नारद राय हुए बागी तो सतर्क हुए अखिलेश, मंच से दो मिनट तक पढ़े नेताओं के नाम
लखनऊ: लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण की वोटिंग से पहले अखिलेश यादव को बड़ा झटका लगा। वरिष्ठ नेता नारद राय ने सपा छोड़ दी और भाजपा का दामन थाम लिया। नारद राय ने अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा था कि इससे ज्यादा मेरा दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि संगठन के लोगों ने मंच पर हमारा नाम ही नहीं लिया। अखिलेश यादव संबोधन करते हैं और हमारा नाम नहीं लेते। मेरा नाम भूल जा रहे। तो हम अब अखिलेश यादव को याद करके क्या करेंगे? इसी के बाद अखिलेश ने एक रैली में पार्टी के नेताओं के नाम मंच से लिए।
नारद राय के बयान के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें सपा प्रमुख अखिलेश यादव एक रैली के दौरान मंच पर दो मिनट तक सभी नेताओं ने नाम लेते हुए दिखे। अखिलेश ने सभी नेताओं का नाम कागज से पढ़कर लिया। नारद राय ने इसी बात पर नाराजगी जताई थी कि अखिलेश ने उनका नाम नहीं लिया था। इसी के बाद नारद राय ने एक्स पर पोस्ट कर पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह की तारीफ लिखी। इसके बाद वो भाजपा में शामिल हो गए।
नारद राय ने अपने एक बयान में कहा था कि हम बेटे बनकर नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के साथ खड़े रहे। उनकी जिद पर चुनाव भी लड़ने को तैयार हुए लेकिन हमारे हारने की प्लानिंग भी पहले से थी। अखिलेश ने 2022 में टिकट दिया लेकिन हारने का इंतजाम किया। अखिलेश यादव ने मुझे बुलाया, मैंने कहा चुनाव लड़ने के लिए मेरे पास पैसे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पैसे का इंतजाम हो जाएगा। फिर वह अचानक अंसारी परिवार के इतने दबाव में आ गए कि हमारा टिकट काट दिया। यह मुझे अच्छा नहीं लगा। मैं अंसारी परिवार का दरबारी बनकर न राजनीति किया हूं और न करूंगा। मैं किसी का दरबारी नही बन सकता। मैं जनता का दरबारी हूं और जनता के लिए संघर्ष करता रहूंगा।