राज्य आयुक्त दिव्यांगजन उत्तर प्रदेश द्वारा दिव्यांगजनों समस्याओं का त्वरित निस्तारित कराने के उद्देश्य से मोबाइल कोर्ट का किया गया आयोजन
बरेली, 30 जुलाई। राज्य आयुक्त दिव्यांगजन विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा दिव्यांगजन सशक्तीकरण के उद्देश्य से सरकार की ओर से चलाई जाने वाली विभिन्न योजनाओं का लाभ दिव्यांगजनों को देने, समाज में दिव्यांगजनों के साथ हो रहे भेदभाव को समाप्त कराने, उनको पूर्ण एवं प्रभावी भागीदारी दिलाए जाने, शिकायतों, समस्याओं का त्वरित निस्तारित कराने के उद्देश्य से मोबाइल कोर्ट का आयोजन आज स्थानीय सर्किट हाउस सभागार में किया गया।
राज्य आयुक्त दिव्यांगजन उत्तर प्रदेश प्रो0 हिमांशु शेखर झा, उपायुक्त दिव्यांगजन शैलेन्द्र सोनकर की उपस्थिति में मोबाइल कोर्ट में 44 दिव्यांगजनों ने अपनी समस्याएं रखी, जिसमें आवास, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, दिव्यांगता प्रमाण पत्र, दिव्यांग पेंशन, बच्चों की निशुल्क शिक्षा, अन्त्योदय कार्ड आदि शिकायतें/प्रार्थना पत्र शामिल रहे। राज्य आयुक्त ने समस्त समस्याओं के समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही हेतु संदर्भित किया। उन्होंने शिकायतों को गंभीरता से न लेने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए अधिकारियों को अपने कार्य व्यवहार में बदलाव लाने के निर्देश दिए।

राज्य आयुक्त दिव्यांगजन ने पूर्व में जारी अस्थाई दिव्यांगता प्रमाण पत्रों को निरस्त करते हुए पुनः परीक्षण कर नियमानुसार पात्रों को स्थाई दिव्यांगता प्रमाण पत्र निर्गत करने व भविष्य में अस्थाई दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी न करने के निर्देश दिए।
बैठक में उपस्थिति उपायुक्त ने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह एक्ट 19 अप्रैल 2017 को लागू हुआ। इसके अन्तर्गत मोबाइल कोर्ट को सिविल कोर्ट की शक्तियां प्राप्त हैं। कोर्ट के आदेशों का पालन ना किए जाने पर पहली बार में दस हजार, दूसरी बार में 50 हजार तथा तीसरी बार में पांच लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। उन्होंने एक्ट के अंतर्गत आने वाले विभिन्न प्राविधानों के बारे में प्रकाश डालते हुए बताया कि अगर सामान्य व्यक्ति भी सेवा में रहते हुए किसी भी कारण से दुर्घटना से दिव्यांग हो जाता है तो उसको सेवा से हटाया नहीं जा सकता।


राज्य आयुक्त दिव्यांगजन ने सम्बंधित अधिकारियों को अपने विभाग से संबंधित योजनाओं का लाभ दिव्यांगजनों तक पहुंचाने के लिए कैम्प लगाकर भी कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि हमारी पूरी कोशिश रहनी चाहिये कि दिव्यांगजनों को उनके अधिकारों से कतिपय वंचित न किया जाए, प्रत्येक दशा में उनके अधिकारों का संरक्षण किया जाना चाहिये। सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचे, इसको अच्छे से सुनिश्चित किया जाए, प्रचार-प्रसार करवा के दिव्यांगजनों को विभिन्न योजनाओं के बारे में जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के प्रति किसी भी प्रकार की हेय की भावना नहीं रखनी चाहिए, उनके प्रति सहानुभूति व समानुभांति की तरह पेश आना चाहिए तथा उनकी समस्याओं का निराकरण ससमय करना चाहिये।
राज्य आयुक्त दिव्यांगजन ने दिव्यांगजनों को सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने व उनकी समस्याओं के प्रति संवेदनशील बनने के लिए कहा। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिव्यांगजनों ने देश का मान बढ़ाया है। पैरा ओलंपिक में ओलंपिक से ज्यादा मैडल जीतकर दिव्यांगजनों ने देश को गौरवान्वित किया है।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 विश्राम सिंह, नगर मजिस्ट्रेट अलंकार अग्निहोत्री, उपजिलाधिकारी सदर, आंवला, नवाबगंज व मीरगंज, उप निदेशक दिव्यांगजन सशक्तिकरण, जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी चमन सिंह, डीआईओएस, जिला समाज कल्याण अधिकारी सहित सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट