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नोएडा एयरपोर्ट के लिए जमीन देने वाले किसानों को योगी सरकार का बड़ा तोहफा

यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) अब नोएडा एयरपोर्ट से प्रभावित किसानों से 4300 रुपये प्रतिकर के हिसाब से जमीन खरीदकर मुआवजा वितरित करेगा। यह निर्णय सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया।

इससे पूर्व मुआवजे बढ़ाने की घोषणा मुख्यमंत्री ने जेवर के किसानों से मुलाकात करते हुए 20 दिसंबर 2024 को कर दी थी, जिसपर सोमवार को आधिकारिक रूप से अमल किया गया है। यमुना प्राधिकरण अब तक किसानों से 3100 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से जमीन खरीदता था, लेकिन वहां के किसानों व भूस्वामियों की मांग थी कि जेवर के विकास से उनकी जमीन की कीमतें बढ़ गई है, ऐसे में उन्हें बढ़ा हुआ मुआवजा दिया जाए।

एयरपोर्ट के तीसरे व चौथे चरण में 2053 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होना है। इसके लिए 70 प्रतिशत से अधिक किसान सहमति दे चुके हैं और जिला प्रशासन ने भी धारा 11 का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसके अलावा कैबिनेट में यह भी निर्णय लिया गया है कि दूसरे चरण में प्राधिकरण को परगना और जेवर के राजस्व गांव आकुलपुर में 45.6593 हेक्टेयर व म्याना में 165.2586 हेक्टेयर तथा मकसूदपुर में 33.0063 हेक्टेयर यानी कुल 243.9602 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहीत की जानी है। यह भूमि सेक्टर-10 में अधिग्रहीत होनी है। इसका व्यय भार प्राधिकरण खुद वहन करेगा। यूपी सरकार पर कोई खर्च नहीं आएगा। अतिरिक्त व्यय भार प्राधिकरण अपनी संपत्तियों की कास्टिंग में शामिल करेगा।

इससे प्राधिकरण को औद्योगिक विकास के लिए भूमि उपलब्ध हो जाएगी। इससे औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। साथ ही इससे किसानों को अपनी जमीन का उचित दाम मिलेगा व प्राधिकरण क्षेत्र में नई औद्योगिक परियोजनाएं लग सकेंगी।

14 गांव की जमीन का होना है अधिग्रहण

एयरपोर्ट के तीसरे और चौथे चरण में कुल 2053 हेक्टेयर भूमि चाहिए। इनमें से 14 गांव की 1888.98 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा, शेष भूमि प्रशासन के पास पहले से है। भूमि अधिग्रहण के लिए किसानों से सहमति मांगी जा रही थी। अब 70 प्रतिशत से ज्यादा किसान जमीन देने के तैयार हो गए हैं। अधिग्रहण से करीब 42433 किसान प्रभावित होंगे। इन गांवों में 18 वर्ष से कम उम्र के 10847 बच्चे, 16343 पुरुष और 15243 महिलाएं शामिल है। वहीं, अधिग्रहण से प्रभावित करीब 936 परिवार विस्थापित होंगे। इनमें 7977 पुरुष और 1385 महिलाएं शामिल हैं। इनमें नीमका शाहजहांपुर, ख्वाजापुर, पारोही, किशोरपुर, बनवारीबांस, जेवर बांगर, मुकीमपुर शिवारा, साबुता, अहमदपुर चवरौली, दयानतपुर, रोही और बंकापुर, थोरा, रामनेर गांव शामिल है। अधिग्रहण में सबसे ज्यादा थोरा और रामनेर के करीब 17 हजार किसान शामिल हैं।

कंपनियां विकसित होंगी

एयरपोर्ट के तीसरे और चौथे चरण में बनने वाले दो रनवे और विमान के इंजन बनाने वाली कंपनियों के विकसित होने का रास्ता साफ हो गया है। जमीन पर दो रनवे और 750 एकड़ में विमानों के इंजन बनाने वाली कंपनी स्थापित होगी।

विकास के लिए बजट मंजूर

प्रदेश सरकार के फरवरी में जारी बजट में एयरपोर्ट के तीसरे-चौथे चरण में होने वाले कार्यों के लिए 1550 करोड़ के फंड की घोषणा की थी। 1500 करोड़ भूमि अधिग्रहण और 50 करोड़ भवन निर्माण के लिए आवंटित किए।

टर्मिनल पूरा न होने से उड़ान में देरी संभव

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग अब तक पूरा नहीं हो सकी है, जिससे व्यावसायिक उड़ान के संचालन में देरी की संभावना है। हालांकि, अधिकारियों ने एयरपोर्ट के निर्माण कार्य से शासन को अवगत करा दिया है। अब एयरपोर्ट संचालन से जुड़ी सभी एजेंसियों विमान सेवा शुरू करने को लेकर मंथन में जुटी है। विमान सेवा के संचालन से पहले हवाई अड्डे को नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) से मंज़ूरी की आवश्यकता होगी। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) व नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो की सिफारिशों के आधार पर डीजीसीए एयरोड्रम लाइसेंस देता है। जनवरी में एयरोड्रम लाइसेंस के लिए आवेदन किया जा चुका है।

दूसरे चरण की 1365 हेक्टेयर जमीन में 490 एकड़ में एक रनवे बनेगा, सर्विस रनवे बनेगा और करीब 800 एकड़ में एविएशन इंडस्ट्री लगाई जाएगी। जिले में 1800 विमानों की संख्या होने का अनुमान हैं, वर्तमान में देश में 700 विमान है। उसी हिसाब से एमआरओ हब का विकास किया जाना है।

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