भारत का रहस्यमयी गांव: जहां हर घर में जन्म लेते हैं जुड़वा बच्चे, वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाए राज़
दुनिया में कई जगहें अपनी अनोखी परंपराओं और रहस्यों की वजह से मशहूर हैं। लेकिन भारत के केरल राज्य में एक ऐसा गांव है, जिसने वैज्ञानिकों तक को हैरान कर दिया है। यहां लगभग हर घर में जुड़वा बच्चों का जन्म होता है। यही वजह है कि इस जगह को लोग “जुड़वा बच्चों का गांव” कहकर पुकारते हैं।
कहां है यह गांव?
यह अनोखा गांव केरल के मलप्पुरम जिले में स्थित है, जिसका नाम है कोडिन्ही (Kodinhi)। यहां जुड़वा बच्चों की संख्या इतनी अधिक है कि यह भारत के बाकी हिस्सों से कई गुना ज्यादा है। यहां आपको नवजात शिशुओं से लेकर बुजुर्गों तक—हर उम्र के जुड़वा लोग मिल जाएंगे।
कितनी है जुड़वा बच्चों की संख्या?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोडिन्ही की आबादी करीब 2000 है और इसमें 400 से ज्यादा जुड़वा बच्चे हैं। सामान्य तौर पर भारत में हर 1000 बच्चों में 8–9 जुड़वा जन्म लेते हैं, लेकिन कोडिन्ही में यह आंकड़ा 1000 पर 42–45 जुड़वा बच्चों तक पहुंच जाता है।
साल 2018 में यहां लगभग 280 जुड़वा बच्चों की पुष्टि हुई थी और ज्यादातर की उम्र 15 साल से कम थी। यही वजह है कि यहां के स्कूलों में आपको एक साथ 80 से ज्यादा जुड़वा बच्चे पढ़ते हुए नजर आ जाएंगे।

रहस्य अब भी बरकरार
वैज्ञानिक भी इस रहस्य को समझने की कोशिश कर चुके हैं। उनका मानना है कि शायद यहां के पानी या खानपान में कोई ऐसा तत्व है जो जुड़वा बच्चों के जन्म को बढ़ावा देता है। हालांकि, अब तक इसकी कोई ठोस वजह सामने नहीं आई है।
साल 2016 में हैदराबाद की CSIR – सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉड्यूलर बायोलॉजी, केरल यूनिवर्सिटी ऑफ फिशरीज एंड ओशन स्टडीज, लंदन यूनिवर्सिटी और जर्मनी के वैज्ञानिकों की एक टीम इस गांव में रिसर्च करने पहुंची थी। लेकिन कई महीनों की जांच के बाद भी इस रहस्य से पर्दा नहीं उठ सका।
कोडिन्ही आज भी एक पहेली
आज तक यह रहस्य अनसुलझा है कि आखिर इस गांव में इतनी बड़ी संख्या में जुड़वा बच्चे क्यों जन्म लेते हैं। यह जगह न केवल वैज्ञानिकों बल्कि आम लोगों के लिए भी हैरानी और जिज्ञासा का केंद्र बनी हुई है।
