झारखंडराज्य

‘कोई भी कानून से ऊपर नहीं, चाहे DGP ही क्यों न हों’, अमन साहू एनकाउंटर पर हाईकोर्ट की फटकार

रांची: कई बार अदालतें राज्य सरकारों और केंद्र सरकारों के काम को लेकर उनपर तीखी टिप्पणी कर देती हैं। ठीक ऐसा ही हुआ है झारखंड में। झारखंड हाई कोर्ट के हाल ही में नियुक्त हुए चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और एक जज ने एनकाउंटर में मारे गए एक गैंगस्टर की मां की याचिका पर सरकार को फटकार लगाई है। आइए जानते हैं आखिर पूरा मामला क्या है।

पुलिस मुठभेड़ में मारे गए गैंगस्टर अमन साहू के एनकाउंटर की सीबीआई जांच का आग्रह करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बुधवार को सरकार को फटकार लगायी। चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने मौखिक कहा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है, चाहे वह डीजीपी ही क्यों न हो। अदालत ने राज्य सरकार को प्रार्थी की ओर से दायर याचिका पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। इस मामले में कोर्ट सख्त नजर आ रही है।

इस मामले में अमन साहू की मां किरण देवी ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को एक पत्र लिखकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी थी और फोटो उपलब्ध कराया था, जिस पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट सुनवाई कर रही है। इसी मामले में किरण देवी की ओर से हस्तक्षेप याचिका दाखिल की गई, जिसमें कहा गया है कि घटना से पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता ने अमन साहू को एनकाउंटर में मारने की धमकी थी। बाद में इस घटना को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता हेमंत कुमार सिकरवार ने अदालत को बताया कि इस मामले में अमन साहू की मां ने डीजीपी अनुराग गुप्ता, रांची एसएससी चंदन कुमार सिन्हा, एटीएस एसपी ऋषभ झा और इंस्पेक्टर पीके सिंह के खिलाफ नामजद ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया है। लेकिन, अभी तक मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।

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