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राजीव गाँधी राष्ट्रीय विमानन विश्वविद्यालय में नवागंतुक बी.टेक. छात्रों के लिए परिचय कार्यक्रम का आयोजन

रायबरेली: राजीव गाँधी राष्ट्रीय विमानन विश्वविद्यालय, फुरसतगंज, अमेठी में आज 26 अगस्त 2025 को बी.टेक. एयरोस्पेस इंजीनियरिंग व इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग– एवियोनिक्स के 2025 बैच के छात्र-छात्राओं के लिए नवागंतुक छात्र परिचय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को विश्वविद्यालय द्वारा संचालित पाठ्यक्रम, उनकी संरचरना, अकादमिक नियम, छात्रावास एवं उसमें उपलब्ध सुविधाएँ एवं उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षकों के साथ परिचय कराना था। नवागंतुक छात्र परिचय कार्यक्रम-2025 का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रो. हरीश हिरानी, निदेशक- राजीव गाँधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. भृगु नाथ सिंह, छात्र कल्याण के अधिष्ठाता डॉ. अनुप कुमार, कुलसचिव प्रो. एस. एल. हरिकुमार, वित अधिकारी श्री कुलदीपक शर्मा एवं विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक श्री जितेन्द्र प्रसाद ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर छात्रों, उनके अभिभावकों, मुख्य अतिथि एवं कार्यक्रम में उपस्थित अन्य विद्वजनों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी. एन. सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय की स्थापना के उद्देश्य के अनुरूप अकादमिक सत्र 2025-26 से बी.टेक. एयरोस्पेस इंजीनियरिंग व इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग– एवियोनिक्स का शुभांरभ किया है, जिसके प्रति देशभर के छात्र-छात्राओं ने रुचि दिखाई है और काफी संख्या में नामांकन लिया है। उन्होंने आगे कहा कि विश्वविद्यालय में उच्च स्तरीय शिक्षण एवं शोध के लिए जरूरी सुविधाओं का विकास किया जा रहा है ताकि विमानन उद्योग के लिए प्रशिक्षित एवं कुशल इंजीनियर एवं प्रबंधक तैयार कर राष्ट्र विकास में अपना योगदान सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय उनका दूसरा घर है जहाँ वे अपने जीवन के सबसे महत्वपूर्ण अध्याय की रचना करने जा रहे हैं। अतयः उन्हें अपने अनुशासित व्यवहार, कठोर परिश्रम एवं नवाचार के माध्यम से इस विश्वविद्यालय का ब्रांड एंबेसडर बनकर इसका नाम रोशन करना चाहिए।

मुख्य अतिथि प्रो. हरीश हिरानी ने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि विमानन क्षेत्र में इंजीनियरों के लिए अपार संभावनाएं हैं। अतः उन्हें सैद्धांतिक ज्ञान के साथ व्यावहारिक कुशलता भी प्राप्त करनी चाहिए ताकि भारत को वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित किया जा सके। उन्होंने आगे कहा कि इस क्षेत्र में नई चुनौतियाँ आ रही है इसलिए छात्रों को चाहिए कि वे उसी के अनुरूप तकनीकी कुशलता विकसित कर उसके लिए नवीन समाधान प्रस्तुत कर सकें।

विश्वविद्यालय के सह-प्राध्यापक डॉ. अनूप कुमार ने छात्रों विश्वविद्यालय में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रम, उनकी संरचना एवं विमानन उद्योग में रोजगार के अवसर के बारे में विस्तृत जानकारी दी। परीक्षा नियंत्रक श्री जितेन्द्र प्रसाद ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर प्रो. अतुल दीक्षित, डॉ. प्रवीण द्विवेदी, डॉ. कौशलेन्द्र कुमार द्विवेदी सहित विश्वविद्यालय के अन्य अन्य प्राध्यापक, अधिकारी एवं कार्मिक भी उपस्थित थे।