Top Newsउत्तर प्रदेशराज्य

महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय ने इंडिया टुडे-2025 रैंकिंग में शानदार प्रदर्शन कर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नए मानक स्थापित किए

बरेली,02 अगस्त। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय(एमजेपीआरयू), बरेली ने इंडिया टुडे-2025 की राष्ट्रीय रैंकिंग में उल्लेखनीय सफलता हासिल करते हुए देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में अपना स्थान मजबूत किया है। विश्वविद्यालय ने चार प्रमुख श्रेणियों में शीर्ष संस्थानों में जगह बनाकर अपनी शैक्षणिक गुणवत्ता, शोध क्षमता और छात्र-केंद्रित नवाचारों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है।
प्रमुख उपलब्धियाँ:- * सामान्य सरकारी विश्वविद्यालय श्रेणी में पूरे भारत में 33वाँ स्थान * उत्तर प्रदेश के सार्वजनिक विश्वविद्यालयों में तीसरा स्थान * शीर्ष सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में 29वाँ स्थान * देश के सर्वश्रेष्ठ बीबीए (बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन) कॉलेजों में 127वाँ स्थान

एमजेपीआरयू का यह प्रदर्शन उसकी बहु-विषयक शिक्षा, अनुसंधान एवं उद्योग-अकादमिक सहयोग की रणनीति को प्रमाणित करता है। विश्वविद्यालय ने इंजीनियरिंग, प्रबंधन और सामाजिक विज्ञान जैसे विविध क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है, जो छात्रों को रोजगारोन्मुखी शिक्षा प्रदान करने के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के.पी. सिंह ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, “यह रैंकिंग हमारे संकाय सदस्यों, छात्रों, शोधार्थियों और प्रशासनिक टीम के अथक प्रयासों का परिणाम है। हमारा लक्ष्य न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता बनाए रखना है, बल्कि राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाले कुशल पेशेवर तैयार करना भी है। हम आगे और अधिक नवाचारी पहलों के साथ उत्तर प्रदेश और देश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नेतृत्व करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
लखनऊ ट्रिब्यून से विशेष साक्षात्कार में कुलपति प्रो.के.पी.सिंह ने बताया कि
एमजेपीआरयू ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग, स्टार्टअप इन्क्यूबेशन सेंटर और डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म्स को विस्तार देने की योजना बनाई है। साथ ही, कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों को उद्योग-जगत की मांगों के अनुरूप तैयार करने पर विशेष जोर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि के साथ, एमजेपीआरयू ने साबित किया है कि सार्वजनिक विश्वविद्यालय भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शोध के मामले में निजी संस्थानों से कदमताल कर सकते हैं। विश्वविद्यालय का यह सफर उत्तर प्रदेश सरकार के ‘एजुकेशन फॉर ऑल’ के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट