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लाखों भारतीयों ने छोड़ दी नागरिकता, जानिए क्यों भारत से मुंह फेर रहे लोग

नई दिल्ली : भारत की नागरिकता छोड़ने वालों का आंकड़ा पिछले कुछ सालों में लगातार बढ़ता जा रहा है. साल 2023 में 2 लाख से भी ज्यादा भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी है. इस ट्रेंड के पीछे बेहतर आर्थिक अवसर, लिविंग स्टैंडर्ड और शिक्षा को मुख्य कारण बताया जा रहा है. नागरिकता छोड़ने वालों का बढ़ता आंकड़ा चिंता पैदा कर रहा है. हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय पासपोर्ट की रैंकिंग भी 82वें नंबर पर पहुंच चुकी है. भारत के लोगों को बिना वीजा के 58 देशों में जाने का मौका मिलता है.

राज्य सभा में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, साल 2019 में 1,44,017 लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ी थी. इसके अलावा 2020 में 85,256, साल 2021 में 1,63,370 और 2022 में 2,25,620 लोगों ने भारतीय नागरिकता को त्याग दिया था. साल 2023 में यह आंकड़ा 2,16,219 लोगों तक पहुंच चुका है. सरकार इसके लिए कई व्यक्तिगत कारणों को जिम्मेदार मानती है. हालांकि, वह विदेश में जा बसे भारतीय नागरिकों के रिसोर्स और क्षमताओं का इस्तेमाल कर रही है.

हेनली पासपोर्ट इंडेक्स में भारत 80वें स्थान से नीचे जाकर 82वें नंबर पर पहुंच गया है. भारत के अमीरों द्वारा दुनियाभर में किए जा रहे निवेश के चलते आगे इस स्थिति में सुधार आने की पूरी उम्मीद है. इसके अलावा भारत से बाहर पढ़ने जाने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. यह लोग जहां पढ़ने जाते हैं, वहां निवेश भी कर रहे हैं. चीन के बाद विदेश में पढ़ने वाले सबसे ज्यादा छात्र भारतीय ही होते हैं. लगभग 15 लाख भारतीय छात्र विदेशों में पढ़ाई कर रहे हैं. सबसे ज्यादा भारतीय छात्र अमेरिका में पढ़ाई करना चाहते हैं. अमेरिका में आप 8 लाख डॉलर का इनवेस्टमेंट कर वर्क राइट हासिल कर सकते हैं. वहीं, प्रतिष्ठित अमेरिकी कॉलेज में पढ़ाई का खर्च लगभग 2.5 लाख डॉलर पड़ता है.

इसके अलावा ग्लोबल वार्मिंग के चलते बढ़ते भारतीय तापमान को भी प्रमुख कारण माना जा रहा है. विशेषज्ञ सवाल खड़े करने लगे हैं कि आने वाले 10 साल में दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे बड़े शहर रहने लायक रहेंगे या नहीं. इसके अलावा आईटी और इंजीनियरिंग सेक्टर में विदेशों में बेहतर जॉब मिल जाते हैं. इनमें लोगों को सैलरी भी अच्छी मिलती है. क्वालिटी ऑफ लाइफ भी अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में बेहतर है. कारोबार की अच्छी संभावनाएं हैं. साथ ही गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं भी मिल जाती हैं. सेफ्टी और सिक्योरिटी भी भारत से बाहर जाने वालों के लिए एक बड़ा कारण है. इसके अलावा टैक्स बेनिफिट भी अहम रोल अदा कर रहे हैं.

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