‘रूस-यूक्रेन के बीच शांति समझौता बहुत करीब’, बर्लिन में बातचीत के बाद ट्रंप का बड़ा दावा

न्यूयॉर्क: तीन वर्षों से अधिक समय से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध अब भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार कूटनीतिक प्रयासों के बावजूद दोनों देशों के बीच तनाव बरकरार है। इसी बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि यह संघर्ष जल्द समाप्त हो सकता है। उनका कहना है कि रूस और यूक्रेन शांति समझौते के पहले से कहीं अधिक करीब पहुंच चुके हैं। अमेरिकी समयानुसार सोमवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए ट्रंप ने कहा कि बर्लिन में यूरोपीय नेताओं और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ हुई लंबी बैठकों के बाद हालात में सकारात्मक बदलाव नजर आ रहा है। उन्होंने संकेत दिए कि इन चर्चाओं से शांति की दिशा में ठोस प्रगति हुई है।
ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब बर्लिन में अमेरिका, यूरोपीय देशों, नाटो के शीर्ष नेताओं और राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच कई घंटे तक मंथन हुआ। इन बैठकों में युद्ध को समाप्त करने के संभावित रास्तों पर विस्तार से चर्चा की गई। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, कई यूरोपीय देश यूक्रेन को पश्चिमी सुरक्षा गारंटी देने के लिए तैयार हैं, हालांकि क्षेत्रीय नियंत्रण को लेकर मतभेद अब भी सबसे बड़ी बाधा बने हुए हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि इस प्रयास में अमेरिका को यूरोप के कई देशों का पूरा समर्थन मिल रहा है। उन्होंने भरोसा जताते हुए कहा, “हम इस युद्ध को खत्म करके रहेंगे। मुझे लगता है कि अब हम पहले से कहीं ज्यादा करीब हैं।” ट्रंप ने जर्मनी, इटली, फ्रांस, ब्रिटेन, पोलैंड, नॉर्वे, डेनमार्क, फिनलैंड और नीदरलैंड जैसे देशों का नाम लेते हुए कहा कि ये सभी देश मिलकर शांति की कोशिशों में जुटे हैं।

इसके साथ ही ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत होने का भी दावा किया। उन्होंने कहा कि पुतिन के साथ कई बार चर्चा हुई है और सभी पक्ष मानते हैं कि समाधान अब दूर नहीं है। “हम इस युद्ध में बर्बाद हो रही अनगिनत जिंदगियों को बचाना चाहते हैं,” उन्होंने कहा।
हालांकि ट्रंप ने यह भी स्वीकार किया कि सबसे बड़ी चुनौती रूस और यूक्रेन को एक ही समय पर, एक जैसी शर्तों पर सहमत कराना है। उन्होंने कहा, “कभी रूस शांति के लिए तैयार होता है और यूक्रेन पीछे हट जाता है, तो कभी यूक्रेन तैयार होता है और रूस नहीं। हमें दोनों को एक ही मंच पर लाना होगा।”
गौरतलब है कि शांति वार्ताओं से पहले राष्ट्रपति जेलेंस्की संकेत दे चुके हैं कि यदि पश्चिमी देश मजबूत सुरक्षा गारंटी देते हैं, तो यूक्रेन नाटो की सदस्यता की मांग छोड़ने पर भी विचार कर सकता है। वहीं जमीनी हालात अब भी चिंताजनक बने हुए हैं। बीती रात रूस ने यूक्रेन पर 153 ड्रोन हमले किए। यूक्रेनी अधिकारियों के अनुसार, इनमें से 17 ड्रोन अपने लक्ष्यों तक पहुंचे, जबकि रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि उसकी सेना ने 130 यूक्रेनी ड्रोन मार गिराए।

