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एक दशक, कई संकट – डॉ. राजेश्वर सिंह की युवाओं से विवेकपूर्ण और तकनीकी तैयारी की अपील

लखनऊ। सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने मंगलवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट कर युवा वर्ग के सामने खड़े अभूतपूर्व वैश्विक और राष्ट्रीय परिवर्तनों पर गहन चिंता और आशावादी दृष्टि व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वर्तमान युवा पीढ़ी ने महामारी, युद्ध, साइबर हमले, क्लाइमेट संकट, मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियाँ और तकनीकी परिवर्तन तक पिछले दस वर्षों में वह सब देखा है, जिसे पिछली पीढ़ियाँ पाँच दशकों में भी अनुभव नहीं कर सकीं।

एक दशक जो युवाओं को परखा भी, परिष्कृत भी किया :
डॉ. सिंह ने तथ्यों का उल्लेख करते हुए बताया कि,
COVID-19 ने दुनिया में 1.5 करोड़ से अधिक लोगों की जान ली,
वैश्विक अर्थव्यवस्था 2020 में –3.3% तक सिमट गई,
युवा रोजगार में ILO के अनुसार 8.7% की गिरावट दर्ज हुई,
भारत ने 2023 में 14 लाख से अधिक साइबर हमलों का सामना किया,
वायु प्रदूषण विश्वभर में 64 लाख मौतों का कारण बन रहा है,
और मानसिक स्वास्थ्य मामलों में 25% की बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
उन्होंने कहा कि “हर आंकड़ा एक चेतावनी है-तैयारी ही सुरक्षा है।”

डॉ. राजेश्वर सिंह का संदेश : यह पीढ़ी हर युद्ध के लिए तैयार है
डॉ. सिंह ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि आज की लड़ाई सीमाओं पर ही नहीं, बल्कि साइबरस्पेस, पर्यावरण, मानसिक स्वास्थ्य और वैश्विक आर्थिक प्रतिस्पर्धा के मोर्चों पर भी है। उन्होंने कहा, “प्रिय युवाओं, आप ही कल के वास्तुकार हैं। Be prepared, not scared.”

उन्होंने युवाओं को चार दिशाओं में तैयारी का आह्वान किया:
Digital & AI Mastery – नई तकनीक समझना ही नई सुरक्षा है
Environmental Responsibility – पृथ्वी की रक्षा, भविष्य की रक्षा
Emotional & Ethical Balance – चरित्र ही सबसे बड़ा कवच
National & Global Awareness – भारत को वैश्विक नेतृत्व देने की दृष्टि
डॉ. सिंह ने जोर दिया कि Character > Comfort और कठिन समय कमजोर नहीं, बल्कि मज़बूत पीढ़ियाँ गढ़ता है।

माता-पिता के लिए संदेश : ‘Resilient Citizens’ तैयार करें
उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे बच्चों को भय से नहीं, विश्वास से आगे बढ़ाएँ।
बच्चों में जिज्ञासा, संवाद और विफलताओं पर खुलकर बात करने की परंपरा को प्रोत्साहित करें।
करियर जितना महत्वपूर्ण है, चरित्र उतना ही ज़रूरी है।
अभिभावकों का विश्वास ही बच्चों की सबसे बड़ी ढाल बनता है।
“यह भारत के युवाओं का युग है” – डॉ. सिंह

उन्होंने कहा कि जहाँ हमारे पूर्वजों ने देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया, हमारे माता-पिता ने राष्ट्र-निर्माण की नींव मजबूती से रखी, वहीं आज की युवा पीढ़ी का संघर्ष डिजिटल, पर्यावरणीय और नैतिक चुनौतियों से है। और यह पीढ़ी Resilient, Responsible & Ready for the World भारत को Vision 2047 की दिशा में अग्रसर करने की क्षमता रखती है।

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