प्राचीन कालीन पांचाल प्रदेश की उत्तरी राजधानी अहिच्छत्र में स्थित लीलौर झील के पुनरोद्धार हेतु जिलाधिकारी ने की बैठक

बरेली, 23 जून। जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने आज मा0 मुख्यमंत्री जी के आदेशों के क्रम मेँ आंवला स्थित लीलौर झील के पुनरोद्धार व उसे पर्यटन स्थल के रुप में विकसित किये जाने हेतु गठित कमेटी के अधिकारियो के साथ कलेक्ट्रेट सभागार मेँ बैठक की।
बैठक में जिलाधिकारी नें कहा कि पॉण्डव और यक्ष संवाद की साक्षी महाभारत कालीन लीलौर झील को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की अपार सम्भावनाएँ हैं। यहाँ भारी संख्या में प्रवासी पक्षी भी आते हैं। जो इसके आकर्षण को बढ़ाते है।
बैठक मेँ उपजिलाधिकारी आंवला को निर्देश दिये कि लीलौर झील के पुनरोद्धार हेतु जो भी कार्य मनरेगा से कराया जाना है उसका स्टीमेट तैयार करा लिया जाये। सड़के आदि सही करायी जाये और जहां इण्टरलाकिंग आदि टूट गयी है उसे शीघ्र सही कराया जाये । संबंधित ग्रामो के प्रधानों को यह निर्देश दे दिये जाये कि क्षेत्र के आस पास साफ सफाई हेतु लोगों को जागरूक किया जाये, गंदा पानी लीलौर झील में ना जाने पाए, गंदे पनो की निकासी के लिए नाले को ठीक करवाए तथा उसकी निरन्तर साफ सफाई करवाए।
बैठक में उन्होंने कहा कि यह मा. मुख्यमंत्री जी की मंशा है कि नदियों/झील को पुनर्जीवित किया जाये। उन्होंने उपजिलाधिकारी को निर्देश दिये कि उन्होंने कहा कि हमारा यही प्रयास है कि इसे पौराणिक स्थल के रुप में बनाया जाए।
बैठक में विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये गए कि झील मेँ टयूबबेल लगाए जाने हेतु उचित स्थान का चयन कर टयूबबेल लगवाया जाए। वन विभाग को निर्देश दिये गए कि झील के किनारे पेड़ पौधे आदि लगाकर उसका सौन्दर्य बढ़ाने का कार्य किया जाये।
उन्होने में उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि जो भी कार्य किया जाये उसकी गुणवत्ता उचित रखी जाए।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी देवयानी, अपर जिलाधिकारी प्रशासन पूर्णिमा सिंह, उप जिलाधिकारी आंवला नहने राम सहित सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे
बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट