किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी; सरकार हर महीने देगी 3000 रुपये, ऐसे करें अप्लाई
नई दिल्ली। सरकार समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए तरह-तरह की योजनाएं चला रही है, इनमें से एक है पीएम किसान मानधन योजना। प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना एक सरकारी योजना है जो बुजुर्गों की सुरक्षा और छोटे/सीमांत किसानों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए बनाई गई है।
यह एक स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है, जिसके तहत 60 साल की उम्र तक पहुंचने के बाद प्रति माह 3,000 रुपये पेंशन के रूप में दिए जाएंगे। यदि लाभार्थी की मृत्यु हो जाती है तो उसका पति या पत्नी पेंशन का 50 प्रतिशत पारिवारिक पेंशन के रूप में प्राप्त करने का हकदार होगा। बता दें कि यह पारिवारिक पेंशन केवल पति या पत्नी पर लागू होती है।
छोटे और सीमांत किसान, जिनके पास 2 हेक्टेयर तक की खेती योग्य भूमि है और जिनकी आयु 18 से 40 वर्ष के बीच है, इस योजना के पात्र हैं। किसान मानधन वेबसाइट के अनुसार, ऐसे किसानों का नाम 1 अगस्त, 2019 तक राज्य के भूमि रिकॉर्ड में भी होना चाहिए। योजना के लिए आवेदन करने वाले किसानों की मासिक आय 15,000 रुपये या उससे कम होनी चाहिए।
किसान के पास आधार कार्ड और बचत बैंक खाता या जन धन खाता होना चाहिए। 60 वर्ष की आयु तक पहुंचने तक लाभार्थी को 55 रुपये से 200 रुपये हर महीने जमा करना होगा। 60 वर्ष की आयु के बाद किसान पेंशन राशि के लिए दावा प्रस्तुत कर सकता है।
पास के कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) पर जाएं।
नामांकन प्रक्रिया के लिए आधार कार्ड, बैंक पासबुक,चेक या बैंक स्टेटमेंट साथ लेकर आएं।
योजना में नामांकन करते समय जो पैसा ग्राम स्तरीय उद्यमी (वीएलई) को दिया जाएगा।
वीएलई आधार संख्या, लाभार्थी का नाम और जन्म तिथि को वेरिफिकेशन करेगा।
वीएलई बैंक खाता विवरण, मोबाइल नंबर, ईमेल और अन्य पारिवारिक जानकारियां भरकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन को पूरा करेगा।
ऑटोमैटिक सिस्टम लाभार्थी की आयु के अनुसार इस बात की काउंटिंग करेगा कि कितनी मासिक पेंशन बनती है।
एक यूनीक किसान पेंशन खाता संख्या जनरेट होगी और किसान कार्ड प्रिंट हो जाएगा।
ऐसे लोग जो राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस), कर्मचारी राज्य बीमा निगम योजना, कर्मचारी निधि संगठन योजना आदि जैसी किसी अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ उठा रहे हैं।
वे किसान जिन्होंने प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना या राष्ट्रीय पेंशन योजना का लाभ उठा रहे हैं।
डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट, आर्किटेक्ट, पेशेवर लोग और सरकारी कर्मचारी, चाहे उनके पास खेती के लिए जमीन ही क्यों न हो, इस योजना के पात्र नहीं है।