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शिवाजी साटम उर्फ एसीपी प्रद्युमन कहते हैं, “ऐसा बिल्कुल नहीं लगता कि छह साल का ब्रेक था; ऐसा लगता है कि हमने कल ही शूटिंग खत्म की है, और आज अगले एपिसोड पर काम करना शुरू कर दिया है।”

मुंबई, दिसंबर 2024: अपराध की जांच पड़ताल से संबंधित प्रतिष्ठित शो, ‘सीआईडी’ 21 दिसंबर 2024 से सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न पर शानदार वापसी करने के लिए पूरी तरह तैयार है, और यह हर शनिवार रविवार रात 10 बजे प्रसारित होगा। शिवाजी साटम (एसीपी प्रद्युमन), दयानंद शेट्टी (दया), और आदित्य श्रीवास्तव (अभिजीत) प्रशंसकों के पसंदीदा इस ड्रामा में अपनी भूमिकाएं दोहराएंगे। एक इंटरव्यू के दौरान, अभिनेता शिवाजी साटम (एसीपी प्रद्युमन) ने शो में लौटने और दर्शकों के साथ फिर से जुड़ने के उत्साह के बारे में बात की, और बताया कि नए सीज़न में पुरानी यादों का मिक्स और नए, आकर्षक मामलों के साथ ही बहुत कुछ होगा।
सीआईडी को प्रसारित होते लगभग तीन दशक हो चुके हैं। इस दौरान आपने क्या बदलाव महसूस किए हैं? उस दौर की तुलना आज से कैसे की जाती है?

आप यकीन नहीं करेंगे, लेकिन इन छह सालों में जब शो ऑफ़-एयर था, ऐसा कभी नहीं लगा कि यह खत्म हो गया है। पहले दिन जब हम सेट पर वापस आएं, तो इसमें बिल्कुल भी अजीब या अपरिचित नहीं लगा – जैसे कोई पायलट ग्लाइडर को नियंत्रित करता है, वैसे ही सब कुछ स्वाभाविक लगा। शुरुआत से लेकर अब तक, हम सबके सफर आपस में जुड़े हुए हैं। सबका सफर सामूहिक रहा है। निर्देशक, लेखक और खासतौर पर निर्माता, बी.पी. सिंह – उनके साथ काम करना मेरे लिए शानदार अनुभव रहा है। पिछले कुछ सालों में तकनीक बहुत बदल गई है। उस समय, हम कैसेट टेप, वीसीआर और बेसिक वीएफएक्स के साथ काम करते थे, जिसके लिए काफी ज़्यादा डबिंग की ज़रूरत पड़ती थी।

लेकिन अब, तकनीकी विकास लाजवाब है। डिजिटल साउंड रिकॉर्डिंग ने सब कुछ बहुत सहज बना दिया है, चाहे वह साउंड इफ़ेक्ट हो, संगीत हो, या फिर कैमरा वर्क हो। हर पहलू में, बहुत ज़्यादा विकास हुआ है। निजी तौर पर, मुझे अपने किरदार से बहुत प्यार है, और समय के साथ, मैंने इसमें कई बारीकियां जोड़ी हैं। यह किसी जटिल आर्टवर्क बनाने की तरह है – किरदार को जीवंत करने के लिए छोटी से छोटी बातों और भावनाओं को जोड़ना। अब भी, उस ऑफ़िस सेट पर वापस जाकर बिल्कुल भी थकान नहीं लगती है। इससे पहले कि हमें इसका एहसास होता, हम दो एपिसोड की शूटिंग कर चुके थे, और यह काम जैसा भी नहीं लगा! ऐसा बिल्कुल नहीं लगता कि छह साल का ब्रेक था; ऐसा लगता है कि हमने कल ही शूटिंग खत्म की है, और आज अगले एपिसोड पर काम करना शुरू कर दिया है।

दर्शकों के साथ कनेक्शन बनाने के लिए, कहानी का मजबूत होना ज़रूरी है, और सीआईडी ने हमेशा इस मामले में बहुत मेहनत की है, और विविधतापूर्ण और पूरी कहानियां दिखाई हैं। इस पर आपका क्या विचार है?
मेरे मन में हमेशा यह विचार रहता है कि मैं एसीपी प्रद्युमन हूं, और मेरा मुख्य लक्ष्य दर्शकों को यह समझाना है कि एसीपी प्रद्युमन किस तरह से मामलों को सुलझाता है। यही मुख्य भावना है। इसके ज़रिए, मैं अपने किरदार को मज़बूती से स्थापित करना चाहता हूं, ताकि दर्शकों को विश्वास हो कि, “अगर एसीपी प्रद्युमन किसी मामले पर लगा है, तो वह मामला तेज़ी से सुलझ जाएगा।” यह पूरी विचार प्रक्रिया लगातार काम करती रहती है। और मैं हमेशा खुद को याद दिलाता रहता हूं कि एसीपी प्रद्युमन मैं नहीं हूं बल्कि वह किरदार है जिसे मुझे निभाना है। मुझे उसके व्यक्तित्व, डॉयलॉग्स और संयम का उपयोग करके, उसेहें जीवंत करना है।

वह इस ग्रुप का प्रमुख है, उसका स्वभाव पिता की तरह है जो सबको साथ लेकर चलता है और यह सुनिश्चित करता है कि केस आगे बढ़े। उसके व्यक्तित्व में कई पहलू हैं। एसीपी प्रद्युमन और डॉ. सालुंखे के बीच का रिश्ता एक और हाइलाइट है। इस दोस्ती में हमें दिखाया जाता है कि कैसे दोस्त एक-दूसरे को चिढ़ाते हैं, लेकिन एक-दूसरे का गहरा सम्मान भी करते हैं। जैसा कि मैं अक्सर कहता हूं, दोस्ती में मौज-मस्ती और हंसी-मज़ाक होना चाहिए, लेकिन सम्मान भी उतना ही महत्वपूर्ण है। सम्मान के बिना, केवल चिढ़ाना और मज़ाक करना ही ज़िंदगी में कोई मायने नहीं रखता। यह दृष्टिकोण भी, एक आम, रोज़मर्रा के मानवीय रिश्ते को दर्शाता है। और इसी चीज को हम प्रामाणिक तरीके से दर्शाने की कोशिश करते हैं।

फैंस एसीपी प्रद्युमन, दया और अभिजीत के तालमेल को बहुत पसंद करते हैं। टीम के साथ आपके ऑन-स्क्रीन तालमेल का राज़ क्या था?
मेरा मानना है कि हमारे ऑन-स्क्रीन तालमेल का राज़ हमारी गहरी ऑफ़-स्क्रीन दोस्ती में छिपा है। केवल साथ काम करने वाले सहयोगी से बढ़कर, हम हमेशा एक परिवार की तरह रहे हैं, और यह रिश्ता समय की कसौटी पर खरा उतरा है। हम कभी-कभी नहीं, बल्कि लगभग हर दिन संपर्क में रहे हैं, तब भी जब हम शूटिंग नहीं कर होते थे। चाहे खाने के लिए मिलना हो, कैज़ुअल गेट-टुगेदर हो, या ज़िंदगी के बारे में बातें करना हो, हमारा रिश्ता हमेशा मज़बूत रहा है। अक्सर हमारी मुलाकातें पहले से तय होती हैं, और कभी-कभी अचानक होती हैं, लेकिन एक-दूसरे से संपर्क में रहने की यह कोशिश हमेशा परस्पर रही है। हम अपने मार्गदर्शक बीपी सिंह से मिलने भी जाते हैं,

और उन पलों में बहुत सारी प्यारी यादें ज़िंदा हो जाती हैं। एक-दूसरे के संपर्क में रहने, हंसी-मज़ाक करने और एक-दूसरे का साथ देने की यह परंपरा सालों से चली आ रही है, और मेरे ख्याल से यह सच्चा स्नेह और सम्मान ही स्क्रीन पर दिखने वाले तालमेल में स्वाभाविक रूप से दिखाई देता है।
एसीपी प्रद्युमन के डायलॉग, जैसे “दया, दरवाज़ा तोड़ दो,” कईयों का तकियाकलाम बन चुका है। इस डायलॉग के पॉप संस्कृति का हिस्सा बनने के बारे में आपके क्या विचार हैं?

हां, “दया, दरवाज़ा तोड़ दो” वाकई कईयों की ज़िंदगी का हिस्सा बन गया है, है न? सच कहूं तो, मुझे यह जानकर काफी अच्छा लगता है और हैरानी भी होती है कि यह डायलॉग पॉप संस्कृति का इतना लोकप्रिय हिस्सा कैसे बन गया है। जब हमने इसका इस्तेमाल करना शुरू किया था, तो हमें नहीं पता था कि यह दर्शकों को इस तरह से प्रभावित करेगा या इतना प्रसिद्ध तकियाकलाम बन जाएगा। यह देखकर लाजवाब लगता है कि फैंस ने इसे कैसे अपनाया है, इसे मीम्स, चुटकुलों और यहां तक कि रोज़मर्रा की बातचीत में भी इस्तेमाल किया है। इससे पता चलता है कि सीआईडी और उसके किरदारों के साथ लोगों का कितना गहरा जुड़ाव बन गया है। मेरे लिए, यह उस असर की याद दिलाता है जो शो ने पिछले कुछ सालों पर छोड़ा है-यह कोई डायलॉग बस नहीं है; यह उन सभी एक्शन, ड्रामा और मस्ती का प्रतीक है जो सीआईडी लोगों के जीवन में लाया है। मैं उन फैंस का बहुत आभारी हूं जिन्होंने शो की भावना को अपने दिलों में ज़िंदा रखा है, इस तरह की एक आम लाइन को रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बना दिया है। यह इस बात का सबूत है कि हमने जो काम किया वह सिर चढ़कर बोलता है, और मुझे इस तरह की कालातीत शो का हिस्सा होने पर गर्व है।
सीआईडी 1,500 से ज़्यादा एपिसोड के बाद वापसी कर रहा है, आज के दर्शकों की पसंद और उम्मीदों को खरा उतरने के लिए शो को किस तरह से नया रूप दिया गया है?

नए एपिसोड काफी रोमांचक होंगे, जिनमें नई और विविधतापूर्ण कहानियां होंगी। उनमें जांच करने की आधुनिक तकनीकों को शामिल किया जाएगा, जिससे दर्शकों के लिए केस और किरदारों के सामने आने वाली चुनौतियों से कनेक्ट कर पाना आसान हो जाएगा। हालांकि शो की मूल भावना वही रहेगी, लेकिन इसे ज़्यादा दिलचस्प और अपडेट तरीके से पेश किया जाएगा। इतने सालों के बाद, उसी पुराने चश्मे के साथ शो को पेश करना समझदारी भरा फैसला नहीं होता, खासकर तब जब दर्शकों की उम्मीदें बढ़ गई हों। आप जैसे लोग जिन्होंने बचपन में सीआईडी देखा था, और कॉलेज और उसके बाद भी इसे उतना ही पसंद किया, शो के प्रति उनका प्यार हमेशा बना रहेगा। अब, उम्मीदें और भी ज़्यादा बढ़ गई हैं

, और हमारा लक्ष्य उन उम्मीदों पर पूरी तरह खरा उतरना है। हम सीआईडी को खास बनाने वाली चीज़ों को अपनाते हुए कुछ रोमांचक, आकर्षक और नया पेश करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। इस बार, इसे बेहतर होना होगा, और हमें पूरा भरोसा है कि यह बेहतर होगा!
इंडस्ट्री में इतने सालों में मिले अनुभव से, आप अपने फैंस को क्या संदेश देना चाहेंगे, खासकर जबकि सीआईडी की वापसी हो रही है?

इतने सालों तक सीआईडी और मेरा समर्थन करने वाले सभी फैंस को, मैं तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया कहना चाहता हूं। आपका प्यार और निष्ठा हमारे लिए बहुत मायने रखती है, और यह आपके कारण ही है कि सीआईडी भारतीय टेलीविज़न का इतना लोकप्रिय हिस्सा बना हुआ है। जबकि शो अपनी वापसी कर रहा है, हम रोमांचक कहानियां, दिलचस्प मामले, और निश्चित रूप से, आपके दिलों को छू जाने वाले पलों को पेश करना जारी रखने का वादा करते हैं। मुझे उम्मीद है कि आप सभी इस नए सीज़न को देखते रहेंगे और हमारा समर्थन करते रहेंगे। याद रखें, न्याय कभी रुकता नहीं है – और न ही एसीपी प्रद्युमन! देखते रहिए, और हम एक बार फिर आपका मनोरंजन करने के लिए उत्सुक हैं।

सीआईडी 21 दिसंबर को सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न पर लौट रहा है, और यह हर शनिवार और रविवार को रात 10 बजे प्रसारित होगा।

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