उत्तराखंड : पहली बार ओम पर्वत से गायब हुई बर्फ, घाटी में पर्यटन पर पड़ेगा असर, जानिए क्या है कारण
देहरादून : उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित ओम पर्वत से पिछले हफ्ते पहली बार बर्फ (snow) गायब हो गई। इससे लोग अचरज में पड़ गए। ओम पर्वत समुद्र तल से चौदह हजार फीट की उंचाई पर व्यास घार्टी में स्थित एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। इस जगह पर पहाड़ी के ऊपर पड़ी बर्फ हिंदी में लिखे ‘ॐ’ की शक्ल में दिखती है। इसी कारण इस स्थान का नाम ओम पर्वत पड़ा है।
एक पर्यटक ने कहा- मैं 16 अगस्त को वहां गया था लेकिन हमेशा बर्फ से ढके रहने वाले पर्वत पर बिल्कुल बर्फ नहीं थी। यह सच में बहुत निराशाजनक था। गुंजी गांव की निवासी उर्मिला संवाल ने ओम पर्वत की बिना बर्फ वाली फोटो दिखाते हुए कहा- ओम पर्वत पर बर्फ नहीं थी। बिना बर्फ के उस स्थान को पहचानना भी मुश्किल नजर आ रहा था।
वहीं धारचूला में आदि कैलाश यात्रा के आधार शिविर के प्रभारी धनसिंह बिष्ट ने कहा- कुमांऊ मंडल विकास निगम में अपनी 22 साल की सेवा में पहली बार मैंने ओम पर्वत को पूरी तरह से बर्फ विहीन देखा है। अगर लंबे समय तक यही स्थिति बनी रही तो इससे व्यास घाटी में पर्यटन पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा।
निगम के अधिकारी ने कहा कि ओम पर्वत पर पहले बर्फ के पिघलने की दर 95-99 फीसदी रहा करती थी लेकिन इस साल यह पूरी तरह पिघल गई। धनसिंह बिष्ट ने कहा- सोमवार रात हुई बर्फवारी के बाद ओम पर्वत पर बर्फ वापस आ गई है। बीते पांच वर्षों में ऊपरी हिमालयी क्षेत्र में कम बारिश और कहीं कहीं बर्फबारी होना ओम पर्वत से बर्फ पूरी तरह गायब होने का कारण हो सकता है।
अल्मोड़ा स्थित जीबी पंत नेशनल इंस्टीट्यूट आफ हिमालयन एनवायर्नमेट के निदेशक सुनील नौटियाल मानते हैं कि वाहनों की संख्या में बढोतरी से हिमालयी क्षेत्र के संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र में बढ़ता तापमान और वैश्विक तापमान में हो रही वृद्धि इसके लिए जिम्मेदार है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पिछले साल अक्टूबर में जोलिंगकोंग भ्रमण के बाद पर्यटकों की संख्या में हुई कई गुना वृद्धि को भी ओम पर्वत पर बर्फ गायब होने से जोड़ा जा रहा है। व्यास घाटी के गर्बियांग गांव के निवासी कृष्णा गर्बियाल ने कहा- मोदी के दौरे के बाद आदि कैलाश चोटी के दर्शन के लिए जोलिंगकोंग आने वाले पर्यटकों की संख्या करीब 10 गुना बढ़ गई है।