देश का डाटा देश में रखने के लिए प्रदेश में दो नए ऐज डाटा सेंटर्स की शुरूआत हो गई है। लखनऊ के मलिहाबाद और अकबरपुर में 32 करोड़ की लागत से दो डाटा सेंटर्स बनकर तैयार हो गए हैं
लखनऊ।। जिसका शुभारंभ प्रदेश सरकार में मंत्री नितिन अग्रवाल ने किया। इस दौरान आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रमुख सचिव अनिल सागर और विशेष सचिव नेहा जैन भी उपस्थित रहीं। प्रोजेक्ट मैनेजर विभूति शर्मा ने बताया कि इन डाटा सेंटर्स को व्यूनाऊ कंपनी ने प्रदेश सरकार के साथ हुए एमओयू के तहत स्थापित किया है। जहां डिजिटल डाटा को स्टोर किया जा सकेगा। साथ ही इसकी प्रोसेसिंग के लिए सर्वर भी लगाए गए हैं। गौरतलब है कि डाटा सेंटर में रखा डाटा किसी भी तरह की वायरस या अन्य खतरों से सुरक्षित रहता है। इस जानकारी को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया जाता है। डाटा सेंटर में बड़ी संख्या में सर्वर भी लगे होते हैं। किसी कंपनी को अगर इस सुरक्षित डाटा की जरूरत होती है तो कानून के तहत उसे मुहैया कराया जाता है। डाटा सेंटर में कोई भी डाटा कम से कम पांच वर्ष के लिए सुरक्षित रखा जाता है। इसमें इंटरनल हाई लेवल सिक्योरिटी पर विशेष नजर रखनी होती है ताकि कोई भी घुसपैठियां साइबर अटैक के जरिए हमारे डाटा को नुकसान न पहुंचा सके।
60 लोगों को मिलेगी नौकरी
मलिहाबाद और अकबरपुर में स्थापित ऐज डाटा सेंटर्स के जरिए 60 लोगों को नौकरी प्राप्त होगी। इसमें आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटर विज्ञान से जुड़े विशेषज्ञ रखे गए हैं।
2028 तक 750 डाटा सेंटर्स बनेंगे
यूपी में व्यूनाऊ कंपनी और प्रदेश सरकार के एमओयू के तहत वर्ष 2028 तक 750 नए ऐज डाटा सेंटर्स बनाने की योजना है। जो विश्वस्तरीय तकनीक से लैस होंगे। साथ ही सुपर हाइवे की तरह इनफार्मेशन कार्य करेगा।
चार जिलों में जल्द होगी शुरूआत
प्रोजेक्ट मैनेजर विभूति शर्मा का कहना है कि प्रदेश के गाजियाबाद और रायबरेली क्षेत्र में ऐज डेटा सेंटर्स पहले से ही काम कर रहे हैं। साथ ही काशी, प्रयागराज, अयोध्या और गोरखपुर में भी ऐज डेटा सेंटर्स की जल्द शुरुआत होगी। इन जिलों में भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा हो चुका है।