चीन के साथ गतिरोध पूरी तरह खत्म करने की चुनौती भी होगी।

भारतीय सेना को इस साल अटैक हेलिकॉप्टर ‘अपाचे’ मिलने की उम्मीद है। अमेरिका से आर्मी के लिए 6 अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर की डील हुई थी और पहला अपाचे फरवरी 2024 में मिलना था। लेकिन इंतजार काफी लंबा हो गया। यूपी के अमेठी के फैक्ट्री में बन रही एके-203 असॉल्ट राइफल भी इस साल से आर्मी को मिलना शुरू होने की उम्मीद है।

आर्मी को 100 से ज्यादा मैकेनाइज्ड इंफ्रेंट्री वीइकल मिलेंगे, 155 एमएम कैलिबर की अडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) का कॉन्ट्रैक्ट नए साल में साइन हो सकता है। इसके साथ ही टोड गन सिस्टम, पिनाका एक्सटेंडेट रेंज रॉकेट का भी कॉन्ट्रैक्ट साइन होने की उम्मीद है। आर्मी को नए साल में पिनाका की नई रेजिमेंट भी मिल सकती है। शॉर्ट रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल आकाश के नए वर्जन का पहला प्रोटोटाइप मार्च तक मिलने की उम्मीद है।

एयरफोर्स को इस साल तेजस मार्क-1ए मिलने शुरू होने की उम्मीद है। हालांकि, इसमें पहले ही काफी देरी हो गई है। एयरफोर्स के पास 42 फाइटर स्क्वॉड्रन होनी चाहिए। लेकिन इस वक्त एयरफोर्स के पास फाइटर एयरक्राफ्ट की 31 स्क्वॉड्रन हैं। मिग-21 बाइसन की दो स्क्वॉड्रन हैं। 2025 में मिग-21 बाइसन की ये दोनों स्क्वॉड्रन फेज आउट हो जाएगी। यह चुनौती है कि कैसे घटती स्क्वॉड्रन में दोनों मोर्चों के लिए खुद को तैयार रखना है। एयरफोर्स को इस साल एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 की बाकी दो यूनिट मिलने की भी उम्मीद है। इस साल एयरफोर्स को अपने फाइटर जेट के लिए ईस्टर्न लद्दाख में न्योमा एयरफील्ड भी मिल जाएगा।

नेवी में इस साल तीसरी न्यूक्लियर सबमरीन कमिशन होने की उम्मीद है। तीसरी न्यूक्लियर सबमरीन SSBN अरिधमान के अभी समंदर में ट्रायल चल रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि 2025 में ये नेवी में कमिशन होकर स्ट्रैटजिक फोर्सेस कमांड का हिस्सा बन जाएगी। भारत के पास अभी दो न्यूक्लियर सबमरीन (SSBN) ऑपरेशनल हैं। नेवी को 2025 में प्रोजेक्ट-15बी का चौथा और आखिरी डिस्ट्रॉयर- ‘सूरत’ भी मिल जाएगा। साथ ही कलवरी क्लास की एक और सबमरीन ‘वागशीर’ मिलेगी। नीलगिरी क्लास का पहला गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट ‘नीलगिरी’ साल 2025 में नेवी को मिलेगा। इंडियन ओशन रीजन में जिस तरह चीन अपनी मौजूदगी बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, उस चुनौती से नए साल में भी नेवी को निपटना होगा।

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