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सोनी सब के ‘उफ्फ… ये लव है मुश्किल’ में अपने किरदार पर बोलीं आशी सिंह

मुंबई, जुलाई 2025: सोनी सब का शो ‘उफ्फ… ये लव है मुश्किल’ प्यार की जटिलताओं को बारीकी से पेश करता आ रहा है। इस कहानी के केंद्र में हैं युग सिन्हा (शब्बीर आहलूवालिया) — एक प्रतिभाशाली लेकिन भावनात्मक रूप से संयमित वकील, जो अपने जज्बातों से खुद को बचाकर रखता है। वहीं दूसरी ओर हैं कैरी शर्मा (आशी सिंह) — एक संवेदनशील और जोशीली लॉ स्टूडेंट जो प्यार में पूरा विश्वास रखती है, लेकिन अपने भीतर चल रहे भावनाओं के तूफान में उलझी हुई है।

इस खास बातचीत में आशी सिंह ने अपने किरदार कैरी को निभाने के दौरान हुए भावनात्मक उतार-चढ़ाव, व्यक्तिगत जुड़ाव और एक कलाकार के रूप में अपने विकास पर खुलकर बात की।

1. कैरी एक बहुआयामी किरदार है — मजबूत भी और संवेदनशील भी। एक कलाकार के तौर पर उसकी यात्रा में सबसे चौंकाने वाली बात क्या रही?
जब मैंने कैरी के किरदार पर काम शुरू किया और स्क्रिप्ट पढ़नी शुरू की, तब मुझे लगा कि उसमें सिर्फ दो प्रमुख भावनाएं हैं। लेकिन अब जब मैं इस किरदार को जी रही हूं, तो उसकी जटिलता ने मुझे हैरान कर दिया है। वह अक्सर एक चीज़ महसूस करती है लेकिन करती कुछ और है। उसका दिमाग उसे रोकता है लेकिन दिल उसे किसी और दिशा में ले जाता है। इस टकराव को स्क्रीन पर निभाना, महसूस करना और समझना मेरे लिए बहुत रोचक रहा है।

2. कैरी प्यार पर गहराई से विश्वास करती है और अपना दिल अपने हाथ पर रखकर चलती है। असल ज़िंदगी में आप कैरी के प्रेम और विश्वास के विचार के कितने करीब हैं?
असल ज़िंदगी में भी मैं मानती हूं कि प्यार और विश्वास दो सबसे खूबसूरत भावनाएं हैं। लेकिन मैं ऐसी इंसान हूं जो जल्दी किसी पर भरोसा नहीं करती। मुझे किसी से जुड़ने में और किसी पर भरोसा करने में या उसके प्रेम में पड़ने में वक्त लगता है। लेकिन जब मैं जुड़ जाती हूं, तो पूरी तरह समर्पित हो जाती हूं। इस मामले में मैं कैरी से बहुत जुड़ाव महसूस करती हूं। मेरा जीवन मंत्र है — जितना हो सके, प्यार फैलाओ। हालांकि मैं फिर भी उससे थोड़ी अलग हूं।

3. युग और कैरी एक-दूसरे से काफी अलग हैं, फिर भी उनकी केमिस्ट्री सहज लगती है। कैमरे के सामने आप और शब्बीर के बीच यह तालमेल कैसे बन जाता है?
सच कहूं तो, मुझे नहीं पता। हो सकता है कि जब हम अपने किरदार निभा रहे होते हैं, तो उनमें पूरी तरह खो जाते हैं। ऑफ-स्क्रीन जो भी हम एक-दूसरे के साथ महसूस करते हो, कैमरा रोल होते ही हम युग और कैरी बन जाते हैं। हम उनके जज्बात लेकर आते हैं और शायद यही वजह है कि यह रिश्ता पर्दे पर इतना स्वाभाविक और खूबसूरत लगता है।

4. कैरी की कौन सी बात आपसे मिलती है, और कौन सी ऐसी है जो आपमें नहीं है लेकिन आप चाहती हैं?
मैं हमेशा कोशिश करती हूं कि मेरे किरदार एक-दूसरे से अलग हों। लेकिन कैरी के साथ अनुभव कुछ खास रहा है। मुझे यह किरदार बहुत पसंद है, और इस बार मुझे इस किरदार की खुद से बहुत दूरी बनाने की जरूरत ही नहीं पड़ी। कई मामलों में कैरी मेरी ही तरह है — जिम्मेदार, खुशमिजाज, तनाव को झटक देने वाली और हमेशा समाधान की ओर बढ़ने वाली, और मैं इस किरदार से इसी कारण से जुड़ाव भी महसूस करती हूं। लेकिन एक चीज जो मैं उससे सीखना चाहती हूं — वह है ना सोचना। मैं अक्सर चीजों को लेकर ज़्यादा सोचती हूं, और यह आदत मैं बदलना चाहती हूं।

5. क्या कोई ऐसा सीन रहा है जो आपको चुनौतीपूर्ण लगा या आपके साथ लंबे समय तक रहा?
हां, कई बार। अभी जो ट्रैक चल रहा है, जिसमें मेरे भाई-बहन मुझे छोड़ कर जा रहे हैं, और ‘मायरी’ के साथ अस्पताल वाला सीन — ये बहुत मुश्किल थे। जब सेट पर जाती हूं, तो उस भावनात्मक स्थिति में खुद को पूरी तरह डालना पड़ता है क्योंकि आप सहज रूप से किरदार की संवेदनाओं को जीना चाहते हैं और वह किरदार जिस भावनात्मक स्थिति से गुजर रहा है, वह महसूस करना होता है। यह सिर्फ आंसू बहाना नहीं है, बल्कि उस दर्द को भीतर से महसूस करना होता है। ऐसे भावनात्मक दृश्यों के लिए एक खास मानसिक स्थिति में रहना पड़ता है, और उसमें बने रहना आसान नहीं होता।

6. शब्बीर आहलूवालिया और सुप्रिया शुक्ला के साथ आपकी कुछ खूबसूरत सीन हैं। आपने उनके साथ इतना करीबी से काम करते हुए क्या सीखा?
मैं हर दिन उनसे बहुत कुछ सीख रही हूं। दोनों ही बेहद प्रतिभाशाली और अनुभवी हैं। उनके छोटे-छोटे सुझाव मेरे परफॉर्मेंस में बड़ा बदलाव लाते हैं। कभी वे कहते हैं, “तुम बहुत अच्छा कर रही हो, लेकिन यह छोटे एडजस्टमेंट कर लो,” और वह छोटे-छोटे सुझाव भी बहुत बड़ा अंतर पैदा करते हैं। उनके इनपुट लगातार मुझे मेरे प्रदर्शन को और बेहतर करने में मदद कर रहे हैं। जो चीज़ मैं सबसे ज़्यादा सराहती हूं, वह यह कि वे दोनों कलाकार होने के साथ-साथ बहुत ही जमीन से जुड़े इंसान हैं। मैंने सिर्फ अभिनय ही नहीं, ज़िंदगी के भी कई अहम सबक उनसे सीखे हैं। उन्होंने मेरी व्यक्तिगत तरक्की और सेल्फ-ग्रूमिंग में बहुत सकारात्मक भूमिका निभाई है और निभा रहे हैं। वे दोनों ही सहज रूप से नेकदिल और जमीन से जुड़े हैं।

7. यह किरदार आपके पिछले काम से कितना अलग है? क्या इसने आपकी कला या खुद को देखने का नजरिया बदला?
बिलकुल। यह रोल मेरे अब तक के हर रोल से अलग है, और इस बदलाव ने मुझे एक कलाकार के रूप में बेहतर किया है। इसने मेरे प्रदर्शन को बेहतर किया है और जिस तरह से मैं अपने काम को देखती थी, उस नजरिये को भी समृद्ध किया है। जब आप हर दिन काम करते हैं, आपको हर दिन कुछ नया सीखने को मिल रहा है। आप हर गुजरते सीन के साथ खुद को पॉलिश करते हैं। और जब मैं इस शो पर लगातार काम कर रही हूं तो मुझे लगता है कि मैं हर कदम के साथ और निखर रही हूं।

8. बहुत कुछ न बताते हुए क्या आप बता सकती हैं कि आगे कैरी की यात्रा से दर्शक किस तरह उससे जुड़ने वाले हैं?
अभी हम एक ऐसा ट्रैक शूट कर रहे हैं जिसमें कैरी युग के लिए फील करने लगती है, लेकिन वह बहुत कन्फ्यूज है। वह सोच रही है कि ‘यह नहीं हो सकता, वह मेरे लिए अच्छा नहीं रहा है। उसने मेरे साथ अच्छा बर्ताव नहीं किया है।’ इसके बावजूद वह उससे जुड़ती जा रही है। मैं व्यक्तिगत तौर पर इससे जुड़ रही हूं क्योंकि मुझे लगता है हम सभी ऐसी स्थिति से गुजरते हैं, जब दिल किसी और दिशा में चलने लगता है, भले ही दिमाग मना करे। आप अपने दिल को या अपनी भावनाओं को रोक नहीं पाते। मुझे लगता है कि यह स्थिति लोगों की भावनाओं से प्रतिध्वनित होती है और इस भावनात्मक टकराव से लोग जरूर जुड़ेंगे।

देखते रहिए ‘उफ्फ… ये लव है मुश्किल’, हर सोमवार से शनिवार रात 8 बजे, सिर्फ सोनी सब पर \