बिजनेस

एयरपोर्ट बिजनेस में एक लाख करोड़ रुपये का करेंगे निवेश – जीत अदाणी

भारत को अगले पाँच वर्षों में अधिक एयरपोर्ट्स की आवश्यकता होगी, क्योंकि इससे विकास के सपनों को पंख मिलेंगे। भारत 2014 से अपने एयरपोर्ट्स की संख्या दोगुनी करने के लिए प्रयास कर रहा है, लेकिन आर्थिक सर्वेक्षण 2023-2024 में हवाई यात्रियों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए और अधिक एयरपोर्ट्स की आवश्यकता बताई गई। इससे साफ स्पष्ट है कि भारत की एविएशन इंडस्ट्री को अभी लंबा रास्ता तय करना है। अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स भारत में सात एयरपोर्ट्स का संचालन करता है, जिनमें मुंबई, लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम और मैंगलोर शामिल हैं।

कंपनी मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ और गुवाहाटी में गेटवे डेवलपमेंट, क्षेत्रीय उपस्थिति में बढ़ोत्तरी, उपभोक्ताओं और गैर-यात्रियों पर ध्यान केंद्रित करने समेत डिजिटल टेक्नॉलॉजी में निवेश के माध्यम से एयरपोर्ट्स के इन्फ्रास्ट्रक्चर को नए तरीके से परिभाषित कर रही है।
अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स के डायरेक्टर जीत अदाणी ने बताया है कि हमारे पास 8 एयरपोर्ट्स हैं, हम यहां पर फुल मिक्स्ड यूज डेवलपमेंट करना चाहते हैं। पहले चार सिटी साइड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स मुंबई, अहमदाबाद, लखनऊ और जयपुर में टर्मिनल्स के आसपास में शुरू किये जा चुके हैं। मुंबई और अहमदाबाद में निर्माण शुरू हो चुका है।

जीत अदाणी ने कैपेक्स प्लान को लेकर कहा है कि अगले पांच वर्षों के लिए एक लाख करोड़ रुपये के निवेश की योजना है, जिसमें मौजूदा टर्मिनल्स के विस्तार और एयरपोर्ट्स पर नए टर्मिनल बनाने के लिए करीब 20 हजार करोड़ रुपये का इस्तेमाल किया जाएगा। मुंबई, अहमदाबाद, लखनऊ और जयपुर के एयरपोर्ट्स पर शुरुआती सिटीसाइड विकास परियोजना के लिए 20 हजार करोड़ रुपये का इस्तेमाल होगा। नवी मुंबई एयरपोर्ट पर दूसरे चरण के निर्माण के लिए करीब 18 हजार करोड़ रुपये का इस्तेमाल किया जाएगा। भविष्य के विलय-अधिग्रहण और सरकार के एयरपोर्ट मॉनेटाइजेशन के अगले दौर के लिए लगभग 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

साथ ही कुछ राशि इंटरनेशनल अवसरों को ध्यान में रखते हुए रखी जाएगी। ग्राउंड हैंडलिंग सर्विसेज शुरू करने के प्लान पर जीत अदाणी ने बताया कार्गो, ईंधन फार्म, ग्राउंड हैंडलिंग जैसी एयरोनॉटिकल सर्विसेज के लिए हमारी एक ही रणनीति है। हम ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आखिर में डिजिटल और फिजिकल दोनों ही तरह से ग्राहक के लिए ये अदाणी एक्सपीरियंस होना चाहिए। जीत अदाणी ने बताया कि हमारे सिटी साइड डेवलपमेंट के पहले चरण में एयरपोर्ट्स के आसपास डेवपलमेंट एक महत्वपूर्ण फैक्टर होगा। सिटी साइड डेवलपमेंट में स्पेस को लीज पर देने की योजना है,

जो कि 2028-29 में शुरू किया जाएगा। इसलिए, अगर प्री-लीजिंग शुरू होती है, तो इससे यह पता लग सकेगा कि हमारा बिजनेस मॉडल काम कर रहा है। जीत अदाणी ने बताया कि हम रिटेल स्पेस को बढ़ा रहे हैं और कई ब्रांड्स और प्रोडक्ट्स को भी ला रहे हैं। उन्होंने कहा कि कंज्यूमर लेवल डिटेलिंग को लेकर हम बेहद अलग योजना बना रहे हैं। इंटरनेशनल एयरपोर्ट बिजनेस में एंट्री पर सवाल के जवाब में जीत अदाणी ने बताया हम ऐसा तभी करेंगे जब ये हमारे भारतीय नेटवर्क में शामिल होगा, जैसा कि हमने पोर्ट्स में किया है। उन्होंने ये भी साफ किया कि फिलहाल कंपनी की योजना अपनी एयरलाइन शुरू करने की नहीं है।

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