बैंक एफडी या पोस्ट ऑफिस की बचत योजना में किसमें होगा अधिक मुनाफा, क्लिक कर पढ़े पूरी अपडेट
नई दिल्ली। सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम ने कोरोना काल के दौरान वरिष्ठ नागरिकों को अधिक ब्याज दी, जब बैंक एफडी पर केवल 6 प्रतिशत तक का ब्याज मिल रहा था। हालांकि, अब समय बदल गया है और आरबीआई की ओर से पिछले 10 महीनों में रेपो रेट में 2.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने के बाद बैंक भी अब निवेशकों अधिक ब्याज दे रहे हैं। ऐसे में 60 वर्ष से अधिक के निवेशकों को निवेश के लिए एससीएसएस और बैंक एफडी में कौन का विकल्प चुनना चाहिए। आइए जानते हैं।
केंद्र सरकार की ओर की जवनरी – मार्च 2023 के लिए छोटी बचट योजनाओं के लिए जारी की गई ब्याज दर के मुताबिक, सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम पर 8 प्रतिशत का वार्षिक ब्याज मिल रही है।
बैंक एफडी की बात करे तो वरिष्ठ नागरिकों को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 3.50 से लेकर 7.60 प्रतिशत, बैंक ऑफ बड़ौदा 3.50 से लेकर 7.25 प्रतिशत और केनरा बैंक 3.25 से लेकर 7.65 प्रतिशत तक की ब्याज दे रहे हैं।
सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम की तुलना में बैंक एफडी काफी लचीली होती है। बैंक एफडी में आप 7 दिनों से लेकर 10 साल तक के लिए निवेश कर सकते हैं, जबकि सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम में आपको कम से कम पांच सालों के लिए ही निवेश करना होगा।
अगर आपको पैसों की जरूरत है, तो सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम में कुछ पैसों की निकासी समय से पहले करने की अनुमति दी जाती है, लेकिन बैंक एफडी में मैच्योरिटी से पहले पैसे निकालने पर आपको पेनल्टी भरनी पड़ती है।
सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम में निवेश करने पर आप आयकर की धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक छूट ले सकते हैं, लेकिन बैंक एफडी में आपको ये फायदा पांच साल से अधिक की एफडी पर मिलता है।