महोबा: मधुमक्खियों के हमले से अधेड़ की मौत, परिजनों में कोहराम, एक महीने में दूसरी घटना से दहशत
महोबा। जिले में लगातार हो रहे मधुमक्खियों के हमले लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं। बीते एक महीने में ऐसी दो घटनाओं में दो लोगों की जान जा चुकी है, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है। अब लोग हवन या आग जलाने से पहले मधुमक्खियों से सतर्क रहने लगे हैं।
अंत्येष्टि में गया व्यक्ति बना मधुमक्खियों का शिकार
कुलपहाड़ कस्बे में पड़ोसी की अंत्येष्टि में शामिल होने गए एक व्यक्ति पर मधुमक्खियों ने हमला कर दिया। हमले में बुरी तरह घायल होने के बाद उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां से हालत गंभीर होने पर झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। उपचार के दौरान झांसी में उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया।
मृतक जनतंत्र इंटर कॉलेज के चपरासी गोविंद दास रैकवार (55) थे। पहले ही उनकी पत्नी की मौत हो चुकी थी। अब पिता के निधन से उनके छोटे-छोटे बच्चों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। पूरा परिवार गहरे सदमे में है।
दो दिन पहले हुआ था बड़ा हमला, दो दर्जन लोग घायल
इससे पहले, कस्बा कुलपहाड़ के सतियनपुरा मोहल्ले में एक कांस्टेबल की पत्नी की अंत्येष्टि के दौरान भी मधुमक्खियों ने हमला कर दिया था। जब लोग मुखाग्नि देकर लौट रहे थे, तभी एक खेत में लगे छत्ते से मधुमक्खियों का झुंड अचानक उन पर टूट पड़ा।
हमले में करीब दो दर्जन लोग घायल हो गए। हालांकि, सभी घायलों का इलाज कराया गया, लेकिन गोविंद दास रैकवार की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें झांसी मेडिकल कॉलेज भेजा गया, जहां उनकी मौत हो गई।
एक माह पहले सुनीत वियोगी की भी ऐसे ही हुई थी मौत
एक महीने पहले, शहर के छजमनपुरा मोहल्ला निवासी सुनीत वियोगी (56) की भी मधुमक्खियों के हमले में जान चली गई थी। वह जिला मुख्यालय से 10 किमी दूर एक गांव में हवन में शामिल होने गए थे।
हवन के दौरान धुएं से छत्ता परेशान हो गया और हजारों मधुमक्खियों ने हमला कर दिया। सभी लोग भागकर जान बचाने में सफल रहे, लेकिन सुनीत वियोगी वहीं बैठे रह गए। हजारों डंक शरीर में घुसने से वह गंभीर रूप से घायल हो गए। जिला अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
लोगों में दहशत, सतर्क रहने की अपील
लगातार हो रही इन घटनाओं से इलाके के लोग डरे हुए हैं। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और मधुमक्खियों के छत्तों के पास आग या धुआं न करने की अपील की है।