यूपी में मनरेगा घोटाला: अमरोहा में क्रिकेटर शमी की बहन-जीजा भी मजदूरों की लिस्ट में, प्रधान ने कराई फर्जी एंट्री
अमरोहा: अमरोहा जिले के पलौला गांव में मनरेगा योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां के ग्राम प्रधान गुले आइशा ने अपने परिवार, रिश्तेदारों और करीबी लोगों के नाम पर फर्जी जॉब कार्ड बनवाए। इसमें भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन शबीना और उनके पति गजनबी का नाम भी शामिल है। इसके अलावा, वकील, एमबीबीएस छात्र, इंजीनियर और ठेकेदार जैसे लोग भी मजदूरों की सूची में पाए गए, जिनके खातों में सरकारी पैसा भेजा गया।
शमी की बहन को 70 हजार, जीजा को 66 हजार मिले
पलौला गांव जोया ब्लॉक में स्थित है, जहां कुल 657 जॉब कार्ड बने हैं, जिनमें से 150 एक्टिव हैं। सूची में 473वें नंबर पर शबीना का नाम दर्ज है। रिकॉर्ड के अनुसार, उन्होंने 2021 से 2024 के बीच 374 दिन मजदूरी की और उनके खाते में 70 हजार रुपये आए। शबीना ग्राम प्रधान की बहू भी हैं और जोया कस्बे में 20 लाख रुपये के फ्लैट में रहती हैं। वहीं, उनके पति गजनबी के नाम पर भी जॉब कार्ड बना है, जिसके तहत उन्हें 66 हजार रुपये मिले।
प्रधान के परिवार के कई लोग बने ‘मजदूर’
मनरेगा की सूची में प्रधान की बेटी नेहा, जो शादी के बाद जोया में रहती है, और प्रधान के पति शकील का भाई शहजर, जो अमरोहा में एग्रीकल्चर शॉप चलाता है, भी मजदूर के रूप में शामिल हैं। इतना ही नहीं, ठेकेदार जुल्फिकार और उनका बेटा अजीम, जो फैक्ट्री में इंजीनियर है, भी इस सूची में पाए गए। गांववालों का कहना है कि प्रधान ने अपने बेटे, जो एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है, सहित पूरे परिवार के जॉब कार्ड बनवाए और फर्जी तरीके से पैसा निकाला।
सरकारी धन का दुरुपयोग, प्रशासन पर उठे सवाल
गांव के इमरान ने बताया कि सैकड़ों खातों में सरकारी पैसा भेजकर दुरुपयोग किया जा रहा है। नियमों के अनुसार, मनरेगा मजदूरी के लिए ग्राम पंचायत आवेदन की जांच करती है और जॉब कार्ड जारी करती है। काम की निगरानी पंचायत की जिम्मेदारी होती है, जबकि ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर की मंजूरी से पैसा खातों में जाता है। लेकिन इस मामले में सत्यापन में भारी लापरवाही बरती गई।
इस घोटाले ने मनरेगा योजना की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि अभी तक प्रशासन की ओर से कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है, लेकिन मामले की जांच की मांग तेज हो रही है।