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गंगा एक्सप्रेसवे को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए 56 गांवों से होगी जमीन खरीद, रूट के बारे में जान लीजिए

नोएडा: उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवे नेटवर्क को और मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। गंगा एक्सप्रेसवे को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए प्रस्तावित 74.3 किलोमीटर लंबे लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। यह लिंक एक्सप्रेसवे कुल 56 गांवों की भूमि पर बनेगा, जिनमें गौतमबुद्ध नगर के 8 और बुलंदशहर जिले के 48 गांव शामिल हैं। इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर लगभग 4,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के सीईओ आरके सिंह ने कहा कि गंगा एक्सप्रेसवे को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए 74 किलोमीटर लंबा लिंक एक्सप्रेसवे बनना है। इसके लिए यीडा क्षेत्र में 16 गांव की 740 एकड़ भूमि की खरीद होगी। इसका सर्वे कार्य पूरा हो गया है। जनवरी से जमीन खरीद शुरू हो जाएगी।

यूपीडा करेगा निर्माण
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) इस लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण करेगा। गंगा एक्सप्रेसवे पर यह लिंक बुलंदशहर के सियाना क्षेत्र में 44.3 किलोमीटर बिंदु से शुरू होगा और यमुना एक्सप्रेसवे के 24.8 किलोमीटर बिंदु पर सेक्टर-21 फिल्म सिटी के पास आकर जुड़ेगा। कुल लंबाई में से करीब 20 किलोमीटर हिस्सा यीडा क्षेत्र में पड़ेगा, जिसमें लगभग 9 किलोमीटर एलिवेटेड एक्सप्रेसवे होगा। यह 74.3 किलोमीटर लंबा लिंक एक्सप्रेसवे न केवल गंगा और यमुना एक्सप्रेसवे को जोड़ेगा, बल्कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को भी सीधे जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा।
यीडा क्षेत्र में सर्विस रोड का भी निर्माण किया जाएगा। इससे स्थानीय ग्रामीणों और आसपास के इलाकों के लोगों को बेहतर आवागमन सुविधा मिल सकेगी। इसके लिए 16 गांवों की करीब 740 एकड़ भूमि खरीदी जाएगी, जिस पर लगभग 1200 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। भूमि खरीद के बाद इसे यूपीडा को सौंपा जाएगा, जबकि निर्माण कार्य यूपीडा ही कराएगा।

56 गांवों की जमीन पर एक्सप्रेसवे
लिंक एक्सप्रेसवे कुल 56 गांवों की भूमि से होकर गुजरेगा। इनमें बुलंदशहर जिले के 48 गांव शामिल हैं, जिनमें से 14 गांव खुर्जा तहसील के हैं। शेष गांव बुलंदशहर, सियाना और शिकारपुर तहसील क्षेत्रों में पड़ेंगे। गौतमबुद्ध नगर जिले के भी 8 गांव इस परियोजना से प्रभावित होंगे। परियोजना पूरी होने के बाद क्षेत्र के बुनियादी ढांचे और औद्योगिक विकास को नई गति मिलने की उम्मीद है।

इन गांवों से होकर गुजरेगा लिंक एक्सप्रेसवे
गंगा एक्सप्रेसवे को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाली लिंक एक्सप्रेसवे में गौतमबुद्ध नगर में जेवर तहसील के मेहंदीपुर बांगर, भाईपुर ब्रहमनान, रबुपूरा, भुन्नातगा, म्याना, फाजिलपुर और कल्लूपुरा की जमीन आ रही है। वहीं, खुर्जा तहसील के अमानुल्लापुर उर्फ मारहरा, इनायतपुर उर्फ मधुपुरा, कपना, भगवानपुर, हसनपुर लडूकी, बीघेपुर, सनैता शफीपुर, भदौरा, वरतौली, खवरा, धरारी, दीनौल, खलसिया चूहरपुर, विचौला, धरांऊ की जमीन आ रही है।

बुलंदशहर तहसील के औरंगाबाद, हिंगथला उर्फ भावसी, चरौरा मुस्तफाबाद, सैदपुरा, इस्माइला, सराय छबीला, अडौली, दोहली, चिरचिटा, मामन खुर्द, मामनकुलां, भाईपुर, ऐमनपुर, कलौली, बंगला पूठरी, पिपाला इखलासपुर, मूडीवकापुर, चिरचिटाकी जमीन आ रही है।

दिल्ली, मुंबई तक सफर आसान
गंगा एक्सप्रेसवे के यमुना एक्सप्रेसवे से जुड़ने के बाद दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कनेक्टिविटी में बड़ा सुधार होगा। मेरठ से चलकर गंगा एक्सप्रेसवे के जरिए यमुना एक्सप्रेसवे से जुड़ने पर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे पर आगरा तक पहुंचना और आसान हो जाएगा। साथ ही देश-विदेश से आने वाले यात्रियों को मेरठ से प्रयागराज तक सीधी सड़क कनेक्टिविटी मिलेगी।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जुड़ाव के बाद गंगा एक्सप्रेसवे की उपयोगिता और भी बढ़ जाएगी। इसके अलावा यह लिंक एक्सप्रेसवे यमुना सिटी के औद्योगिक सेक्टर 28, 29, 32 और 33 से भी सीधे जुड़ेगा, जिससे औद्योगिक निवेश और रोजगार के नए अवसर पैदा होने की संभावना है।

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