धोबी पिता का बेटा बना भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट, जानिए संघर्ष से लेकर सफलता की पूरी कहानी
Success Story Of Indian Army Officers:सफलता एक दिन में नहीं मिलती है लेकिन मेहनत करने वालों को एक दिन जरूर मिलती है। राजस्थान के रहने वाले राहुल वर्मा ने इस बात को सच कर दिखाया है। तीन बार तीन बार परीक्षा में असफल होने के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और चौथी बार परीक्षा दी और परीक्षा पास की। आज वो भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट हैं।
राहुल वर्मा राजस्थान के कोटा के रहने वाले हैं। उनके पिता नंद किशोर भदाना की एक छोड़ी सी प्रेस की दुकान है। राहुल वर्मा बहुत ही साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। राहुल ने अपनी 12वीं तक कि पढ़ाई घर के पास एक निजी स्कूल से प्राप्त की है। खबरों के मुताबिक राहुल ने लेफ्टिनेंट बनने के लिए बहुत मेहनत की है। अपने घर की सभी परेशानियों का सामना करते हुए राहुल वर्मा ने घर के एक कोने में एक बल्ब की रोशनी में रात-रात भर जागकर पढ़ाई की थी, जिससे वे अपने पिता का सपना पूरा कर सकें।
टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में राहुल ने कहा कि मेरे पिता मेरे लिए मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं, उन्होंने मुझे हमेशा ऐसा काम करने के लिए कहा जो सम्मान वाला हो। वे अक्सर कहते हैं कि सिर्फ राजा का बेटा ही राजा नहीं बनता है ब्लकि कोई भी अपनी मेहनत और प्रयास से शीर्ष पर पहुंच सकता है। राहुल वर्मा ने चार बार भारतीय सेना में शामिल होने के लिए परीक्षा दी। उन्होंने कहा कि हिन्दी मीडियम से पढ़ने और इंग्लिश में इंटरव्यू होने के कारण, उन्हें तीन बार असफलता मिली। लेकिन उनकी कठिन मेहनत और सच्ची लगन से उन्हें चौथी बार इंटरव्यू में सफलता मिली। इसके बाद मेरिट लिस्ट में उन्हें ऑल इंडिया रैंक 95वीं मिली।
राहुल 12वीं के बाद से आर्मी ऑफिसर बनना चाहते थे,जिसके लिए उन्होंने बहुत मेहनत की है। उनकी सफलता से उनके पिता का सीना गर्व से चौड़ा हो गया है। राहुल उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं जो एक बार असफलता हाथ लगने से दूसरा प्रयास ही नहीं करते हैं। इसके अलावा आर्थिक स्थिति कभी भी आपके सपने के बीच में रुकावट नहीं बन सकती है।