विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर एसआरएमएस में दिलाई तंबाकू न सेवन करने की शपथ
बरेली,31 मई। एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में आज विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया गया। आरआर कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में ओंकोलॉजी विभाग के डॉ. हिमांशी खट्टर, डॉ. अनीश एके, डॉ. सोमदत्ता सिंघा, डॉ. श्रद्धा श्रीवास्तव, डॉ. निहारिका जसूजा, डॉ. नितिन मालवीय, डॉ. श्वेता सिंह ने नुक्कड़ नाटक के जरिये तंबाकू खाने से होने वाले दुष्परिणामों को बताया और इससे बचने के लिए जागरूक किया। आरआर कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर के निदेशक व कैंसर विशेषज्ञ प्रोफेसर (डॉ.) पियूष कुमार ने मरीजों और तीमारदारों को खुद तंबाकू न खाने और किसी अन्य को भी इसे न खाने से रोकने की शपथ दिलाई।
डा.पियूष ने कहा कि तंबाकू से मुंह के कैंसर के साथ ही खाने की नली का कैंसर, पेशाब की नली का कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, किडनी का कैंसर हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में बिना घबराए अनुभवी और कुशल कैंसर विशेषज्ञ और संस्थान में परामर्श से इलाज कराना चाहिए। एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज स्थित आरआर कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर ऐसा ही प्रतिष्ठित कैंसर संस्थान है। यहां 20 से ज्यादा वरिष्ठ कैंसर विशेषज्ञ की अनुभवी टीम पिछले 18 वर्ष से कैंसर के मरीजों का इलाज कर रही है। 18 वर्ष में हमने 45 हजार से ज्यादा कैंसर के मरीजों को परामर्श दिया है। 12 हजार से ज्यादा कैंसर मरीजों ने हमारे यहां रेडियोथेरेपी कराई और 13 हजार से ज्यादा ने कैंसर सर्जरी करवा कर हम पर भरोसा जताया। हमारी टीम 40 हजार से ज्यादा कैंसर मरीजों ने कीमोथेरेपी, 39 सौ से ज्यादा ब्रेकीथैरेपी और 7.5 हजार से ज्यादा पेट स्कैन कर चुकी है। हम रेडिएशन ओंकोलॉजी के साथ ही मेडिकल और सर्जिकल ओंकोलॉजी के साथ ही कीमोथेरेपी, हार्मोनल थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और टार्गेटेड थेरेपी भी कर रहे हैं।
कैंसर विशेषज्ञ डॉ.प्राची भारद्वाज ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस के बारे में जानकारी दी और बताया क्यों इस दिन सभी को तंबाकू छोड़ने की शपथ लेनी चाहिए और दूसरों को भी इसके लिए क्यों प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि तंबाकू खाने से फेफड़े तो कमजोर होते ही हैं, इसके साथ ही दिल भी कमजोर हो सकता है और कैंसर जैसी महामारी भी हो सकती है। ऐसे में इससे बचाव ही सबसे अच्छा उपाय है। एक बार दृढ़ निश्चय कर इसे छोड़ा जा सकता है।
मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ.आरपी सिंह तंबाकू तो जानलेवा बताया। उन्होंने कहा कि यह बात सभी जानते हैं। इसके बाद भी इसका सेवन युवाओं में बढ़ता जा रहा है। शौक से शुरू हुआ तंबाकू का सेवन गंभीर बीमारियों में कब बदल जाता है पता ही नहीं चलता। ऐसे जानलेवा शौक से दूर रहना ही समझदारी है। हम सबको इससे बचने के लिए खुद भी जागरूक होना चाहिए और दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक करना चाहिए। इस मौके पर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) डॉ.एमएस बुटोला, डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. सीएम चतुर्वेदी, डॉ.अरविंद चौहान, डॉ.राशिका सचान, डॉ.अदादि श्रीनिवास नायडू और आरआर कैंसर इंस्टीट्यूट की टीम और स्टाफ मौजूद रहा। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट