विश्वास और सम्मान से सुधरेंगे रिश्ते…बॉर्डर मैनेजमेंट पर बनी सहमति, जिनपिंग से मुलाकात के बाद बोले PM मोदी
नई दिल्ली/तिआनजिन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को चीन के तिआनजिन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। यह मुलाकात शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन से पहले हुई, जो करीब 40 मिनट तक चली। बैठक में दोनों नेताओं ने सीमा पर शांति, आपसी सहयोग और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति जिनपिंग का गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए आभार जताया और कहा कि पिछले साल कजान में हुई मुलाकात ने रिश्तों को सकारात्मक दिशा दी। उन्होंने कहा कि सीमा पर डिसइंगेजमेंट के बाद शांति और स्थिरता का माहौल बना है।

मोदी ने बताया कि विशेष प्रतिनिधियों के बीच बॉर्डर मैनेजमेंट पर सहमति बनी है। कैलाश मानसरोवर यात्रा और दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें फिर से शुरू हो गई हैं। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के सहयोग से 2.8 अरब लोग जुड़े हुए हैं और इससे पूरी मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त होगा।

प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत परस्पर विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही उन्होंने SCO की सफल अध्यक्षता के लिए राष्ट्रपति जिनपिंग को बधाई भी दी। इस बैठक में पीएम मोदी के साथ एनएसए अजीत डोभाल, विदेश सचिव विक्रम मिसरी, चीन में भारतीय राजदूत प्रदीप रावत और जॉइंट सेक्रेटरी (ईस्ट एशिया) गौरांग लाल दास मौजूद रहे।
जिनपिंग ने कहा- ड्रैगन और हाथी का साथ आना ज़रूरी
राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीएम मोदी से मुलाकात पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि कजान में हुई पिछली बैठक सफल रही और भारत-चीन का साथ आना बेहद ज़रूरी है। जिनपिंग ने कहा, “दुनिया बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रही है। भारत और चीन दो सबसे सभ्य व आबादी वाले देश हैं और ग्लोबल साउथ का अहम हिस्सा हैं। दोस्त बनना, अच्छे पड़ोसी बनना और ड्रैगन व हाथी का साथ आना बहुत महत्वपूर्ण है।”
उन्होंने कहा कि इस साल भारत-चीन राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है। दोनों देशों को रणनीतिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से संबंधों को आगे बढ़ाना चाहिए। जिनपिंग ने बहुपक्षवाद, बहुध्रुवीय विश्व और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में लोकतंत्र बनाए रखने की ज़िम्मेदारी पर भी जोर दिया और कहा कि एशिया व दुनिया की शांति और समृद्धि के लिए भारत और चीन को मिलकर काम करना होगा।
