उत्तर प्रदेश

पुस्तक कॉफ़ी टेबल व चाँद घाटी की अनारों का विमोचन

लखनऊ: डाक्यूमेंट्री फिल्म्स एवं थिएट्रिकल ट्रस्ट (डीएफटीटी), और अपने सहयोगी इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र, द्वारा आयोजित सात दिवसीय ‘अमृतोत्सव’ के अंतर्गत कल दिनांक 17 अगस्त, शनिवार को संगीत नाटक अकादमी के मुख्य सभागार में भारत में पद्मभूषण अमृतलाल नागर जी पर बनने वाली पहली फीचर लेंथ फिल्म ‘चौक यूनिवर्सिटी का वाईस चांसलर’ का पहला प्रीमियर किया गया। इस फिल्म का निर्माण किया है इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र दिल्ली ने और इस फिल्म के लेखक और निर्देशक हैं राजेश अमरोही एवं सविता शर्मा नागर । फिल्म की फ़ोटोग्राफ़ी, संपादन एवं बैकग्राउंड संगीत भी राजेश अमरोही ने ही किया है। फिल्म के बैकग्राउंड नरेशन में आवाज़ें हैं जीतेन्द्र राम प्रकाश और अरशद इक़बाल की।

लगभग दो साल के शोध के बाद कठिन मेहनत के बाद बनी इस फिल्म की शूटिंग लखनऊ, बनारस, अयोध्या, मथुरा, मुंबई के अलावा और भी कई स्थानों पर की गयी और इसमें राष्ट्रीय विद्यालय के अलावा लखनऊ के कलाकारों ने भी नागर जी की भूमिका निभाई है। नागर जी के जीवन को जीवंत स्क्रीन पर उतारने के लिए लिए फिल्म के निर्देशकों ने (सविता शर्मा नागर एवं राजेश अमरोही) नागर जी के जीवन के कई पहलुओं का नाटकीय रूपांतरण भी किया है जिसकी शूटिंग लखनऊ, मलीहाबाद और दिल्ली में की गयी। फिल्म में नागर जी के दिलचस्प और महत्वपूर्ण क़िस्सों को एक कहानी पे पिरोने के साथ-साथ उनके प्रमुख उपन्यासों को भी चित्रित किया गया है। नागर जी के ज़्यादातर उपन्यास ऐतिहासिक पृष्ठ्भूमि पर लिखे गए हैं जैसे ‘ग़दर के फूल’, ‘यह कोठेवालियाँ’, ‘बूँद और समुद्र’, ‘शतरंज के मोहरे’, और कुछ तो पौराणिक भी हैं जैसे ‘एकदा नैमिशारण्य’। ऐसे उपन्यासों को प्रभावशाली तरीके से चित्रित करने के लिए फिल्म में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भरपूर प्रयोग किया गया है। मसलन उपन्यास ‘एकदा नैमिषारण्य’ में नागर जी लिखते हैं कि लगभग 88 हज़ार ऋषियों ने 12 साल लगातार तप किया। ये समझने के लिए कि जीवन का मूल क्या है। इस तरह के पौराणिक चित्रों को चित्रित करने के लिए आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का और एनीमेशन का भी प्रयोग काफ़ी कारगर दिखाई दिया ।

इस फिल्म में कई प्रख्यात साहित्यकारों के अलावा विभिन्न क्षेत्रों की विभूतियों के साक्षात्कार किये गए जिनमें शामिल हैं लाल जी टंडन, पद्मश्री योगेश प्रवीण, डॉ सच्चिदानंद जोशी, नरेंद्र कोहली, रामदरश मिश्र, ममता कालिया, नासिरा शर्मा, डॉ अचला नागर, डॉ अनिल रस्तोगी, डॉ सूर्य प्रकाश दीक्षित, दयानन्द पांडेय, डॉ शीबा राकेश, सलीम आरिफ़ और आसिफ अली वगैरह। फिल्म साहित्य प्रेमियों के साथ-साथ आम लोगों को भी आकर्षित करे इसलिए फिल्म की ज़बान को आम फ़हम और चुस्त रखा गया है। फिल्म निर्देशकों का कहना है कि फिल्म की भाषा इतनी सादा है कि यह कम पढ़े- लिखे और सड़क पर रिक्शा चलाने वाले शख़्स को भी आसानी से समझ आ जाएगी।

फिल्म निर्देशकों का कहना है कि इस फिल्म को दुनिया भर के फिल्म महोत्सवों में भेजा जाएगा और साथ ही साथ फिल्म को देश के कोने-कोने में पहुंचाने के लिए अंग्रेज़ी के अलावा कई भाषाओं में भी डब किया जाएगा। फिल्म निर्देशकों के यह भी बताया क्यों कि नागर जी जीवन भर लखनऊ में ही रहे और 17 अगस्त उनकी 108 वीं जन्म जयंती भी है इसलिए लखनऊ में फिल्म का पहला प्रीमियर करते हुए उन्हें बेहद ख़ुशी हो रही है।

इसके साथ ही मुख्य अतिथि डॉ दिनेश शर्मा सांसद राज्य सभा . डॉ अनिल रस्तोगी जी , मुकेश सिंह अध्यक्ष इंडो अमेरिकन चेम्बर ने विशिष्ट अतिथि के तौर पर अमृत लाल नागर जी पर कॉफ़ी टेबल बुक का विमोचन तथा सविता नागर जी द्वारा लिखित पुस्तक चाँद घाटी की अनारों का भी विमोचन किया

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