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NALSA ने महिलाओं के लिए आयोजित किया कार्यक्रम

लखनऊ। “कानूनी सहायता के माध्यम से प्रजनन स्वायत्तता में बाधाओं को दूर करना” विषय पर उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (UPSLSA) द्वारा न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (JTRI), लखनऊ में संवेदनशीलता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन न्यायमूर्ति सूर्य कांत, न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) द्वारा किया गया।

समारोह में न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय एवं अध्यक्ष, उच्चतम न्यायालय विधिक सेवा समिति के अलावा न्यायमूर्ति अरुण भंसाली, मुख्य न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय; न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता, वरिष्ठ न्यायाधीश इलाहाबाद उच्च न्यायालय; न्यायमूर्ति श्री महेश चंद्र त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति राजन रॉय न्यायमूर्ति, डी.के. उपाध्याय, मुख्य न्यायाधीश, दिल्ली उच्च न्यायालय उपस्थित रहे।

न्यायमूर्ति सूर्य कांत ने कहा कि प्रत्येक महिला को यह विश्वास होना चाहिए कि न्याय व्यवस्था उसके साथ दृढ़ता से खड़ी है। उन्होंने ‘न्याय मार्ग’ एआई चैटबॉट के शुभारंभ पर बधाई देते हुए कहा कि यह पहल विधिक सहायता को डिजिटल रूप से सुलभ बनाएगी और लाभार्थियों व अधिकारों के बीच की दूरी को कम करेगी। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर की उक्ति उद्धृत करते हुए कहा कि किसी समुदाय की प्रगति उसकी महिलाओं की प्रगति से आँकी जाती है। उन्होंने ‘संकल्प कार्यक्रम’ जैसे प्रयासों की सराहना की, जो प्रजनन स्वायत्तता और संवेदनशीलता को बढ़ावा देते हैं।

न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि बलात्कार पीड़िताओं को न केवल हिंसा का, बल्कि सामाजिक कलंक और भावनात्मक तनाव का भी सामना करना पड़ता है; न्याय केवल निर्णयों में नहीं, बल्कि संवेदनाओं में भी निहित है। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के नवनिर्मित सभागार ‘स्पंदन’ का उद्घाटन भी न्यायमूर्ति सूर्य कांत द्वारा किया गया। डॉ. (श्रीमती) मनु कालिया, सदस्य सचिव, UPSLSA ने समापन सत्र में सभी माननीय न्यायाधीशों, विशेषज्ञों, अधिकारियों एवं प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया।

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