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बारिश में आवक कम होने से फिर महंगी हुई सब्जियां, रसोई का बजट बिगड़ा

नई दिल्ली : कई दिन से लगातार हो रही बारिश से मौसम तो खुशनुमा हो गया है, लेकिन लोगों की रसोई का बजट बढ़ गया है। फसलों को नुकसान होने के कारण हिमाचल, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश से आने वाली सब्जियों की आवक कम हो गई है। इसका असर मंडियों में दिखने लगा है। बारिश के कारण लगभग सभी सब्जियों की कीमतों में उछाल आया है, लेकिन सबसे ज्यादा असर नासिक से आने वाले प्याज, पंजाब से आने वाले आलू और हिमाचल से आने वाले टमाटर एवं धनिया समेत हरी सब्जियों पर पड़ा है। प्याज के दाम आसमान छूने लगे हैं।

रविवार को दिल्ली की थोक मंडी में प्याज के दाम 52 से 60 रुपये किलोग्राम तक रहे तो वहीं कॉलोनियों में इनके दाम 80 से 90 रुपये तक पहुंच गए हैं। दिल्ली की आजादपुर सब्जी मंडी के थोक कारोबारी जयकिशन ने बताया कि टमाटर की 25 किलोग्राम की कैरट आम तौर पर जहां 300 से 350 रुपये की बिकती थी, रविवार को 650 से 700 रुपये में बिकी।

कारोबारी ने बताया कि चार-पांच दिनों में दाम दो गुना बढ़ गए हैं। फूल गोभी थोक मार्केट में 45 से 50 रुपये किलोग्राम तक पहुंच गई है। पत्ते हटाकर यह गोभी दुकानदारों को 60 रुपये प्रति किलोग्राम तक पड़ रही है और कॉलोनियों में पहुंचकर 80 से 100 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रही है। लेह-लद्धाख से आने वाली गोभी की आवक कम हो जाने से भी दामों में तेजी आई है। पालक के दाम भी आसमान छू रहे हैं। कुछ दिन पहले तक रिटले बाजार में पालक 30 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा था, अब थोक मंडी में ही 40 से 50 रुपये प्रति किलो है।

आलू और प्याज के थोक कारोबारी श्रीपाल ने बताया कि चिप्सोना आलू के दाम भी कई दिनों से लगातार बढ़ रहे हैं। पंजाब समेत यूपी में लगातार हो रही बारिश का बड़ा असर पड़ा है। आलू की बुवाई करीब 20 दिन लेट हो गई है। इसकी वजह से किसानों ने कोल्ड स्टोरेज में आलू रोक लिए हैं, जो स्टॉक अब स्टोर से बाहर निकलना था, वह अब 15-20 दिन की देरी से बाहर निकलेगा। इसकी वजह से आलू के दामों में रविवार को 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई है। चिप्सोना आलू अब थोक में 30 रुपये प्रति किलोग्राम और कॉलोनियों में 40 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है। पहाड़ी आलू रिटेल में 50 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है।

सब्जियों के थोक कारोबारी श्रीपाल का कहना है कि तकरीबन 10 से 15 दिन में मानसूनी सीजन खत्म होने की उम्मीद है। इसके बाद बारिश नहीं होगी। ऐसे में टमाटर, मटर, गोभी, लौकी, पेठा, शिमला मिर्च, हरी मिर्च, पालक, मूली समेत अन्य हरी सब्जियों की नई फसल अक्तूबर तक तैयार हो जाएगी।

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