Kartik Tulsi Puja : कार्तिक मास में जरूर करें तुलसी पूजन , इस दिन पत्तों को नहीं तोड़ना चाहिए
Kartik Tulsi Puja : सनातन धर्म कार्तिक मास को सबसे पवित्र महीना माना जाता है। 8 अक्टूबर से कार्तिक का महीना शुरू होने वाला है । पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ,कार्तिक मास में सुबह-शाम तुलसी के पौधे को जल अर्पित करने का नियम है। तुलसी पूजा को लेकर धर्म शास्त्रों में कुछ विशेष नियम बताए गए है। मान्यता है कि इन नियमों का पालन करने से भक्त के जीवन में सुख और शांति का निवास होता है।
दीपक जलाना
पूरे कार्तिक मास तक शाम को तुलसी के पास दीपक जलाना चाहिए। लाल चुनरी और सिंदूर अर्पित करना चाहिए, तथा अंत में प्रसाद वितरण करना चाहिए।
सात्विक भोजन
कार्तिक मास में तुलसी की पूजा के दौरान शुद्ध आचरण और सात्विक भोजन का पालन करना चाहिए, क्योंकि तुलसी अत्यंत सात्विक मानी जाती है। रविवार और एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए और न ही जल चढ़ाना चाहिए
स्वास्तिक बनाएं
कार्तिक मास में तुलसी के गमले पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाना भी शुभ माना जाता है.

कार्तिक मास की पवित्रता
घर में सुख-समृद्धि और शांति के लिए विष्णु और लक्ष्मी जी की आराधना की जाती है।
सावधानी
तुलसी के पौधे में अपवित्र जल नहीं डालना चाहिए। इससे पौधा मुरझा जाता है। इसी प्रकार तुलसी के पौधे के समीप जूते चप्पल, झाड़ू, डस्टबिन नहीं रखना चाहिए। इन सब का पौधे के ऊपर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
