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रेपो रेट को 6.5% पर बरकरार रखा गया, जानिए बढ़ी या घटी आपके लोन की EMI

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक की एमपीसी बैठक के नतीजे आ गए हैं. केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास सुबह 10 बजे बजट के बाद के बाद संपन्न हुई पहली मौद्रिक नीति समिति की बैठक के नतीजों का ऐलान करते हुए कहा कि इस बार भी नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. यानी आपके लोन की ईएमआई न बढ़ेगी और न ही घटने वाली है. रिजर्व बैंक ने लगातार आठवीं बार पॉलिसी रेट को 6.5 फीसदी पर यथावत रखने का फैसला किया है.

शक्तिकांत दास ने बताया कि छह में से चार सदस्य रेपो रेट में कोई बदलाव न करने के पक्ष में रहे. Repo Rate पर ऐलान करने के साथ ही उन्होंने ग्लोबल संकट के बारे चिंता भी जाहिर की. एमपीसी बैठक में SDF 6.25%, MSF 6.75% और रिवर्स रेपो रेट 3.35% पर बरकरार रखा गया है. इसके अलावा कैश रिजर्व अनुपात 4.50% और SLR 18% पर यथावत है.

RBI के गवर्नर ने बताया कि अभी ग्लोबल स्थिति बेहद ही चुनौतीपूर्ण है. कुछ देशों के सेंट्रल बैंक ब्याज दरों में कटौती के बारे में विचार कर रहे हैं. जबकि कुछ देश बढ़ोतरी की बात कर रहा है. ऐसे में भारतीय सेंट्रल बैंक की पैनी नजर बनी हुई है. RBI ने वित्त वर्ष 2025 के लिए रियल जीडीपी ग्रोथ 7.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है, इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक के लिए खाद्य महंगाई दर को काबू में रखना पहली चुनौती है, और उसपर पूरा फोकस है. इसके लिए इकोनॉमी की ग्रोथ बनी रहे, इसपर केंद्रीय बैंक की नजर बनी हुई है.

भारत में महंगाई दर (Inflation Rate) अभी भी RBI के तय 2-6% दायरे में है. जून में खुदरा महंगाई दर चार महीनों के उच्च स्तर 5.08 प्रतिशत पर थी. जब तक खुदरा महंगाई दर नीचे नहीं आती है तब तक रेपो रेट में कटौती की कोई संभावना कम ही है. गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने आखिरी बार फरवरी, 2023 में रेपो रेट में बदलाव करते हुए इसे बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया था. इसके बाद से आरबीआई ने लगातार 7 बार इसमें किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है. गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने बीते साल 8 फरवरी 2023 को आखिरी बार Repo Rate में बदलाव किया था.

RBI की MPC की बैठक हर दो महीने में होती है और इसमें शामिल रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास समेत छह सदस्य महंगाई समेत अन्य मुद्दों और बदलावों (Rule Changes) पर चर्चा करते हैं. यहां बता दें कि रेपो रेट का सीधा कनेक्शन बैंक लोन लेने वाले ग्राहकों से होता है. इसके कम होने से लोन की ईएमआई घट जाती है और इसमें इजाफा होने से ये बढ़ जाती है. दरअसल, रेपो रेट (Repo Rate) वह दर है जिस पर किसी देश का केंद्रीय बैंक धन की किसी भी कमी की स्थिति में वाणिज्यिक बैंकों को पैसा उधार देता है. रेपो रेट का उपयोग मौद्रिक अधिकारियों द्वारा इंफ्लेशन को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है.

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