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बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा की कड़ी निंदा

लखनऊ: बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय के विरुद्ध हो रही कथित हत्याओं, हिंसा, धार्मिक उत्पीड़न और मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाएँ अत्यंत चिंताजनक, निंदनीय और मानवता को शर्मसार करने वाली हैं। विश्व वैदिक सनातन न्यास इन घटनाओं की कड़े शब्दों में भर्त्सना करता है।

विश्व वैदिक सनातन न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सिंह ने जारी निंदा प्रस्ताव में कहा कि बांग्लादेश में लंबे समय से हिंदू समुदाय को संगठित रूप से निशाना बनाया जा रहा है। मंदिरों पर हमले, घरों को जलाया जाना, महिलाओं और बच्चों की असुरक्षा तथा हत्याओं की खबरें यह दर्शाती हैं कि वहाँ धार्मिक अल्पसंख्यकों के मौलिक अधिकार गंभीर खतरे में हैं।

संतोष सिंह ने कहा कि यह केवल किसी एक देश का आंतरिक मामला नहीं है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता से जुड़ा गंभीर विषय है। यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह हिंसा और भी भयावह रूप ले सकती है। विश्व वैदिक सनातन न्यास, भारत सरकार से यह अपील करता है कि बांग्लादेश सरकार से राजनयिक स्तर पर कड़ा विरोध दर्ज कराया जाए, हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित कराने हेतु अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह मुद्दा उठाया जाए,

संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों के माध्यम से निष्पक्ष जांच कराई जाए, पीड़ित हिंदू परिवारों को हरसंभव मानवीय सहायता उपलब्ध कराई जाए। न्यास का मानना है कि भारत, जो विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, धार्मिक उत्पीड़न के विरुद्ध मौन नहीं रह सकता। भारत की आवाज़ न केवल बांग्लादेश के पीड़ित हिंदुओं के लिए, बल्कि विश्वभर में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। अंत में, विश्व वैदिक सनातन न्यास यह स्पष्ट करता है कि यह निंदा प्रस्ताव किसी समुदाय या देश के विरुद्ध नहीं, बल्कि निर्दोष हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, सम्मान और अधिकारों की रक्षा के उद्देश्य से पारित किया गया है।

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