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धारावी पुनर्विकास परियोजना पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, अडानी समूह को राहत

मुंबई: सुप्रीम कोर्ट ने धारावी पुनर्विकास परियोजना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, जिससे अडानी समूह को बड़ी राहत मिली है। अदालत ने बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व निर्णय को भी बरकरार रखा है।

यह फैसला दुबई स्थित सेकलिंक टेक्नोलॉजीज कॉरपोरेशन (Seclink Technologies Corp) की याचिका पर आया, जिसमें महाराष्ट्र सरकार द्वारा अडानी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को यह परियोजना सौंपे जाने के निर्णय को चुनौती दी गई थी। सेकलिंक का दावा था कि उनकी बोली अडानी ग्रुप से बेहतर थी और उन्हें यह ठेका मिलना चाहिए था। हालांकि, दिसंबर 2024 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी, यह कहते हुए कि सरकार को बोलीदाताओं के चयन का अधिकार है और सेकलिंक की याचिका में कोई ठोस आधार नहीं है।

धारावी के निवासियों को मिलेगा नया घर

अडानी समूह महाराष्ट्र सरकार के साथ मिलकर धारावी के पुनर्विकास की जिम्मेदारी संभाल रहा है। इस परियोजना के तहत 296 एकड़ के घनी आबादी वाले क्षेत्र को आधुनिक शहर में तब्दील किया जाएगा। इस योजना में धारावी निवासियों को 350 वर्ग फुट का फ्लैट मिलेगा, जिसमें किचन और बाथरूम की सुविधा होगी।

20 हजार करोड़ रुपये की परियोजना

अडानी प्रॉपर्टीज ने 2022 के अंत में इस परियोजना के लिए सरकारी अनुबंध जीता था। इस ठेके के लिए डीएलएफ और नमन डेवलपर्स सहित कई रियल एस्टेट कंपनियों ने भी बोली लगाई थी, लेकिन अडानी ग्रुप को टेंडर मिला। लगभग 20 हजार करोड़ रुपये की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत धारावी झोपड़पट्टी का पुनर्निर्माण किया जाएगा।

हालांकि, विपक्षी दल इस परियोजना को अडानी समूह को दिए जाने का विरोध कर रहे हैं और ठेके को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद परियोजना की राह अब साफ हो गई है।

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