उत्तर प्रदेशलखनऊ

नेशनल पी.जी. कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग द्वारा इंडियन इकनोमिक एसोसिएशन के सहयोग से आयोजित


7-दिवसीय वर्कशॉप ऑन रिसर्च मेथोडोलॉजी: प्रिंसिपल्स एंड प्रैक्टिसेज आज सफलतापूर्वक संपन्न हुई। 15 सितम्बर से 22 सितम्बर 2025 तक चले इस महत्वपूर्ण कार्यशाला में प्रदेश भर के लगभग 200 शोधार्थियों, विभिन संकाय के शिक्षक एवं स्नातकोत्तर छात्रों ने भाग लिया। कार्यशाला का प्रारंभ 15 सितम्बर 2025 के मुख्य अतिथि प्रोफेसर रचना मुज्जू, विशिष्ट अतिथि डॉक्टर नोमिता पी कुमार, प्राचार्य एवं विभाग अध्यक्ष श्री संतोष यादव के द्वारा दीप प्रज्वलन करके हुआ। तदोपरांत प्राचार्य प्रोफेसर देवेंद्र कुमार सिंह ने स्वागत उद्बोधन करते हुए प्रतिभागियों को गुणवत्ता युक्त शोध कार्य करने के लिए प्रेरित किया

। इस व्यापक कार्यशाला में शोध के विविध पहलुओं पर गहन चर्चा की गई। प्रथम दिन प्रो. (सेवानिवृत्त) रचना मुजू (लखनऊ विश्वविद्यालय) द्वारा शोध के मूलभूत सिद्धांतों पर व्याख्यान दिया गया तथा डॉ. नोमिता पी. कुमार (गिरी इंस्टिट्यूट ऑफ़ डेवलपमेंट स्टडीज) ने साहित्य रणनीतियों और संदर्भ शैलियों पर प्रकाश डाला। द्वितीय दिन प्रो. सनातन नायक एवं डॉ. विनीत कुमार (बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ) ने डेटा प्रकार एवं शोध में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उपयोग पर विस्तृत चर्चा की। तृतीय दिन प्रो. संजीव कुमार (चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ) ने उन्नत शोध लेखन, प्रकाशन तैयारी एवं प्रस्तुतीकरण कौशल पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। चतुर्थ दिन डॉ. शाम्भवी मिश्रा (लखनऊ विश्वविद्यालय) ने प्राथमिक डेटा संग्रह की तकनीकों एवं विश्लेषण विधियों पर विस्तृत चर्चा की।

पंचम दिन डॉ. प्रीति सिंह (लखनऊ विश्वविद्यालय) एवं प्रो. देवेन्द्र कुमार यादव (बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ) ने समय श्रृंखला डेटा के साथ कार्य करने की उन्नत तकनीकों पर चर्चा की। षष्ठ दिन डॉ. सामिया अंसारी (वसंत कॉलेज फॉर विमेन, बीएचयू) ने पैनल डेटा के बहुआयामी दृष्टिकोण पर विस्तृत व्याख्यान दिया। सप्तम दिन डॉ. नगेन्द्र कुमार मौर्य (लखनऊ विश्वविद्यालय) ने समग्र सूचकांक निर्माण एवं विकास सूचकांक पर अपना ज्ञान साझा किया। कार्यशाला में प्रतिभागियों को R, Stata, EViews, SPSS जैसे विभिन्न शोध सॉफ्टवेयर के माध्यम से शोध तकनीकों का व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

इस सफल कार्यशाला के मुख्य संरक्षक श्री उज्ज्वल रमण सिंह (प्रबंधक, नेशनल पी.जी. कॉलेज) तथा संरक्षक प्रो. देवेन्द्र कुमार सिंह (प्राचार्य) रहे। आयोजन समिति के संयोजक श्री संतोष यादव (विभागाध्यक्ष, अर्थशास्त्र विभाग) एवं सह-संयोजक डॉ. सिमरन के नेतृत्व में डॉ. अनन्या दीक्षित एवं डॉ. नीलम द्विवेदी (दोनों सहायक प्राध्यापक, अर्थशास्त्र विभाग) ने कार्यशाला समन्वयकों के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इंडियन इकनोमिक एसोसिएशन की ओर से प्रो. रविन्द्र के. ब्रह्मे (महासचिव) ने संयोजक के रूप में कार्यशाला को सफल बनाने में योगदान दिया।

कार्यशाला में प्रतिभागियों को शोध डिजाइन, डेटा संग्रह एवं विश्लेषण की आवश्यक तकनीकों में दक्षता प्राप्त हुई। समय श्रृंखला एवं पैनल डेटा के साथ कार्य करने की उन्नत तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया। शैक्षणिक लेखन, संदर्भन एवं प्रकाशन प्रक्रियाओं में दक्षता प्रदान की गई तथा नैतिक मानकों एवं AI-सहायक शोध उपकरणों से परिचय कराया गया। प्रतिभागियों ने आधुनिक सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हुए मात्रात्मक एवं गुणात्मक डेटा के विश्लेषण की विधियों में महारत हासिल की।

आज के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. (सेवानिवृत्त) जे.वी. वैशम्पायन उपस्थित रहे, जो बुंदेलखंड विश्वविद्यालय एवं कानपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति हैं। उन्होंने अपने मुख्य भाषण में शोध की गुणवत्ता एवं भविष्य की चुनौतियों पर प्रकाश डाला। समारोह में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। कार्यशाला की सफलता पर प्रकाश डालते हुए आयोजकों ने बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रम भविष्य में भी आयोजित किए जाते रहेंगे। प्रतिभागियों एवं प्रशिक्षकों की सकारात्मक प्रतिक्रिया से स्पष्ट है कि यह कार्यशाला शोध क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान करने में सफल रही है।