राज्यपाल महोदया कीअध्यक्षता में महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय का 22वाँ दीक्षांत समारोह हुआ सम्पन्न
बरेली, 15 अक्टूबर। माननीय राज्यपाल/ कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में कल महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय का 22वाँ दीक्षांत समारोह अटल सभागार में सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने अपने सम्बोधन में कहा कि ’मेरे प्रिय युवा स्नातकों एवं शोधार्थियों आज का दिन आपके जीवन में महत्वपूर्ण है और आपके जीवन की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। तीव्र प्रतिस्पर्धा का सामना करते हुए इस संस्थान में प्रवेश करते हुए आपने बड़े समर्पण के साथ अपने शैक्षणिक कार्य को आगे बढ़ाया और अपनी कड़ी मेहनत और उच्च मानकों को बनाए रखने के लिए समर्पण से अपनी डिग्री और पुरस्कार अर्जित किए। यह आपके साथ-साथ आपके शिक्षकों, माता-पिता और उन लोगों के लिए गर्व का क्षण है जिनका आपके जीवन को आकार देने में कोई योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि आप याद कर सकते हैं कि उच्च शिक्षा के लिए आपका मिशन यहां बड़े जुनून के साथ शुरू हुआ था लेकिन निश्चित रूप से जान लें कि यह यहीं खत्म नहीं होगा यह तब तक समाप्त नहीं होगा जब तक आप जीवन की प्रयोगशाला की अनिश्चितताओं और चुनौतियों का सामना करने और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ सफलताओं और असफलताओं से निपटने के लिए पूरी तरह से आश्वस्त महसूस नहीं करते।
उन्होंने कहा कि छात्रों और शिक्षकों को सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में अनुसंधान संस्थानों में न्यूनतम निर्दिष्ट समय के लिए काम करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि अत्याधुनिक उपकरणों और सुविधाओं के साथ व्यावहारिक अनुभव प्राप्त हो सके। परिसर के भीतर ऊष्मायन, नवाचार और अनुसंधान केंद्रों की स्थापना पर ध्यान केंद्रित किया जाये, जिससे आवश्यकता पड़ने पर विशेषज्ञों द्वारा उचित मार्गदर्शन प्रदान किया जा सके। छात्रों को दिलचस्प, नवीन परियोजनाओं को लेने के लिए तैयार किया जा सकता है, जिनमें तकनीकी सफलता प्रदान करने की क्षमता होगी। आवश्यक सुविधाएं और मार्गदर्शन प्रदान करने से निश्चित रूप से उन्हें सफल समाधान प्राप्त करने में मदद मिलेगी। दिव्यांगजन बच्चों के लिए समर्थित संस्था जो रुहेलखंड विश्वविद्यालय द्वारा संचालित है इंटरमीडिएट साइंसेस ब्लाक को अनुमति मिली है, जिसकी कक्षाएँ वहाँ आरंभ हो गई हैं जल्दी ही यहां स्नातक पाठ्यक्रम आरम्भ करने की योजना है। दिव्यांगजन हेतु दिशा स्कूल एवं आर्थिक रूप से असक्षम बच्चों हेतु संचालित पं दीनानाथ मिश्रा स्कूल को विश्वविद्यालय द्वारा एक करोड़ रूपये की आर्थिक सहायता उनके शौक्षणिक कार्यों हेतु प्रदान की गई है।
माननीय राज्यपाल महोदया ने कहा कि इस शैक्षणिक सत्र हेतु 94 गोल्ड में से 75 प्रतिशत से अधिक छात्राओं को प्राप्त हुये है। पिछले वर्षों की भाँति इस वर्ष भी रूहेलखण्ड की बेटियों ने अपनी योग्यता और क्षमता को अपने परिश्रम से स्ंवय सिद्व किया है। छात्र-छात्राएं जब कुशल युवा पुरुषों और महिलाओं के रूप में कदम रखते हैं तो वह एक मजबूत, आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करते हैं। भविष्य के नागरिकों और हमारे महान देश की समृद्ध परंपरा के राजदूत के रूप में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले आत्मविश्वास वाले पुरुषों और महिलाओं के रूप में यकीन है कि आप अपने शिक्षकों द्वारा दिए गए ज्ञान का अच्छा उपयोग करेंगे। माननीय राज्यपाल का दीक्षांत उद्बोधन विद्यार्थियों के लिए बहुत ही प्रेरणादायक और लाभकारी था। राज्यपाल ने अपने दीक्षांत उद्बोधन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह के कार्यों की सराहना की तथा उनकी उपलब्धियों की भी बात की। उन्होंने कहा कि रोहिलखंड क्षेत्र के अनेक लोगों ने देश का मान बढ़ाया है मैं उनका ह्रदय से सम्मान करती हूं। मेडल जीतने वाले छात्र-छात्राओं के संदर्भ में उन्होंने कहा कि अधिकांश गोल्ड मेडल छात्राओं ने प्राप्त किए हैं। छात्राओं का यह प्रयास सराहनीय है और वह बधाई की पात्र हैं। छात्राओं के द्वारा अकादमिक क्षेत्र में तरक्की करना केवल उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि संपूर्ण देश में देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी महिलाओं की सदी है।
इस अवसर पर माननीय राज्यपाल महोदया ने कहा कि छात्रा और छात्राओं की सफलता में मां की भूमिका का बहुत बड़ा योगदान है। छात्र-छात्राओं को माता-पिता के उनके जीवन में महत्व को भूलना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह से मां हमारी सेवा करती है वैसे ही हमें उनकी सेवा करनी चाहिए। इस अवसर पर बोलते हुए राज्यपाल ने कहा पूरे विश्व में हो रही घटनाओं की जानकारी हर एक विश्वविद्यालय को होनी चाहिए। रुहेलखंड विश्वविद्यालय नियमित तौर पर कन्वोकेशन कर रहा है यह एक सराहनीय प्रयास है। उन्होंने कहा उपाधि प्राप्त करने के बाद हमारा उद्देश्य मात्र धन का अर्जन नहीं होना चाहिए बल्कि हमारा प्राथमिक उद्देश्य हमारे समाज और राष्ट्र की सेवा करना होना चाहिए। उन्होंने रतन टाटा का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि हम अपने व्यवसाय को समाज की सेवा की दृष्टि से देखते हैं तो यह एक उत्कृष्ट कार्य होता है, उन्होंने कहा कि वह बहुत बड़े पशु प्रेमी थे। उन्होंने एक ऐसा आदर्श अस्पताल बनाया है जहां जानवरों का उत्कृष्ट कोटि का इलाज किया जाता है। गुजरात के गिर स्थित एनिमल हॉस्पिटल के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि उस अस्पताल में पशुओं का उच्च स्तरीय इलाज किया जाता है। रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय को इस गिर स्थित अस्पताल के साथ एमओयू साइन करना चाहिए। छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्र और समाज की सेवा से बड़ा कुछ नहीं होता। हमारा प्रथम उद्देश्य राष्ट्र और समाज की सेवा करना होना चाहिए। रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय को एनआईआरएफ रैंकिंग में भी उच्च स्थान प्राप्त करना चाहिए। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उल्लेख करते हुए कहा कि यह तकनीक निश्चित तौर पर बहुत महत्वपूर्ण है। लेकिन हमें इसका प्रयोग उस सीमा तक ही करना चाहिए, जहां तक यह आवश्यक है। मशीन या तकनीक का बहुत ज्यादा प्रयोग करने से हमारा अपना व्यक्तित्व पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता। किसी भी तकनीक का प्रयोग करने की एक निश्चित सीमा होनी चाहिए। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा बहुत सारी ऐसी योजनाएं चलाई जा रही हैं जो छात्र हित में है। हर एक विश्वविद्यालय का यह कर्तव्य है कि वह इन योजनाओं के बारे में छात्र-छात्राओं को जानकारी दे ताकि अपने करियर के क्षेत्र में वह इनका लाभ उठा सकें। शिक्षकों का यह दायित्व बनता है कि वह अपने छात्र-छात्राओं को केंद्र और राज्य सरकार की इन योजनाओं के बारे में जानकारी दें।
माननीय राज्यपाल द्वारा विश्वविद्यालय के दीक्षांत कार्यक्रम में इंटरनेशनल ट्रांजिट हॉस्टल और डिजिटल लर्निंग हब (डीएलएच) का शिलान्यास किया गया और इसी क्रम में इनक्यूबेशन पायलट फैसिलिटी का भी शिलान्यास माननीय राज्यपाल जी के द्वारा किया गया।
इस अवसर पर मा0 राज्यपाल महोदया ने विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट की पुस्तिका का विमोचन किया तथा हायर एजुकेशन पुस्तिका का भी विमोचन किया। इन प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए चित्रों, लिखी गईं कहानियों तथा भाषण का संकलन कुल 6 दस्तावेजों के रूप में किया गया जिसका विमोचन माननीय कुलाधिपति द्वारा किया गया। इसके साथ ही साथ कुलाधिपति महोदया द्वारा प्रशस्ति पत्र देते समय भी बच्चों से इस विषय पर बातचीत की गई और उनके इन प्रयासों को कुलाधिपति महोदय द्वारा मंच से अपने भाषण में भी सराहा गया। माननीय राज्यपाल द्वारा प्राथमिक स्तर से लेकर इंटरमीडिएट स्तर तक के 36 विद्यार्थियों को स्कूल बैग/पुस्तकें/प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए और इसके साथ ही साथ पोषण पोटली और पुस्तकों को भी दिया गया। इन विद्यार्थियों द्वारा चित्रकला, भाषण और कहानी कथन की प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग किया गया था तथा कुलाधिपति द्वारा पुरस्कृत किया गया। इसके साथ ही साथ इन आठ विद्यालयों के प्रधानाचार्य को भी राजभवन की ओर से कुलाधिपति द्वारा पठन-पाठन की पुस्तक उपहार स्वरूप प्रदान की गई।
इस अवसर पर निदेशक, बी.आर. अम्बेडकर, एनआईटी मुख्य आतिथ्य प्रो0 विनोद कुमार कन्नौजिया ने सभी का हार्दिक स्वागत करते हुए कहा कि अत्यंत गौरव और सम्मान के साथ महसूस कर रहा हूँ कि महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय का 22वाँ दीक्षांत समारोह है। हमें इस समारोह में उत्तर प्रदेश की माननीय राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की उपस्थिति का सौभाग्य प्राप्त हुआ है जो कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही हैं। माननीय उच्च शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और माननीय उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी की गरिमामयी उपस्थिति का भी आभार व्यक्त करता हूँ। मैं कुलपति प्रोफेसर के.पी. सिंह का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ और इस दिन को सफल बनाने के लिए कार्यकारी परिषद और अकादमिक परिषद के सम्मानित सदस्यों के प्रयासों को स्वीकार करता हूँ। विशिष्ट अतिथियों, समर्पित संकाय, कर्मचारियों, मीडिया प्रतिनिधियों और व्यक्तिगत और ऑनलाइन उपस्थित सभी लोगों का भी हार्दिक स्वागत करता हूँ। आज हम अपने स्नातक छात्रों की उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए एकत्र हुए हैं, जिनकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने उन्हें इस गौरवपूर्ण क्षण तक पहुंचाया है। आज आपकी उपस्थिति इस उत्सव के महत्व को बढ़ाती है जो उनके लिए एक उज्ज्वल भविष्य की शुरुआत को चिन्हित करती है। इस शुभ अवसर पर सभी स्नातक छात्रों और उनके माता-पिता को बधाई देता हूं। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले असाधारण पूर्व छात्रों को तैयार करने की गौरवशाली विरासत हासिल की है। उनमें से माननीय राज्यपाल झारखंड संतोष गंगवार जी, प्रसिद्ध क्रिकेटर मोहम्मद शमी, प्रख्यात अभिनेता राजपाल यादव, जावेद अली खान और सलोना कुशवाह जैसे प्रभावशाली राजनेता और कई अन्य हैं। उनकी उपलब्धियाँ न केवल एमजेपीआरयू को गौरवान्वित करती हैं बल्कि वर्तमान छात्रों को अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित भी करती हैं। एमजेपीआरयू के पूर्व छात्रों की विरासत समाज पर विश्वविद्यालय के स्थायी प्रभाव का प्रमाण है। अब आप उत्कृष्टता की विश्वविद्यालय की विरासत को आगे बढ़ाते हुए इस प्रतिष्ठित वंश में शामिल हो गए हैं। आज हम न केवल आपकी शैक्षणिक सफलता का जश्न मनाने के लिए एकत्र हुए हैं बल्कि चुनौतियों, विकास और खोज से भरी आपकी यात्रा का भी जश्न मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। यह दीक्षांत समारोह आपके जीवन के एक महत्वपूर्ण अध्याय के पूरा होने और नए अवसरों और जिम्मेदारियों की शुरुआत का प्रतीक है। एक ऐसी दुनिया में जो तेजी से आगे बढ़ रही है जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑटोमेशन और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों, उद्योगों और समाज को आकार दे रही हैं- स्नातकों के रूप में आपकी भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। हम एक ऐसे युग में रह रहे हैं जहाँ तकनीक हमारी नौकरियों, हमारी अर्थव्यवस्थाओं और यहाँ तक कि दुनिया के साथ हमारे व्यवहार को भी बदल रही है। लेकिन जैसे-जैसे हम इन प्रगतियों कोक अपनाते हैं, हमें समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को कभी नहीं भूलना चाहिए। आप अपने पेशेवर जीवन के एक ऐसे चरण में प्रवेश कर रहे हैं जहाँ भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्वीकरण की प्रक्रिया के माध्यम से वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ तेजी से एकीकृत हो रही है। कई भारतीय उद्यमी अब राष्ट्रीय सीमाओं तक सीमित नहीं हैं। स्वर्गीय रतन टाटा जी और लक्ष्मी निवास मित्तल जैसे उद्योगपति बहुराष्ट्रीय उद्यमों में वैश्विक नेता के रूप में उभरे हैं। यह परिवर्तन उन विभिन्न अवसरों को दर्शाता है, जिनमें कार्य वातावरण और मुआवजा पैकेज शामिल हैं जो कभी केवल विदेशों में उपलब्ध थे, अब देश के भीतर सुलभ हैं। हालाँकि यह चुनौतियाँ भी प्रस्तुत करता है कि विशेष रूप से वैश्विक प्रतिस्पर्धा का एक महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा हुआ स्तर, जिसके कारण बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए निरंतर प्रयास करना आवश्यक है। भारत सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कई पहल की हैं कि आप जैसे छात्र आधुनिक दुनिया की चुनौतियों का सामना करने के लिए अच्छी तरह से तैयार हों। ये पहल न केवल अकादमिक उत्कृष्टता पर बल्कि कौशल विकास, नवाचार और उद्यमिता पर भी ध्यान केंद्रित करती हैं छात्रों को एआई संचालित और स्वचालित भविष्य में सफल होने के लिए तैयार करती हैं। सबसे महत्वपूर्ण सुधारों में से एक राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) है, जो अपने पूर्ववर्ती से एक गतिशील विकास है, जिसका उद्देश्य भारत की शिक्षा प्रणाली को तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य की जरूरतों के साथ जोड़ना है। एनईपी समग्र और अंतः विषय सीखने के सिद्धांतों पर आधारित है लेकिन तकनीकी क्रांति को अपनाने में और भी आगे जाती है। एआई मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स और ऑटोमेशन के उद्भव के साथ, एनईपी शिक्षा के मूल में डिजिटल साक्षरता, आलोचनात्मक सोच और नवाचार को एकीकृत करने पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित करती है। एनईपी भारत को ज्ञान, अनुसंधान और तकनीकी नवाचार के लिए एक वैश्विक केंद्र में बदलने के सरकार के दीर्घकालिक दृष्टिकोण को दर्शाती है।
विशिष्ट अतिथि के रूप मे माननीय उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज के परिवेश में यह जरूरी है कि हम आजीविका कौशल के साथ-साथ विचार और व्यवहार में सार्वभौम मानवीय मूल्यों की स्थापना करें। हमारे शैक्षणिक संस्थान शिक्षा के साथ-साथ विद्या और ज्ञान के प्रकाश को फैलाने वाले केंद्र बने क्योंकि शिक्षा ज्ञान और उपलब्धि का साधन है और साधन में शुचिता का होना आवश्यक है। इसके लिए शिक्षक एवं शिक्षार्थी दोनों को अनुशासित रहना चाहिए। हमें अपने प्राचीन मूल्यों को धारण करते हुए समकालीन सामाजिक राष्ट्रीय एवं वैश्विक चुनौतियों के समाधान की दिशा में योगदान करने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। ‘‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020’’ में इसके लिए मानविकी और सामाजिक ज्ञान के साथ साथ वाणिज्य, विधि, प्रबंध विज्ञान और तकनीकी आदि के क्षेत्रों में और अधिक शोध पर बल दिया गया है। रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय को इस हेतु अपने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करना चाहिए। उत्तर प्रदेश में शिक्षण संस्थानों में लड़कियों की बढ़ती संख्या का यह रुझान स्कूल स्तर पर भी दिखाई दे रहा है, पिछले तीन दशकों में यूपी बोर्ड की 10वीं कक्षा की परीक्षा के लिए पंजीकरण कराने वाली लड़कियों की संख्या दोगुनी हो गई है। उच्च शिक्षा निदेशालय की नवीन रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश के कॉलेजों, विश्वविद्यालयों में महिला/छात्राओं की संख्या पुरुषों से अधिक हो गई है। इसके पीछे शिक्षा के प्रति बढ़ी जागरूकता हैं वहीं सभी वर्गों के गरीब बच्चों को योगी सरकार द्वारा मिलने वाली छात्रवृति भी महिलाओं की बढ़ती संख्या का एक कारण है। उच्च शिक्षा निदेशालय की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में महिलाओं और लड़कियों के बीच शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पिछले कुछ दशकों में किए गए निरंतर प्रयास आखिरकार परिणाम दिखाने लगे हैं। राज्य के उच्च शिक्षा विभाग के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश में राज्य के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में दाखिला लेने वाली लड़कियों और महिलाओं की संख्या पुरुषों और लड़कों से कहीं अधिक है। पिछले चार वर्षों में उच्च शिक्षा के लिए नामांकन कराने वाली लड़कियों की संख्या में 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। दीक्षांत समारोह हमेशा से ही एक ऐसा विशेष अवसर होता है, जिसमें हम शुरू के वर्षों में की गई कड़ी मेहनत को लक्ष्यों की प्राप्ति व सफलता की प्राप्ति से जोड़ते हुए देखते हैं। यह एक ऐसी यात्रा रहती है जो शायद अस्थाई कदमों के साथ शुरू होती है और हमें ऊंचाइयों तक ले जाती है। इस यात्रा में हम कई असाधारण क्षणों का अनुभव करते हैं और उन यादों को बनाते हैं जो आगे के वर्षों में याद की जाती हैं। उन्होंने उपस्थित छात्रों से कहा कि जीवन में कुछ पाने के लिए हमेशा मन में सीखने की इच्छा को बनाकर रखना चाहिए क्योंकि ज्ञान का कोई अंत नहीं होता। आप अच्छे मनुष्य बने अच्छा मनुष्य समाज के हर क्षेत्र में अच्छा ही होता है। आप खुद की इज्जत करिए, कभी खुद को सस्ते में मत लीजिए आप अलग हैं, और अपने आप में पूर्ण हैं। आप कितने अनमोल है समाज हमेशा आपकी आर्थिक स्थिति, जानकारी का स्तर और आत्मविश्वास को महत्व देता है। उन्होंने सभी छात्र और छात्राएं से कहा कि अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद जब अलग-अलग संस्थानों से जुड़ते हैं तब आपको एक बात ध्यान रखनी चाहिए कि उस संस्था की प्रगति में ही आपकी प्रगति होगी। आपकी प्रगति उस संस्था की प्रगति में छुपी है। इसलिए जिस संगठन से जुड़कर आप काम करते हैं, उस संगठन को अपना संगठन मानकर चलें। उस संगठन के नुकसान में आपका नुकसान मानकर चलें, अगर इस सोच के साथ आप आगे बढ़ते हैं तो निश्चित रूप से ऐसे संगठन को आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता।
माननीय राज्यमंत्री उच्च शिक्षा/ विशिष्ट अतिथि रजनी तिवारी ने इस अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि विश्वविद्यालय ज्ञान का भंडार होता है और यह पीढ़ियों तक देश के मानव संसाधन को ढालता है। भविष्य में अपनी यात्रा में, संस्थान भविष्य के लिए मानव मस्तिष्क का निर्माण करते हुए अतीत से अपने समृद्ध अनुभव को आत्मसात करना जारी रखता है। एक विश्वविद्यालय को छात्रों को बौद्धिक और आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाने के लिए ज्ञान वितरण के कार्य को एक गहन अभ्यास बनाने की दिशा में लक्ष्य रखना चाहिए। शिक्षा की परिभाषा जो व्यक्ति के सर्वांगीण विकास पर जोर देती है, समकालीन संदर्भ में भी एक मानक बनी हुई है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय आने वाले दिनों में ऐसे मानव संसाधन का सृजन करके एक उदाहरण स्थापित करेगा। देश का शैक्षणिक वातावरण आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को देखते हुए एक आमूलचूल परिवर्तन की उम्मीद करता है, जिसका उद्देश्य जीवन के लिए एक समग्र नींव प्रदान करना है जो शिक्षाविदों और गैर-शैक्षणिक क्षेत्रों को शामिल करता है। इसलिए मेरा मानना है कि रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय का कार्य हमारे जीवन में शिक्षा में एक आदर्श बदलाव लाने के लिए नई शिक्षा नीति के पूर्ण अनुप्रयोग में बल-गुणक होना चाहिए। यह उल्लेख करने की आवश्यकता नहीं है कि प्रौद्योगिकी जीवन के हर क्षेत्र में सर्वव्यापी हो गई है। शिक्षा कोई अपवाद नहीं है। इस संदर्भ में, मुझे यह कहना चाहिए कि संस्थानों को हालांकि यह ध्यान रखना चाहिए कि एनईपी ढांचे के अनुसार समावेशी, न्यायसंगत और गुणात्मक जानकारी लाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाना चाहिए। नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखते हुए, रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय को भविष्य के लिए रोडमैप तैयार करना चाहिए ताकि वह शिक्षा के क्षेत्र में देश के बाकी हिस्सों के साथ आगे बढ़ सके। इसे न केवल अपने तत्काल सदस्यों की जरूरतों को पूरा करने के लिए कदम उठाने चाहिए, बल्कि अपनी विस्तार सेवाओं के माध्यम से बड़े पैमाने पर समाज को बदलने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह ने अपने उद्बोधन में विश्वविद्यालय की उपलब्धियां तथा अपने द्वारा किए गए विश्वविद्यालय हित के कार्यों के बारे में बताया।सत्र (2023-2024) में रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय ने सत्तर 2023-24 में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सभी गुणवत्ता पूर्ण रैंकिंग सिस्टम में प्रतिभाग किया और हर्ष का विषय है कि विश्वविद्यालय ने बहुत अच्छी रैंकिंग प्राप्त की है। क्यू एस रैंकिंग में पूरे विश्व में रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने 901 स्थान प्राप्त किया, एन आई आर एफ रैंकिंग में राज्य विश्वविद्यालयों की श्रेणी में हमारे विश्वविद्यालय ने रैंकिंग 51 से 100 बैंड में प्राप्त की है। इंडिया टूडे रैंकिंग में राज्य विश्वविद्यालयों में तीन एवं देश में 30वां स्थान प्राप्त की है। इंडिया अकेडमिया रैंकिंग में डायमण्ड बैंड, रिसर्च एक्सीलेंस रैंकिंग में डायमण्ड बैंड, इम्प्लायबिलिटी एंड स्टार्टअप रैंकिंग में डायमंड बैंड प्राप्त की है। इसी प्रकार ई.डी.यू रैंकिंग उत्तर प्रदेश में 11 और भारत में 80 व स्थान प्राप्त किया। सिगमेंरों रैंकिंग में प्लांट साइंस विभाग ने उत्तर प्रदेश में 3 और भारत में 98 वें स्थान प्राप्त किया। डाई एंड साई रैंकिंग सर्टिफिक विश्वविद्यालय को प्राप्त हुआ है इसके अतिरिक्त यू.जी.सी कैटेगरी वन यूनिवर्सिटी एवं नैक ए प्लस प्लस ग्रेट युनिवर्सिटी पाँच वर्षों के लिए विश्वविद्यालय को प्राप्त हो चुकी है। नॉर्थ जोन इंटर यूनिवर्सिटी टूर्नामेंट में 6 एथलीटों ने पदक प्राप्त किए हैं ऑल इंडिया उत्तर यूनिवर्सिटी टूर्नामेंट में खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण और रजत पदक प्राप्त किये। इसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने पदक प्राप्त किए। इसी प्रकार खेलो इंडिया प्रतियोगिता में खिलाड़ियों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। और पदक प्राप्त किए हैं सत्र 2023-24 मे 9 सवर्ण 7 रजत एवं 9 कांस पदक खिलाड़ियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन से विश्वविद्यालय को प्राप्त हुए हैं इस सत्र में विश्वविद्यालय में 12 महत्वपूर्ण खेल प्रतिस्पर्धाएं राष्ट्रीय स्तर की आयोजित हुई हैं जिसमें नॉर्थ जोन एंटर यूनिवर्सिटी बास्केटबॉल, टेबल टेनिस, इंटर कॉलेजिएट एथलेटिक्स सेपक टाकरा पुरुष एवं महिला इंटर कॉलेजिएट बैडमिंटन, योगा, बास्केट बॉल फुटबॉल, जूडो एवं शूटिंग आदि शामिल हैं। रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय द्वारा समर्थ पोर्टल को प्रवेश परीक्षा परिणाम,कर्मचारियों शिक्षकों एवं अधिकारियों की अवकाश प्रोन्नति एवं सेवानिवृत्ति आदि से संबधित सभी मैनुअल द्वारा समर्थ पोर्टल भारत सरकार द्वारा कार्यान्वित किए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय ने अपने शैक्षणिक सत्र को जारी किया है और इसे पूर्णतया लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
माननीय राज्यपाल/कुलाधिपति की अनुमति से शैक्षणिक सत्र 2023-24 में 9 नये परास्नातक पाठ्यक्रम 9 डिप्लोमा पाठ्यक्रम एव 4 सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम आरंभ किये गये है। दिव्यांगजन बच्चों के लिए समर्थित संस्था जो रुहेलखंड विश्वविद्यालय द्वारा संचालित है ने इंटरमीडिएट साइंसेस ब्लाक को अनुमति मिली है जिसकी कक्षाएँ वहाँ आरंभ हो गई हैं, जल्दी ही यहां स्नातक पाठ्यक्रम आरम्भ करने की योजना है। दिव्यांगजन हेतु दिशा स्कूल एवं आर्थिक रूप से असक्षम बच्चो हेतु संचालित पं दीनानाथ मिश्रा स्कूल को विश्वविद्यालय द्वारा एक करोड रूपये की आर्थिक सहायता उनके शौक्षणिक कार्यों हेतु प्रदान की गई है। विश्वविद्यालय संस्कृति केंद्र द्वारा सांस्कृतिक गतिविधियों के सुचारू संचालन एवं छात्र सहभागिता को प्रोत्साहित करते हुए उनकी छुपी हुई प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसमें वर्ष 2023-24 में विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों का विवरण प्रस्तुत करते हुए न्यूज लेटर संस्कृति का प्रकाशन एवं विद्यार्थियों द्वारा कल्चरल कनफ्लुएंस पत्रिका का प्रकाशन किया गया है। बर्ष 2023-24 में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमो में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया और कई पुरुस्कार प्राप्त किये जिसमें आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत तिरगां यात्रा अंतर विश्वविद्यालय सेन्ट्रल जोन यूथ कार्यक्रम, श्री राम अन्तिरक्ष वेदशाला उत्सव, काकोरी ट्रेन एक्शन कार्यक्रम, अंतर महाविद्यालयी भाषण प्रतियोगिता, शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं ने पुरस्कार प्राप्त किये।
विश्वविद्यालय सांस्कृतिक केंद्र के अंतर्गत 4 कल्चरल क्लब (डांस, ड्रामा, संगीत एवं योग) की स्थापना, स्टूडेंट काउंसिल की स्थापना, विभिन्न तकनीकी, मीडिया, नृत्य, साहित्य, अभिनय, आईसीटी ,फाइन आर्ट, डेकोरेशन आदि से संबंधित 11 समितियों की स्थापना की गई है जिसका संचालन विद्यार्थियों द्वारा किया जाता है। विद्यार्थियों को अभिनय, संस्कृति और लोक कलाओं की विभिन्न विधाओं में पारंगत करने हेतु वाद्य यंत्रों की व्यवस्था भी की गई है और साथ ही साथ इन वाद्य यंत्रों को सिखाने के लिए प्रशिक्षकों की व्यवस्था भी की गई है।
विश्वविद्यालय द्वारा अत्यधिक उन्नत और ऑनलाइन अनुसंधान प्रबंधन प्रणाली आर.एम.एस स्थापित की गई है जहां पीएच.डी. पर्यवेक्षकों, पीएच.डी. से संबंधित सभी विवरण उपलब्ध हैं। थीसिस, प्रकाशन, परियोजनाएं, एमओयू आदि विश्वविद्यालय के पोर्टल पर उपलब्ध हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय में स्नातक, परास्नातक, डिप्लोमा एवं वोकेशनल कोर्सेज के 43 नवीन पाठयक्रम अनुमोदित हो चुके है एवं 21 पाठ्यक्रम सत्र 2023-24 में प्रारम्भ भी किये जा चुके है। इससे छात्र-छात्राओं को रोजगार परक और उच्चगुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध होगी। इसी क्रम में 22 विभिन्न विषयों के पी॰एच-डी॰ शोध कार्य को भी प्रारम्भ किया जा चुका है। जिसमें कृषि, आयुर्वेद एवं इंजीनियरिंग और फार्मेसी शामिल है। इन शोध कार्यों से रूहेलखण्ड क्षेत्र को एक नई दिशा प्राप्त होगी। विश्वविद्यालय द्वारा अंशकालिक पी॰एच-डी॰ को भी आरम्भ किया गया हैै। इससें उद्योगों, प्राइवेट सेक्टर आदि को भी विश्वद्यिालय के शोध कार्यों में जोड़ा जा रहा है।
रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न राष्ट्रीय एवं अतंरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ सत्र 2023-2024 में 06 महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय एम.ओ.यू.(सहमति पत्र) पर हस्ताक्षर किये गये है। जिसमें मैसाचिस्ट इंस्टिट्यूट अमरीका, सोनी यूनिवर्सिटी युक्रेन, वेस्टर्न यूनिवर्सिटी नेपाल, रिशोन इंस्टिट्यूट इजराइल, फार्मोशा यूनिवर्सिटी, ताइवान आदि प्रमुख हैं। इस वर्ष विश्वविद्यालय में कई देशों के छात्र अध्ययन के लिए आये हैं जिसमें 11 नेपाल के छात्र शामिल हैं नाइजीरिया के छात्रों के आने की जल्द ही संभावना है। इसी प्रकार विश्वविद्यालय से 6 छात्र पिछले वर्ष मैंडरिन भाषा का पाठ्यक्रम पूर्ण कर ताइवान से वापस आए हैं एवं 10 छात्र इस वर्ष ताइवान जा रहे हैं। इन देशों से शोध एव अध्ययन के लिए फैकल्टी भी रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय आ रही हैं ताइवान की फैकल्टी पिछले दो वर्षों से विश्वविद्यालय में अपनी सेवा दे रही है। विश्वविद्यालय के बहुत से शिक्षक और शोधार्थी अनुदान पर कई देशो में अपना शोधपत्र आदि प्रस्तुत करने गये है जिसमें स्विजरलैंड, इडोंनेशिया, अमेरिका, ब्रिटेन, मलेशिया, भूटान, नेपाल आदि शामिल है।
विश्वविद्यालय द्वारा अत्यधिक उन्नत और ऑनलाइन अनुसंधान प्रबंधन प्रणाली आर.एम.एस स्थापित की गई है जहां पीएच.डी. पर्यवेक्षकों, पीएच.डी. से संबंधित सभी विवरण उपलब्ध हैं। सत्र 2023-24 के लिए 44 विषयों में 187 पीएचडी पूर्ण कराए गए है। शोध में विदेशी अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के प्रवेश को कार्यान्वित किया गया। सत्र 2023-24 नए पीएचडी पर्यवेक्षकों के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए और विश्वविद्यालय, इसके संबद्ध कॉलेजों और अन्य विश्वविद्यालयों के नियमित संकायों से 165 पर्यवेक्षकों को मंजूरी दी गई है। रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय 1638 पीएच.डी. थीसिस शोधगंगा वेबसाइट पर अपलोड किए गए हैं। पीएच.डी. विश्वविद्यालय परिसर, सहायता प्राप्त कॉलेजों में 25 नए विषयों में शोध कार्य आरम्भ हुआ है। इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय (4 शाखाएँ), कृषि संकाय (6 विषय), आयुर्वेद संकाय (14 विषय), कला संकाय के अंतर्गत फारसी विषय में पीएच.डी. प्रारंभ हुई है। विश्वविद्यालय में नवाचार, प्रशासनिक एवं शैक्षणिक सुधारों से संबंधित अन्य विभिन्न कार्य प्रक्रियार्न्तगत है। जिससे आने वाले समय में विश्वविद्यालय में गुणात्मक सुधार, एकेडमिक एवं शोध में उन्नयन परिलक्षित होगा एवं विश्वविद्यालय नई ऊंचाइयों को प्राप्त करेगा
हर वर्ष की भाँति इस 22वें दीक्षांत समारोह में भी महिला सशक्तिकरण की झलक साफ दिखाई दे रही है। इस शैक्षणिक सत्र हेतु 94 गोल्ड मेडल प्रदान किये जा रहे है।
इस अवसर पर जनपद सम्भल की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को बच्चो के लिए खेल व पढ़ाई से संबंधित किट प्रदान की गयी और उन्हें बच्चो को स्वछता का महत्व समझाने हेतु निर्देशित किया।
कार्यक्रम में निदेशक, बी.आर. अम्बेडकर, एनआईटी जालंधर (पंजाब) मुख्य आतिथ्य प्रो0 विनोद कुमार कन्नौजिया, उच्च शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री विशिष्ट आतिथ्य योगेंद्र उपाध्याय, मा0 राज्य मंत्री उच्च शिक्षा विशिष्ट आतिथ्य रजनी तिवारी, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह और बड़ी संख्या में विधार्थी शोधार्थी आदि उपस्थित रहे।
बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट