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Sheetala Saptami 2025: शीतला सप्तमी और अष्टमी कब है? जानें तिथि, मुहूर्त और महत्व

Sheetala Ashtami 2025: होली के बाद चैत्र कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी का व्रत किया जाता है। इस दिन देवी मां को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है। कहा जाता है कि शीतला माता को ठंडी चीजें अति प्रिय है इसलिए माता रानी को चढ़ाने के लिए एक दिन पहले भोग तैयार कर लिया जाता है। शीतला अष्टमी की पूजा की तैयारी सप्तमी तिथि के दिन ही पूरी कर ली जाती है। ऐसे में शीतला सप्तमी का विशेष महत्व होता है। सप्तमी तिथि में ही शीतला अष्टमी के लिए भोजन की तैयारी कर ली जाती है। बता दें की शीतला अष्टमी के दिन भक्तगण भी बासी भोजन का प्रसाद ही ग्रहण करते हैं।

शीतला माता को मुख्य रूप से चावल और घी का भोग ही लगाया जाता है। मगर चावल को शीतलाष्टमी के दिन नहीं पकाया जाता है, बल्कि आज सप्तमी तिथि के दिन ही बनाकर रख लिया जाता है। मान्यता है कि- शीतला अष्टमी के दिन घर का चूल्हा नहीं जलाना चाहिए और न ही घर में खाना बनाना चाहिए। इसलिए सप्तमी तिथि पर ही सारा खाना पका लिया जाता है और शीतला अष्टमी के दिन बासी खाना ही खाया जाता हैं।

शीतला सप्तमी और अष्टमी 2025 डेट, मुहूर्त
बता दें कि शीतला सप्तमी 21 मार्च 2025 को है। सप्तमी तिथि 21 मार्च 2025 को पूरा दिन पार कर भोर 4 बजकर 24 मिनट तक रहेगी। शीतला अष्टमी का व्रत 22 मार्च को रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार, चैत्र कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 22 मार्च को सुबह 4 बजकर 23 मिनट पर होगा। अष्टमी तिथि समाप्त 23 मार्च को सुबह 5 बजकर 23 मिनट पर होगा। शीतला अष्टमी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 22 मार्च को सुबह 6 बजकर 41 मिनट से शाम 6 बजकर 50 मिनट तक रहेगा।

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