सैम पित्रोदा के बयान पर मोदी का हमला, कहा-माता-पिता से मिलने वाली विरासत पर भी टैक्स लगाना चाहती है कांग्रेस
सरगुजा । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सैम पित्रोदा के बयान को लेकर कांग्रेस की मंशा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि जिन लोगों ने पूरी कांग्रेस पार्टी को अपनी पैतृक संपत्ति मानकर अपने बच्चों को दे दी ,वो लोग नहीं चाहते कि एक सामान्य भारतीय अपने बच्चों को अपनी संपत्ति दे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस माता-पिता से मिलने वाली विरासत पर भी टैक्स लगाना चाहती है यानि कांग्रेस का मंत्र है — कांग्रेस की लूट, जिंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद भी।
छत्तीसगढ़ के सरगुजा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के खतरनाक इरादे एक के बाद एक खुलकर सामने आ रहे हैं। शाही परिवार के शहजादे के सलाहकार जो उनके पिता के भी सलाहकार रहे हैं, ने कुछ समय पहले कहा था कि मिडिल क्लास पर और ज्यादा टैक्स लगाना चाहिए। अब ये लोग इससे भी एक कदम और आगे बढ़ गए हैं।
पीएम मोदी ने कहा, अब कांग्रेस का कहना है कि वो विरासत टैक्स लगाएगी, माता-पिता से मिलने वाली विरासत पर भी टैक्स लगाएगी। आप जो मेहनत से संपत्ति जुटाते हैं, वो आपके बच्चों को नहीं मिलेगी, बल्कि कांग्रेस सरकार का पंजा उसे भी आपसे छीन लेगा। यानि कांग्रेस का मंत्र है- कांग्रेस की लूट जिंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद भी। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि यह परिवार उन्हीं सलाहकार की सलाह मानता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए आगे कहा कि जब तक आप जीवित रहेंगे, कांग्रेस आपको ज्यादा टैक्स से मारेगी और जब आप जीवित नहीं रहेंगे, तो वो आप पर इनहेरिटेन्स टैक्स का बोझ लाद देगी। जिन लोगों ने पूरी कांग्रेस पार्टी पैतृक संपत्ति मानकर अपने बच्चों को दे दी, वो लोग नहीं चाहते कि एक सामान्य भारतीय अपने बच्चों को अपनी संपत्ति दे।
दरअसल, सैम पित्रोदा ने कहा है कि अमेरिका में 55 फीसदी विरासत टैक्स लगता है। सरकार 55 फीसदी हिस्सा ले लेती है। उन्होंने कहा कि संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए। अगर किसी व्यक्ति के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है तो उसके मरने के बाद 45 फीसदी संपत्ति उसके बच्चों को और 55 फीसदी संपत्ति सरकार की हो जाती है। उन्होंने कहा कि भारत में ऐसा कानून नहीं है। ऐसे मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए और वे ऐसी नीतियों की बात कर रहे हैं, जो लोगों के हित में हो न कि सिर्फ अमीरों के हित में।