Top Newsउत्तर प्रदेशराज्य

विशेष सचिव पशुपालन विभाग ने पशुपालन विभाग की मण्डल स्तरीय करी समीक्षा

 

बरेली, 13 सितम्बर। विशेष सचिव पशुपालन विभाग देवेन्द्र कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में कल पशुपालन विभाग की मण्डल स्तरीय समीक्षा बैठक सर्किट हाउस सभागार में सम्पन्न हुई।

बैठक में विशेष सचिव द्वारा मण्डल के समस्त जनपदों में निराश्रित गोवंश को प्राथमिकता के आधार पर गो आश्रय स्थलों में संरक्षित करने के निर्देश दिये गये, नवीन वृहद गौ संरक्षण केन्द्रो के प्रस्ताव प्राथमिकता के आधार पर शासन को प्रेषित करने एवं पूर्व में निर्मित वृहद गो-संरक्षण केन्द्रों पर बाउन्ड्रीवाल का निर्माण माननीय सांसद निधि/माननीय विधायक निधि एवं क्रिटिकल गैप से कराने के निर्देश दिये गये। साथ-साथ गोचर भूमि को कब्जा मुक्त कराकर हरे चारे को गौ-आश्रय स्थलों को उपलब्ध कराने के साथ ही चारे की कमी की स्थिति में साइलेज उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया। अन्य योजनाओं में पशुओं में खुरपका-मुंहपका टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान, निर्धन पशुपालकों के उत्थान हेतु चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं जैसे बकरी पालन एवं मुर्गी पालन आदि की समीक्षा करते हुए जिला स्तरीय कमेटी को  समस्त योजनाओं के लक्ष्य समय से पूर्ण करने के निर्देश दिये गये।

बैठक में विशेष सचिव पशुपालन विभाग ने सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि गौवंशों के प्रति सजग और संवेदनशील रहे तथा गाय/बकरी पालन हेतु आमजन को उपलब्ध हो सके इसके लिए पशु मेले आयोजित कराए जाएं, वहां बैकर्स को भी बुलाएं और उनका स्टॉल लगाए तथा पशु लेने के इच्छुक लोगों को हाथों हाथ लोन स्वीकृत कराते हुए पशु उपलब्ध कराए जाएं। यह कार्य 10 दिन के अंदर कराया जाए तथा गौपालकों को विभाग में संचालित योजनाओं का लाभ भी दिलाया जाए।

जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि गौवंशों से सम्बंधित समस्त बिन्दुओं पर संवेदनशीलता के साथ कार्य करें, किसी भी प्रकार की समस्या या अव्यवस्था नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि जनपद में 14 लाख परिवार ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े हुए हैं उन्हें गौपालन व बकरी पालन हेतु सुविधा और लोन उपलब्ध कराया जाए। दुग्ध और मत्स्य के व्यवसाय को आगे लेकर चलेंगे तो विकसित भारत और विकसित उ0प्र0 का सपना अवश्य पूर्ण होगा।

मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिए कि गौ आश्रय स्थलों तथा मा0 मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना अन्तर्गत सुपुर्द किये गये गोवंशों की माहवार फंड रिक्वेस्ट तय समय सीमा के अनुसार नियमित रूप से प्रेषित किया जाए तथा गौशालाओ में मौजूद गौवंश की विधिवत टैंगिग पंजिका एवं पोर्टल पर संख्या में अंतर नहीं होना चाहिये। उन्होंने कहा कि हर महीने की 25 तारीख तक भरण पोषण के भुगतान हेतु पत्रावली उपलब्ध करा दी जाए, इस कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही ना बरती जाए तथा खण्ड विकास अधिकारी के साथ समन्वय कर सत्यापन पूर्ण कराएं। बीमार और चोटिल पशुओं को अलग रखने की व्यवस्था की जाए और उसको समुचित इलाज की व्यवस्था की जाए। चारागाह की भूमि का भी समय-समय पर निरीक्षण करें और निरीक्षण करने हेतु चारे के टाइम पर जाएं तथा देखें कि हरा चारा गौवंशों को मिल रहा है या नहीं। चारागाह की भूमि पर यदि कहीं अवैध कब्जा है तो उसे हटवाएं। कोई भी विपरीत स्थिति हो तो अपने उच्चाधिकारी को अवश्य अवगत कराएं। जहां हरे चारे व्यवस्था नहीं है तो साइलेज का टेंडर हो चुका है, साइलेज की आपूर्ति कराएं और उसे पशुओं को खिलाएं।

बैठक में जिलाधिकारी अविनाश सिंह, नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य, मुख्य विकास अधिकारी देवयानी, अपर निदेशक पशुपालन डॉ0 एम0पी0 सिंह, समस्त मुख्य पशु चिकित्साधिकारी/उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी/पशु चिकित्साधिकारी उपस्थित रहे।

बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

---------------------------------------------------------------------------------------------------