योगी सरकार बनाएगी पॉलिटेक्निक कॉलेजों को विश्वस्तरीय
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के चार राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थानों को विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस करने जा रही है। सरकार का यह कदम तकनीकी शिक्षा को आधुनिक बनाने और छात्रों को उन्नत शैक्षिक माहौल प्रदान करने की दिशा में अहम साबित होगा। संभल, मैनपुरी, सिद्धार्थनगर और औरैया स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थानों में आधारभूत सुविधाओं के विस्तार की स्वीकृति दी गई है। इनमें राजकीय पॉलिटेक्निक, चंदौसी (संभल), एम.एम.आई.टी. (सिद्धार्थनगर), राजकीय पॉलिटेक्निक, छाछा भोगांव (मैनपुरी) और एम.एम.आई.टी. (औरैया) शामिल हैं।
इन कॉलेजों में विद्यार्थियों के लिए लैंग्वेज लैब, लेक्चर हॉल, ट्यूटरियल रूम और गर्ल्स कॉमन रूम का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा, 50-सीट वाले सेमिनार हॉल और कॉलेज परिसरों की सुरक्षा के लिए बाउंड्री वॉल बनाई जाएगी। इसके लिए सरकार ने करोड़ों रुपये की धनराशि स्वीकृत की है और बकायदा शासनादेश भी जारी कर दिया गया है।
सरकार के इस निर्णय से तकनीकी शिक्षा को नया आयाम मिलेगा। अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास से छात्रों को बेहतर व्यावहारिक प्रशिक्षण मिलेगा, जिससे वे उद्योग जगत की आवश्यकताओं के अनुरूप दक्ष बन सकेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के तहत युवाओं को तकनीकी शिक्षा से जोड़कर उन्हें रोजगार और आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसी क्रम में राज्य सरकार आईटीआई, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों के उन्नयन पर लगातार कार्य कर रही है।
‘मिशन रोजगार’ के तहत भी सरकार ने तकनीकी संस्थानों में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार के लिए व्यापक निवेश किया है। सरकार का लक्ष्य उत्तर प्रदेश को तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाना है। इस पहल से न केवल छात्रों को उन्नत सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि शिक्षक और प्रशासनिक स्टाफ को भी शिक्षण प्रक्रिया को प्रभावी ढंग से संचालित करने में मदद मिलेगी।
योगी सरकार की यह पहल प्रदेश में तकनीकी शिक्षा को आधुनिक और प्रभावी बनाने की दिशा में एक और मजबूत कदम है। इससे युवाओं को न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी, बल्कि वे भविष्य के लिए आवश्यक कौशल भी विकसित कर सकेंगे, जिससे प्रदेश की औद्योगिक प्रगति को भी गति मिलेगी।