उद्योग जगत राजनीतिक, रणनीतिक नीतियों को ध्यान में रखते हुए खुद को पुनर्गठित करे : निर्मला सीतारमण
नई दिल्ली : उद्योग जगत को देश के राजनीतिक और रणनीतिक निर्णयों को ध्यान में रखते हुए अपनी नीतियों में बदलाव करना चाहिए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को यह बात कही। अगले दशक के लिए अर्थव्यवस्था की प्राथमिकताओं को रेखांकित करते हुए सीतारमण ने कहा कि वैश्विक शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के प्रयास किए जाने चाहिए और कहा कि युद्ध या किसी भी प्रकार के व्यवधान से बचा जाना चाहिए।
वित्त मंत्री ने कहा कि वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति एक बड़ी चुनौती है। इसका पहला कारण आपूर्ति शृंखला में व्यवधान है। यह हम सभी पर निर्भर है। इसलिए यह जरूरी है कि उद्योग, सरकार, नीति निर्माता, नागरिक और नागरिक मंच सामान्य स्थिति बहाल करने के प्रयास करें।
सीतारमण ने कहा कि कोविड महामारी के बाद अर्थव्यवस्था को अपनी ताकत हासिल करने के लिए और अधिक प्रयास करने होंगे और किसी भी झड़प या युद्ध से आपूर्ति शृंखला और खाद्य मूल्य शृंखला प्रभावित होगी।मंत्री ने दिल्ली में सीआईआई के वैश्विक आर्थिक नीति फोरम में कहा, ‘‘विश्व चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिसका असर अर्थव्यवस्था पर दिखता है।’’
आपूर्ति शृंखला के व्यवधानों से निपटने के तरीकों के बारे में बात करते हुए, सीतारमण ने कहा कि वर्तमान में आर्थिक प्राथमिकताओं को राजनीति और रणनीतिक जरूरतों के साथ मिलाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “जब हम आपूर्ति शृंखलाओं को सुचारु आपूर्ति शृंखलाओं के रूप में बहाल करने करने की बात करते हैं, तो हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि यह केवल अर्थशास्त्र नहीं है, यह उससे कहीं अधिक है… हमें न केवल आर्थिक दृष्टि से, बल्कि राजनीतिक और रणनीतिक दृष्टि से भी अपने निर्णय स्वयं लेने होंगे।”