Friday, September 12, 2025
उत्तर प्रदेश

सोनभद्र की मदर टेरेसा मानी जाने वाली वनवासी सेवा आश्रम की डा. रागिनी का मनाया गया जन्म दिन

सोनभद्र, जनपद के सुदूर दक्षिण में स्थित म्योरपुर ब्लॉक के गोविंदपुर स्थित आदिवासियों के लिए समर्पित विख्यात बनवासी सेवा आश्रम में मंगलवार को आश्रम की सचिव रही प्रसिद्ध चिकित्सक और सोनभद्र की मदर टेरेसा कही जाने वाली डा. रागिनी के जन्म दिन पर उनकी याद में बनी प्रेरणा स्थल पर सर्व धर्म प्रार्थना की गई तत्पश्चात “बिचित्रा महाकक्ष” में गोष्ठी का आयोजन कर उनके कार्यों की चर्चा और सादगी भरे जीवन को याद कर उनके पद चिन्हों पर चलने का संकल्प लिया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ कवि, साहित्यकार राजनेता श्री अजय शेखर ने कहा कि डॉ. रागिनी प्रेम, गांधी जी के पद चिन्हों पर चलने वाली असली सनातनी थी।उन्होंने कहा कि सनातन का मतलब सत्यम,शिवम सुंदरम, से है जिसमें दूसरो का कल्याण निहित रहता है
लेकिन झूठे और पाखंडी लोग भी खुद को सनातन बताने लगते है जिनके अंदर झूठ कपट भरा हुआ है, तो दुःख होता है।उन्होंने आगे कहा कि हम सबको उनके उच्च विचार और सादगी के साथ समर्पित जीवन से सीख लेना चाहिए।भारत दुनिया में अग्रणी है और रहेगा इसका मूल मंत्र यही है कि देश सनातन के पथ पर चल कर सभी के लिए “वसुधैव कुटुम्बकम” की भावना रखे और प्रेरणा स्रोत बने।
एक पत्रिका की संपादक रहीं गांधी वादी पुतुल ने कहा कि डॉ. रागिनी का मानना था कि खुद के उपलब्ध संसाधनों के बल पर जो स्वावलंबी बन जाए तो वह दूसरों को सशक्त करने में में अग्रणी हो जाएगी।श्री लाल बहादुर सिंह ने कहा कि डा.रागिनी एम. डी.की पढ़ाई करने के बाद भी घरेलू दवाओं को महत्व देती थीं।उन्होंने 1967से लेकर 2014 तक जीवंत पर्यंत क्षेत्र की ग़रीब आदिवासी महिलाओं के स्वास्थ्य,शिक्षा हेतु और पर्यावरण सरंक्षण के लिए अनवरत काम किया, वह बेहद कठिन दौर था फिर भी अभाव ग्रस्त क्षेत्र में चुनौती पूर्ण काम किया। गोष्ठी में इंदुबाला,देव नाथ,सर्वजीत सिंह ,जगत नारायण विश्वकर्मा,गंगा राम, देव कुमारी ने भी अपने-अपने विचार रखे।लोगों ने भावुक होकर कहा कि उनके साथ काम करते हुए मां जैसा प्यार मिला।
कार्यक्रम में विमल सिंह,वीरेंद्र राय,माया सिंह, अभिनव,सीता देवी यशस्वी पांडेय, गिरधारी,जमुना,बिहारी, विजय कनौजिया,प्रमोद शर्मा पूजा विश्वकर्मा, संगीता, राम सुभग आदि सक्रिय रूप से उपस्थित रहे।

रवीन्द्र केसरी सोनभद्र