उत्तर प्रदेश

रेबीज एवं अन्य विनाशकारी बीमारियों पर नियंत्रण हेतु ग्लोबल हेल्थ इंस्टीट्यूट यूएसए के निदेशक का आईवीआरआई भ्रमण


बरेली,02 अप्रैल। विश्व स्तर पर, रेबीज एक विनाशकारी बीमारी है और 60,000 से अधिक मानव मृत्यु के लिए जिम्मेदार है, जबकि लगभग 15 मिलियन लोगों को सालाना रेबीज पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (पीईपी) प्राप्त होता है। रेबीज के कारण 95 प्रतिशत से अधिक मौतें भारतीय उपमहाद्वीप में दर्ज की गईं। भारत में हर साल लगभग 20,000 इंसानों की मौत पागल कुत्तों और जंगली जानवरों के काटने से होती है।
इस बीमारी पर नित्रयंण के लिए ग्लोबल हेल्थ इंस्टीट्यूट, स्कूल ऑफ वेटरनरी मेडिसिन, यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन-मैडिसन, मैडिसन, यूएसए के निदेशक डॉ. जॉर्ज ई. ओसोरियो ने भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान (आईवीआरआई) इज्जतनगर में संस्थान का भ्रमण किया तथा संस्थान के निदेशक एवं वैज्ञानिकों के साथ बैठक की तथा आईवीआरआई के साथ रैबीज की ओरल वैक्सीन तथा अन्य औरल वैक्सीन जैसे अफ्रीकन स्वाइन फीवर, एवियन इन्फ्लुएंजा, नीपावायरस के नियंत्रण पर कार्य करने के इच्छा व्यक्त की।
इस अवसर पर संस्थान निदेशक डा. त्रिवेणी दत्त ने आईवीआरआई के गौरवमयी इतिहास तथा संस्थान के शोध, शैक्षणिक एवं विस्तार गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी तथा विस्कॉन्सिन विश्वविद्यालय, अमेरिका के साथ सहयोग एवं अनुबन्ध करने में अपनी सहमति जतायी। डा. दत्त ने कहा कि हमारे संस्थान के वैज्ञानिक डा. एम. स्वामी नाथन आईसीएमआर की फैलौशिप के तहत एक वर्ष के लिए ओरल रेबीज वैक्सीन पर कार्य करने हेतु यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन-मैडिसन, मैडिसन, यूएसए में डा. जॉर्ज ई. ओसोरियो की प्रयोगशाला में जा रहे हैं।
संस्थान के संयुक्त निदेशक, कैडराड डा.के.पी. सिंह ने बताया कि डॉ. जॉर्ज दिल्ली में भारतीय आर्युविज्ञान अनुसांधान परिषद के महानिदेशक, स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव, कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के सचिव से समग्र स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत रेबीज नियंत्रण हेतु रेबीज ओरल वैक्सीन के भारत में प्रयोग की संभावनायें एवं शोध के बारे में वार्ता करेंगे।
इस अवसर पर संस्थान के संयुक्त निदेशक कैडराड, डॉ. केपी सिंह, संयुक्त निदेशक, शोध डॉ. एसके सिंह, संयुक्त निदेशक, प्रसार शिक्षा, डॉ रूपसी तिवारी, संयुक्त निदेशक, शैक्षणिक डॉ. एस के मेंदीरत्ता, प्रभारी, पीएमई सेल डॉ. जी. साईकुमार, तथा विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम का संचालन डा. फिरदौस द्वारा किया गया जबकि धन्यवाद ज्ञापन डा. एम. स्वामी नाथन द्वारा दिया गया। इस अवसर पर डा. आर.वी.एस पव्वैया, रविकान्त अग्रवाल, प्रणव धर, प्रिमाशुं दंण्डपत, पी मदन मोहन, एम. पावडे. एस. दण्डपत, हिमानी धांजे, पी.के गुप्ता, संचय विश्वास, विक्रमादित्य उपमन्यु सहित संस्थान के अन्य परिसरों के संयुक्त निदेशक डा. पल्लव चौधरी, विमलेदु मंण्डल, अर्नव सेन, गौरखमल, एच.पी. ऐथल आदि उपस्थित रहे। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट