उत्तर प्रदेश

आईवीआरआई में सतर्कता जागरूकता सप्ताह-2024 का शुभारम्भ

 

 

बरेली, 25 अक्टूबर। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में कल से सतर्कता जागरूकता सप्ताह-2024 का शुभारम्भ “सत्यनिष्ठा की संस्कृति से राष्ट्र की समृद्धि विषय” पर हुआ। यह कार्यक्रम 03 नवम्बर तक चलेगा। इसी कड़ी में संस्थान के रजिस्ट्रार एवं मुख्य प्रसाशनिक अधिकारी (सीनियर ग्रेड) श्री पी. के. जैन द्वारा नैतिकता और शासन विषय पर व्याख्यान दिया गया ।

अपने उद्बोधन में पी के जैन ने कहा कि नैतिकता उन मूल्यों, प्रक्रियाओं और प्रक्रियाओं का एक समूह है जो स्वतंत्र, निष्पक्ष और न्यायपूर्ण निर्णय लेना सुनिश्चित करते हैं। नैतिकता जिम्मेदारी और जवाबदेही के मामले में आधारित हैं। यह ऐसे कार्यों के निर्माण के लिए आधार प्रदान करता है जो यह दर्शाते हैं कि क्या अच्छा है और क्या बुरा। नैतिकता नैतिक कार्यों को लागू करके मानव आचरण को निर्देशित करने का प्रयास है। नैतिकता शासन में निर्णय लेने में शासितों सहित हितधारकों को शामिल करना और एकीकृत करना, जिम्मेदारी के कार्यों को शामिल करना, जवाबदेही सुनिश्चित करना, कार्य प्रतिबद्धता, सक्षम सुविधाएं और वातावरण बनाना। पारदर्शिता और ईमानदारी के आधार पर न्याय की भावना की सुरक्षा का विकास करने को प्रतिबद्ध करती है। लोक प्रशासन में ईमानदारी सरकार के प्रभावी कामकाज के लिए एक महत्वपूर्ण शर्त है, इसलिए अच्छे और नैतिक शासन के लिए अभिन्न अंग है। यह सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए माहौल बनाने के लिए विश्वास सुनिश्चित करता है।

उन्होने आगे बताया कि सूचना के अधिकार, प्रभावी नागरिक चार्टर, सार्वजनिक सेवा और सार्वजनिक निर्णय लेने और लेखा में हितधारकों की भागीदारी जैसे साधनों के माध्यम से सत्ता और प्राधिकार में बैठे लोगों को उनके कृत्यों के लिए जवाबदेह ठहराने के लिए नागरिकों को सशक्त बनाने से समय के साथ भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और निर्णय लेने की ईमानदारी और गुणवत्ता को बढ़ावा देने में इससे मदद मिली है। सार्वजनिक जीवन में नैतिक मानकों के सिद्धांत हैं: निःस्वार्थता, ईमानदारी, निष्पक्षता, जवाबदेही, खुलापन, ईमानदारी, नेतृत्व। श्री पी के जैन ने कहा कि चौथा पिलर अर्थात मीडिया नैतिकता और शासन में अपना महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

इस अवसर पर संस्थान के संयुक्त निदेशक, शैक्षणिक डॉ. एस के मेंदीरत्ता ने कहा कि यह बहुत ही महत्वपूर्ण व्याख्यान है तथा इससे हमें सीख लेनी चाहिए तथा अपने कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी से करना चाहिये ।

कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन सतर्कता अधिकारी डॉ मनीष महावर द्वारा दिया गया । इस अवसर पर संस्थान के जैव रसायन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो राघवेंद्र सिंह, डॉ संजय पांडे, डॉ महेश चन्द्र, डॉ मोहिनी सैनी सहित संस्थान के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी श्री अश्विनी कुमार, श्री आशीष वर्मा, श्री अग्निवेश तथा प्रशासनिक अधिकारी श्री राजेश कुमार, श्री करुणेश शुक्ला, सहायक प्रशासनिक अधिकारी श्री सरवर अली, तकनीकी अधिकारी श्री मनोज पाठक आदि उपस्थित रहे । बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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