MP के सीएम डॉ. मोहन यादव का बड़ा फैसला, भारतीय नववर्ष को ‘गौ-वंश रक्षा वर्ष’ के रूप में मनाएगी प्रदेश सरकार
मध्यप्रदेश सरकार प्रदेश के विकास के लिए जितनी प्रतिबद्ध है उतनी ही संजीदगी से सनातन संस्कृति और धार्मिक मान बिन्दुओं के संवर्धन का काम भी कर रही है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में गौ-संरक्षण की दिशा में अभूतपूर्व निर्णय लिया है. गौ-सरंक्षण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को गति देते हुए डॉ. मोहन सरकार ने अनुकरणीय पहल की शुरूआत की है. प्रदेश सरकार ने भारतीय नववर्ष को गौ-वंश रक्षा वर्ष के रूप में मनाने के साथ ही गौ-संरक्षण की दिशा में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. यह सार्थक पहल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की संवेदनशीलता और उनके अनन्य गौ प्रेम को उजागर करता है.
गौ-रक्षा संवाद निरंतरता से होता रहेगा
हाल ही में राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागृह में “मध्यप्रदेश में गौ-शालाओं के बेहतर प्रबंधन पर आयोजित हितधारकों की कार्यशाला” और “गौ-रक्षा संवाद” के समापन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में गौ-माता और गौ-वंश के संरक्षण के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे. गौ-शालाओं के बेहतर संचालन के लिए उन्हें दी जा रही राशि में वृद्धि की जाएगी. गौ-रक्षा संवाद निरंतरता से होता रहेगा.
गौ-रक्षा के लिए संकल्पित मोहन सरकार
कार्यक्रम में देश भर से आए गौ-शाला संचालक और गौ-सेवकों को आश्वस्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में चरनोई की भूमि पर अतिक्रमण हटाने, हर 50 किलोमीटर पर सड़कों पर दुर्घटना का शिकार हुई गायों को इलाज के लिए भिजवाने और सड़कों पर बैठने वाले पशुधन को बैठने से रोकने और स्थानांतरित करने के लिये आधुनिक उपकरणों की सहायता ली जायेगी. उन्होंने कहा कि गायों के लिए चारा काटने के उपकरणों पर अनुदान की व्यवस्था करने का काम भी मध्यप्रदेश की सरकार द्वारा किया जाएगा. पंचायतों को आवश्यक सहयोग और प्रेरणा मिले, इसके लिए गौ-संवर्धन बोर्ड प्रयास करेगा. गायों के लिए गौ-शालाओं को प्रति गाय की राशि 20 रुपए से बढ़ाकर 40 रुपए प्रदान की जायेगी. अधूरी गौ-शालाओं का निर्माण पूरा किया जायेगा. नई गौ-शालाएं भी बनेंगी. गौ संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है.
CM ने की जनता से अपील- ‘पर्याप्त जगह है, तो गाय अवश्य पालें’
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आव्हन करते हुए कहा कि अगर पर्याप्त जगह हो, तो गाय अवश्य पालें. उन्होंने कहा कि गौ-पालक ही गाय का महत्व समझता है. हमारे देश में गाय पालना, गौ-शाला चलाना पवित्र काम है. गौ-शाला संचालन से ज्यादा बेहतर काम यह है कि घर में ही गौ-पालन किया जाये. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उनके परिवार में भी गाय पालने की पुरानी परम्परा है. कृषि के साथ पशुपालन की परम्परा रही है. उन्होंने विश्वास दिलाया कि मध्यप्रदेश सरकार का प्रयास होगा कि गौ-वंश के सम्मान के साथ दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हो और गौ-शालाएं भी आत्मनिर्भर बनें.